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प्रमुख नदियाँ एवं उनकी सहायक नदियाँ

भारतीय जल अपवाह प्रणाली में बड़ी संख्या में छोटी एवं बड़ी नदियां सम्मिलित हैं। यह तीन प्रमुख भू आकृतिक इकाइयों की विकास प्रक्रिया एवं वर्षण की प्रकृति तथा विशेषताओं का परिणाम है।

भारत में बड़ी एवं छोटी दोनों- प्रकार की नदियाँ बड़ी संख्या में हैं। यह लेख विशेष रूप से प्रमुख नदियों एवं उनकी सहायक नदियों से संबंधित है।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा हेतु भारतीय नदी प्रणाली सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं अंक प्रदायक खंडों में से एक है। इस लेख में, हम प्रमुख नदियों एवं उनकी सहायक नदियों तथा हिमालय एवं प्रायद्वीपीय नदियों के मध्य तुलना के  संबंध में चर्चा करेंगे

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प्रमुख नदियाँ एवं उनकी सहायक नदियाँ

नदियाँ सहायक नदियाँ
सिंधु झेलम, चिनाब, रावी, व्यास एवं सतलुज
गंगा यमुना, चंबल, सोन, दामोदर, महाकाली, घाघरा, रामगंगा, कोसी, गंडक।
यमुना टोंस, हिंडन, चंबल, सिंध, बेतवा, केन।
चंबल बनास, सिंध, बेतवा, केन।
सोन जोहिला, गोपद, रिहंद, कन्हार, उत्तरी कोयल।
नर्मदा अमरावती, भुखी, तवा, बांगर
ब्रह्मपुत्र सुबंसिरी, कामेंग, बेलसीर, धनसिरी, मानस, संकोश, तीस्ता, डिब्रू, दिहिंग, कलंग, बूढ़ी, दिखू।
महानदी इब, हस्दो, श्योनाक, सोंढूर, पैरी, ओंग, दूरभाष।
गोदावरी पेनगंगा, वर्धा, वेनगंगा, इंद्रावती, सबरी, मंजीरा।
कृष्ण कोयना, तुंगभद्रा, घाटप्रभा, मालप्रभा, भीम, मुसी, मुनेरु।
कावेरी हरंगी, हेमावती, काबिनी, भवानी, अर्कावती, लक्ष्मण तीर्थ, नोय्याल और अर्कावती।

 

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हिमालय एवं प्रायद्वीपीय नदियों के मध्य तुलना

 

क्रम संख्या दृष्टिकोण हिमालयी नदी प्रायद्वीपीय नदी
उद्गम स्थल हिमनदों से आच्छादित हिमालय पर्वत प्रायद्वीपीय पठार एवं मध्य उच्च भूमि
प्रवाह की प्रकृति बारहमासी; हिमनद एवं वर्षा से जल प्राप्त करता है मौसमी; मानसूनी वर्षा पर निर्भर
जल अपवाह का प्रकार पूर्वगामी  एवं अनुवर्ती इसके परिणाम स्वरूप मैदानी इलाकों में वृक्षाकार प्रतिरूप की ओर अग्रसर अध्यारोपित, पुनर्युवनित जिसके परिणामस्वरुप जालयुक्त, अरीय एवं आयताकार प्रतिरूप
नदी की प्रकृति लंबा अपवाह मार्ग, ऊबड़-खाबड़ पर्वतों से प्रवाहित होते हुए, अभिशीर्ष अपरदन एवं नदी प्रग्रहण का सामना; मैदानी इलाकों में अपवाह मार्ग  का  विसर्पण एवं स्थानांतरण अच्छी तरह से समायोजित घाटियों के साथ छोटा, निश्चित अपवाह मार्ग
जलग्रहण क्षेत्र अत्यंत विस्तृत नदी द्रोणियां अपेक्षाकृत छोटी नदी द्रोणियां
नदी की अवस्था युवा एवं तरुण, सक्रिय एवं घाटियों में गहन प्रवणित रूपरेखा वाली पुरानी नदियाँ एवं लगभग अपने चरम स्तर तक पहुँच चुकी हैं

 

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