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पीसीए का संशोधित ढांचा: प्रासंगिकता
- जीएस 3: भारतीय अर्थव्यवस्था एवं आयोजना,संसाधनों का अभिनियोजन, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे।
पीसीए का संशोधित ढांचा:प्रसंग
- हाल ही में, आरबीआई ने “उचित समय” पर पर्यवेक्षी हस्तक्षेप को सक्षम करने एवं प्रभावी बाजार व्यवस्था के लिए एक उपकरण के रूप में कार्य करने के लिए बैंकों हेतु एक संशोधित त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) ढांचे की घोषणा की है।
पीसीए का संशोधित ढांचा:प्रमुख बिंदु
वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद
संशोधित प्रावधान
- संशोधित पीसीए ढांचा 1 जनवरी, 2022 से लागू होगा।
- संशोधित ढांचे के तहत, संपत्ति पर रिटर्न को एक मापदंड के रूप में अपवर्जित रखा गया है, जिससे ढांचे के तहत कार्रवाई प्रारंभ हो सकती है।
- भुगतान बैंकों एवं लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) को भी ऋणदाताओं की सूची से हटा दिया गया है जहां त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई प्रारंभ की जा सकती है।
- संशोधित पीसीए ढांचे के तहत, पूंजी, परिसंपत्ति गुणवत्ता एवं लाभ प्राप्ति हेतु अनुपथन (ट्रैक) किए जाने वाले संकेतक क्रमशः सीआरएआर/सामान्य इक्विटी टियर I अनुपात, शुद्ध एनपीए अनुपात एवं टियर I लाभ प्राप्ति अनुपात होंगे।
- संचालन संबंधी कार्यों में, आरबीआई बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के तहत बोर्ड का स्थान ले सकता है।
शहरी सहकारी बैंक: विश्वनाथन समिति की रिपोर्ट
पीसीए किस पर लागू होगा?
- यह ढांचा भारत में परिचालित होने वाले सभी बैंकों पर लागू होगा, जिसमें शाखाओं या सहायक कंपनियों के माध्यम से परिचालन करने वाले विदेशी बैंक भी शामिल हैं, जो अभिनिर्धारित किए गए संकेतकों की जोखिम सीमा के उल्लंघन पर आधारित हैं।
पीसीए के तहत एक बैंक कब आएगा?
- एक बैंक को आम तौर पर लेखा परीक्षित वार्षिक वित्तीय परिणामों एवं आरबीआई द्वारा किए गए पर्यवेक्षी मूल्यांकन के आधार पर पीसीए ढांचे के अंतर्गत रखा जाएगा।
पीसीए के बारे में
- पीसीए ढांचे को प्रथम बार दिसंबर 2002 में संरचित आरंभिक अंतःक्षेप तंत्र के रूप में प्रारंभ किया गया था।
- इन विनियमों को बाद में अप्रैल 2017 में संशोधित किया गया।
- आरबीआई पीसीए ढांचे का उपयोग उन बैंकों पर अंकुश लगाने हेतु करता है जिन्होंने अशोध्य ऋण एवं पूंजी पर्याप्तता में कतिपय नियामक सीमाओं का उल्लंघन किया है।
- पीसीए उच्च जोखिम वाले ऋणों पर अंकुश लगाता है,व्यवस्था हेतु अधिक पैसा पृथक रूप से रखता है एवं प्रबंधन वेतन पर प्रतिबंध आरोपित करता है।
विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2020