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आरएसईटीआई यूपीएससी: प्रासंगिकता
- जीएस 2: केंद्र एवं राज्यों द्वारा आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं
RSETI: संदर्भ
- हाल ही में, ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (रूरल सेल्फ एंप्लॉयमेंट ट्रेंनिंग इंस्टीट्यूट्स/ आरएसईटीआई) ने आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में महिला केंद्रित पाठ्यक्रमों के नए बैचों का शुभारंभ किया है।
आरएसईटीआई: प्रमुख बिंदु
- आरएसईटीआई कार्यक्रम के अंतर्गत कुल प्रशिक्षित उम्मीदवारों में महिलाओं की संख्या 66 प्रतिशत है।
- इसकी स्थापना से अब तक लगभग 26.28 लाख महिला अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है एवं लगभग 18.7 लाख को सफलतापूर्वक स्थापित किया जा चुका है।
- होममेड अगरबत्ती मेकर, सॉफ्ट टॉय मेकर एंड सेलर, पापड़, अचार तथा मसाला पाउडर, ब्यूटी पार्लर मैनेजमेंट एवं कॉस्ट्यूम ज्वेलरी उद्यमी आदि ट्रेडों में नए बैच प्रारंभ किए गए।
- आरएसईटीआई योजना के तहत कुल 64 में से 10 प्रशिक्षण पाठ्यक्रम विशेष रूप से महिला उम्मीदवारों के लिए लक्षित हैं।
आरएसईटीआई क्या है?
- आरएसईटीआई (ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान) कार्यक्रम ग्रामीण विकास मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ रूरल डेवलपमेंट/एमओआरडी), भारत सरकार, राज्य सरकारों तथा प्रायोजक बैंकों के मध्य एक तीन-तरफा साझेदारी है।
- यह कार्यक्रम 2009 में कर्नाटक के रुडसेटी से प्रेरणा लेकर प्रारंभ किया गया था।
- रुडसेटी को 1982 में कर्नाटक में मंजूनाथेश्वर ट्रस्ट, सिंडिकेट बैंक एवं केनरा बैंक के सहयोग से प्रारंभ किया गया था।
- ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार/उद्यमिता उद्यम शुरू करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु बैंकों को अपने प्रमुख जिले में कम से कम एक आरएसईटीआई खोलना अनिवार्य है।
- आरएसईटीआई कार्यक्रम उद्यमियों के अल्पकालिक प्रशिक्षण तथा दीर्घकालिक सहयोग के दृष्टिकोण के साथ संचालित है।
- 18-45 वर्ष आयु वर्ग के ग्रामीण निर्धन युवा प्रशिक्षण में सम्मिलित होने हेतु पात्र हैं।
- प्रत्येक आरएसईटीआई में 1-6 सप्ताह की अल्प अवधि के लिए 30-40 कौशल विकास कार्यक्रम हैं।
- कुल क्रियाशील आरएसईटीआई: 32 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 585।
- ग्रामीण निर्धन युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने तथा उन्हें कार्यक्षेत्र एवं उद्यमशीलता कौशल में प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें लाभदायक उद्यमियों में रूपांतरित करने में आरएसईटीआई अग्रणी के रूप में स्थापित हो गए हैं।
आरएसईटीआई के उद्देश्य
- ग्रामीण बीपीएल युवाओं की पहचान कर उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
- प्रस्तावित प्रशिक्षण मांग आधारित होगा।
- प्रशिक्षणार्थी को किस क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, यह उम्मीदवार की योग्यता का आकलन करने के पश्चात निर्धारित किया जाएगा।
- बैंकों के साथ सुनिश्चित क्रेडिट लिंकेज के लिए मार्गदर्शक सहायता (हैंड होल्डिंग सपोर्ट) प्रदान किया जाएगा।
- सूक्ष्म उद्यम प्रशिक्षुओं की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए शीघ्र ही कम से कम दो वर्ष हेतु अनुरक्षी (एस्कॉर्ट) सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
- प्रशिक्षुओं को निशुल्क भोजन एवं आवास के साथ गहन अल्पकालिक आवासीय स्वरोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान किए जाएंगे।