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15वां वित्त आयोग: पंचायतों को जल एवं स्वच्छता हेतु निबद्‌ध अनुदान

प्रासंगिकता

  • जीएस 2: स्थानीय स्तर तक शक्तियों एवं वित्त का हस्तांतरण तथा उसमें संबद्ध चुनौतियां।

 

प्रसंग

  • कुल मिलाकर, 15वें वित्त आयोग ने 2021-22 से 2025-26 की अवधि हेतु आरएलबी / पीआरआई को 2,36,805 करोड़ रुपये की अनुशंसा की।
  • उपरोक्त राशि में से, 15वें वित्त आयोग ने 2021-22 से  2025-26 तक की अवधि हेतु 1,42,084 करोड़ रुपये की  अनुशंसा की है, लगभग 60%, ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) / पंचायतों में जल एवं स्वच्छता से निबद्‌ध है।

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मुख्य बिंदु

  • ऊर्ध्वगामी दृष्टिकोण का अनुसरण करते हुए, यह अपेक्षा की जाती है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत या उसकी उप-समिति, अर्थात, ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (वीडब्ल्यूएससी) / पानी समिति एक ‘स्थानीय सार्वजनिक उपादेयता’ के रूप में कार्य करेगी।
    • यह स्थानीय जनोपयोगी सुविधा मात्र आधारिक अवसंरचना के निर्माण के स्थान पर सेवा वितरण पर ध्यान देने के साथ नियमित एवं दीर्घकालिक आधार पर गांव में जलापूर्ति  तथा स्वच्छता सेवाओं की योजना, अनुमोदन, क्रियान्वयन, प्रबंधन, संचालन तथा अनुरक्षण कर सकती है।
  • प्रत्येक गांव को 15वें वित्त आयोग की अवधि के साथ एक 5 वर्षीय ग्राम कार्य योजना सह-अंतक (टर्मिनस) तैयार करने की आवश्यकता है, जिसमें महत्वपूर्ण घटक: जल प्रबंधन सम्मिलित है।
    • ये ग्राम कार्य योजनाएं ग्राम पंचायत विकास योजनाओं का हिस्सा होंगी।

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नोडल विभाग

  • पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस), जल शक्ति मंत्रालय, ‘ जल एवं स्वच्छता हेतु 15वें एफसी निबद्‌ध अनुदान’ के लिए ग्रामीण स्थानीय निकायों की पात्रता निर्धारित करने हेतु नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा।
  • यह सभी राज्यों के लिए वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग को जल एवं स्वच्छता के लिए निबद्‌ध अनुदान जारी करने की भी सिफारिश करता है।

 

निबद्‌ध अनुदान किस प्रकार सहायता करेंगे?

  • 15वें वित्त आयोग से निबद्‌ध अनुदान यह सुनिश्चित करेंगे कि ग्राम पंचायतें सेवा वितरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्थानीय सार्वजनिक उपादेयताओं के रूप में कार्य करें।
  • इस निबद्‌ध अनुदान ने ग्राम पंचायतों को गांधीजी के ग्राम स्वराज के अनुरूप स्थानीय स्वशासन को पुनः परिभाषित करने का सुनहरा अवसर प्रदान किया है।
  • गांवों में नल के जल की आपूर्ति एवं बेहतर स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए यह एक बड़ा कदम है।
  • निबद्‌ध अनुदान का उपयोग निम्नलिखित के लिए किया जाएगा
    • पेयजल की आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण।
    • स्वच्छता एवं खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्थिति का अनुरक्षण।
  • संविधान के 73वें संशोधन के अनुसार, ग्राम पंचायतों को गांवों में उपरोक्त दो बुनियादी सेवाओं का प्रबंधन करने का अधिकार है, जिन्हें पंचायतों के मुख्य कार्यों में से एक माना जाता है।

 

उद्देश्य

  • आरएलबी / ग्राम पंचायतों को निम्नलिखित के लिए उत्तरदायित्व निभाने में सक्षम बनाना
    • पीने योग्य पानी की आपूर्ति
    • दूषित जल (ग्रे वाटर) प्रबंधन ठोस अपशिष्ट प्रबंधन
    • खुले में शौच मुक्त स्थिति का अनुरक्षण एवं गांवों में बेहतर स्वच्छता।
    • जल जनित रोगों को कम करना तथा स्वास्थ्य में सुधार करना
    • विद्यालयों से छोड़ने (ड्रॉपआउट) में कमी, कठिन परिश्रम में कमी, आदि।

 

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