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आईएनएसटीसी यूपीएससी: प्रासंगिकता
- जीएस 2: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।
आईएनएसटीसी गलियारा: प्रसंग
- हाल ही में, रूसी राष्ट्रपति व्लामिदिर पुतिन ने ईरान के माध्यम से रूस एवं भारत के मध्य प्रमुख संपर्क कड़ी (लिंक) के रूप में अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन कॉरिडोर ( इंटरनेशनल नाउ नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर/INSTC) हेतु प्रभावशाली रूप से जोर दिया है।
आईएनएसटीसी की समीक्षा: प्रमुख बिंदु
- यूरेशियन क्षेत्र में एक मेगा संपर्क (कनेक्टिविटी) पहल के रूप में चीन द्वारा बीआरआई (बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव) पर बल देने के बावजूद राष्ट्रपति ने इसे वास्तव में एक महत्वाकांक्षी परियोजना के रूप में वर्णित किया है।
- हाल ही में आयोजित छठे कैस्पियन शिखर सम्मेलन 2022 में, राष्ट्रपति ने आईएनएसटीसी को “सेंट पीटर्सबर्ग से ईरान तथा भारत में बंदरगाहों तक परिवहन धमनी” के रूप में वर्णित किया।
- कुछ दिनों पूर्व, रूस ने सेंट पीटर्सबर्ग से अस्त्रखान के कैस्पियन बंदरगाह एवं अंजाली के ईरानी बंदरगाह के माध्यम से भारत के लिए खेप भेजी और वहां से बंदर अब्बास बंदरगाह तथा उसके बाद पश्चिमी भारतीय बंदरगाहों को आईएनएसटीसी के संचालन हेतु भेजा।
आईएनएसटीसी में रूस की दिलचस्पी
- रूस अपनी अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ रहे पश्चिमी प्रतिबंधों के मध्य नवीन उद्यमों को प्रारंभ करने के अवसर की तलाश में है।
- इसके अतिरिक्त, रूस का औद्योगिक रूप से सर्वाधिक उन्नत राज्य रियाज़ान भारत के साथ अधिक आर्थिक सहयोग की तलाश में था।
आईएनएसटीसी क्या है?
- आईएनएसटीसी सदस्य: INSTC भारत, ईरान, अफगानिस्तान, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया एवं यूरोप के बीच माल ढुलाई के लिए जलपोत, रेल एवं सड़क मार्गों का 7,200 किलोमीटर लंबा मल्टी-मोड नेटवर्क है।
- एनएसटीसी परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य वर्तमान में उपयोग किए जा रहे पारंपरिक मार्ग पर समय एवं धन के संदर्भ में लागत को कम करना है।
INSTC का महत्व
- न्यूनीकृत समय एवं लागत: परिवहन प्रतिमान के प्राथमिक उद्देश्यों में से एक यह है कि यह एक देश से दूसरे देश में खेप भेजने में लगने वाले समय को कम करेगा, जिससे अंततः लागत कम हो जाएगी।
- रूस यूक्रेन युद्ध: यूक्रेन पर रूसी आक्रमण एवं रूस के विरुद्ध पश्चातवर्ती प्रतिबंधों के कारण देश से पश्चिमी व्यवसायों का पलायन हुआ है, जिसने बदले में भारत को आर्थिक शून्य को भरने का अवसर दिया है।
- रूस के साथ व्यापार में वृद्धि: 2021-22 में रूस को भारत का निर्यात 3.24 बिलियन डॉलर था, जो कि महामारी- पूर्व के 3 बिलियन डॉलर के आंकड़े से ऊपर था। इस बीच, देश से आयात बढ़कर 9.86 अरब डॉलर हो गया है। INSTC रूस के साथ और अधिक भूमि व्यापार सुनिश्चित करेगा।
- चीनी व्यापारियों को प्रत्युत्तर: रूस से पश्चिमी कंपनियों के बहिर्वाह के मद्देनजर, चीनी व्यापारी रूसी बाजार में प्रवेश करने के लिए दौड़ रहे हैं। INSTC में भारत को एक महत्वपूर्ण वैश्विक प्रतिभागी बनाने की क्षमता है।
- बाजार का विस्तार: यह मार्ग स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल (कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट कंट्रीज/सीआईएस) देशों के उच्च-संभावित बाजारों के साथ वृहत्तर संपर्क एवं व्यापार स्थापित करने के भारत के समग्र प्रयासों का भी हिस्सा है।
- पाकिस्तान की उपेक्षा करता है: INSTC भारत को एक मार्ग प्रदान करता है जो पाकिस्तान को दरकिनार करते हुए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं एवं व्यापार नेटवर्क के लिए एक अवसर सुनिश्चित करता है।