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मुस्लिम समुदाय के लिए यूपीएससी एकेडमी: प्रासंगिकता
- जीएस 2: केंद्र एवं राज्यों द्वारा आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं तथा इन योजनाओं का प्रदर्शन।
मुस्लिम समुदाय के लिए आवासीय सिविल सेवा परीक्षा कोचिंग कार्यक्रम: संदर्भ
- हाल ही में, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने अंजुमन-ए-इस्लाम की यूपीएससी अकादमी (एआईयूपीएससी) का उद्घाटन किया है, जो सिविल सेवाओं एवं अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए मुंबई में एक एक आवासीय कोचिंग कार्यक्रम है।
अंजुमन-ए-इस्लाम की यूपीएससी अकादमी: मुख्य बिंदु
- विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के छात्रों तथा उम्मीदवारों के लिए, यह कार्यक्रम समाज के वंचित वर्गों के मुस्लिम छात्रों की सफलता की कहानियों से प्रेरित है।
- कार्यक्रम अंजुमन-ए-इस्लाम के प्रबंधन द्वारा स्थापित किया गया है एवं केंद्रीय वक्फ आयोग, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है।
- देश भर में हज भवन, जामिया मिलिया, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एवं अन्य पेशेवर कोचिंग सेंटरों द्वारा स्थापित अन्य कोचिंग सेंटरों के उभरते रुझानों को ध्यान में रखते हुए, कोचिंग सेंटर की दृष्टि कार्यक्रमों के एक व्यापक समुच्चय की प्रस्तुति के रूप में विकसित करना है।
भारत में अल्पसंख्यकों के लिए योजनाएं
- बैकअप टू ब्रिलिएंस पॉलिसी: इस नीति के कारण 2014 से पूर्व केंद्र सरकार की नौकरियों में अल्पसंख्यक समुदायों का प्रतिशत 5 प्रतिशत से कम था, अब यह 10 प्रतिशत से अधिक हो गया है।
- प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन (पीएम विकास) योजना: यह एक नई योजना है जो जरूरतमंदों के सामाजिक-आर्थिक एवं शैक्षिक सशक्तिकरण की दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध होगी, उन्हें रोजगारोन्मुखी कौशल विकास प्रदान करेगी।
- कौशल विकास एवं रोजगारोन्मुखी कार्यक्रम: “हुनर हाट”, “सीखो और कमाओ”, “नई मंजिल”, “नई रोशनी”, “उस्ताद” तथा “गरीब नवाज स्व-रोजगार योजना” जैसे कार्यक्रमों ने अल्पसंख्यक समुदाय के 20 लाख से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं।
- प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम: सरकार ने संपूर्ण देश में इस योजना का विस्तार किया है, जो पूर्व में अल्पसंख्यक समुदायों की उच्च संकेंद्रण वाले 90 जिलों तक सीमित थी।