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यूपीएससी के लिए ‘अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची से भारत को हटाए जाने‘ का मुद्दा कितना महत्वपूर्ण है?
अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची (करेंसी मॉनिटरिंग लिस्ट) से भारत का नाम का हटाया जाना यूपीएससी की प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा दोनों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है। अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची से भारत को हटाए जाने का मुद्दा यूपीएससी पाठ्यक्रम से विभिन्न प्रकार से संबंधित है, जैसे जीएस2 (सरकारी नीतियां एवं अंतःक्षेप, द्विपक्षीय समूह एवं समझौते, भारत के हितों पर देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव) एवं जीएस 3 (बैंकिंग क्षेत्र) एवं एनबीएफसी, वैधानिक निकाय)।
कौन से देश हटाए गए और कौन से नहीं?
- हाल ही में, यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी ने अपने प्रमुख व्यापारिक भागीदारों की मुद्रा निगरानी सूची से भारत का नाम हटा दिया है।
- कांग्रेस को अपनी द्विवार्षिक रिपोर्ट में, अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने बताया कि भारत के साथ-साथ उसने मेक्सिको, थाईलैंड, इटली एवं वियतनाम को भी सूची से हटा दिया था।
- इसके साथ, वर्तमान निगरानी सूची में सम्मिलित सात अर्थव्यवस्थाओं में जापान, चीन, कोरिया, सिंगापुर, जर्मनी, मलेशिया तथा ताइवान शामिल हैं।
अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची क्या है?
- अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची अमेरिका के कुछ प्रमुख व्यापार भागीदारों की मुद्रा नीतियों का सूक्ष्मता से अनुसरण करती है।
- यदि कोई देश सूची में प्रकट होता है, तो उसे “मुद्रा मैनिपुलेटर” माना जाता है। एक ‘मुद्रा प्रकलक’ (करेंसी मैनिपुलेटर) एक पदनाम है जो अमेरिकी सरकार के प्राधिकारी उन देशों को देते हैं, जो अमेरिका के अनुसार व्यापार लाभ के लिए “अनुचित मुद्रा प्रथाओं” में संलग्न हैं।
- इस प्रकार, सूची में सम्मिलित होने का सीधा सा तात्पर्य है कि देश दूसरों पर लाभ प्राप्त करने हेतु कृत्रिम रूप से अपनी मुद्रा के मूल्य को कम कर रहा है।
- ऐसा इसलिए है क्योंकि कम मुद्रा मूल्य से उस देश से निर्यात लागत कम हो जाती है।
- स्थिति की रिपोर्ट यूएस डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी द्वारा अर्ध-वार्षिक रिपोर्ट के रूप में की जाती है जिसमें यह वैश्विक आर्थिक विकास को ट्रैक करता है तथा विदेशी मुद्रा दरों की समीक्षा करता है।
- यह अमेरिका के 20 प्रमुख व्यापारिक साझेदारों की मुद्रा व्यवहार की सूक्ष्मता से निगरानी एवं समीक्षा भी करता है।
अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची से भारत को हटाने के संभावित परिणाम क्या होंगे?
- अमेरिकी ट्रेजरी विभाग द्वारा अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची से भारत को हटाने को बाजार पहलू एवं भारत की मौद्रिक नीति-निर्माण दोनों के संदर्भ में एक सकारात्मक खबर के रूप में देखा जा सकता है।
- यदि भारतीय बाजार विशेषज्ञों की मानें तो विकास का अर्थ है कि भारतीय रिजर्व बैंक ( रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया/RBI) अब मुद्रा प्रकलक के रूप में टैग किए बिना प्रभावी ढंग से विनिमय दरों का प्रबंधन करने के लिए मजबूत उपाय कर सकता है।
- यह बाज़ार के दृष्टिकोण से एक बड़ी जीत भी हो सकती है एवं वैश्विक विकास में भारत की बढ़ती भूमिका को भी दर्शाती है।
- रुपये में गिरावट के बीच विनिमय दरों को प्रबंधित करने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में अतिरिक्त अंतर्वाह के समय डॉलर की अधिक खरीद तथा बहिर्वाह के समय डॉलर की बिक्री जैसे उपाय किए थे।
- विशेषज्ञ भी अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची से भारत को हटाने को एक अच्छी खबर के रूप में देख रहे हैं, इस दृष्टिकोण से रुपये का अधिमूल्यन हो सकता है।
मुद्रा निगरानी सूची के तीन मानदंड कौन से हैं
- अमेरिकी राजकोष आमतौर पर एक देश का नाम सूची में रखता है यदि उक्त राष्ट्र ने एक वर्ष में अपने सकल घरेलू उत्पाद के 2% से अधिक उच्च स्तर पर मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप किया है तथा एक निर्धारित स्तर से ऊपर चालू खाता अधिशेष था।
- विदेशी मुद्रा की इसकी शुद्ध खरीद को भी एक वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद के 2% से अधिक होने की आवश्यकता है।
- एक देश जो 2015 के व्यापार सुविधा एवं व्यापार प्रवर्तन अधिनियम में तीन में से दो मानदंडों को पूरा करता है, सूची में शामिल हो जाता है।
- यदि देश तीनों मानदंडों को पूरा करता है। इसे यूएस डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी द्वारा ‘मुद्रा प्रकलक’ कहा जाता है।
- एक बार जब कोई देश मुद्रा निगरानी सूची में प्रकट होता है, तो यह कम से कम दो लगातार रिपोर्ट के लिए वहां बना रहेगा “यह सुनिश्चित करने में सहायता के लिए कि मानदंड बनाम प्रदर्शन में कोई सुधार टिकाऊ है तथा अस्थायी कारकों के कारण नहीं है”।
प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. भारत को अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची से हटाना भारत के लिए अच्छा है या बुरा?
उत्तर: अमेरिकी ट्रेजरी विभाग द्वारा अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची से भारत को हटाने को बाजार पहलू एवं भारत की मौद्रिक नीति-निर्माण दोनों के संदर्भ में एक सकारात्मक खबर के रूप में देखा जा सकता है।
- भारत को अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची से किसने हटाया?
उत्तर: संयुक्त राज्य अमेरिका के वित्त विभाग ने भारत को अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची से हटा दिया।
प्र. मुद्रा प्रकलक (करेंसी मैनीपुलेटर) कौन है?
उत्तर: एक ‘करेंसी मैनिपुलेटर‘ एक पदनाम है जो अमेरिकी सरकार के अधिकारी उन देशों को देते हैं, जो अमेरिका के अनुसार व्यापार लाभ के लिए “अनुचित मुद्रा व्यवहार“ में संलग्न हैं।