Categories: UPSC Current Affairs

सुरक्षित इंटरनेट दिवस: इंटरनेट एवं बच्चों की सुरक्षा

इंटरनेट एवं बच्चों की सुरक्षा: प्रासंगिकता

  • जीएस 3:  सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-प्रौद्योगिकी, जैव-प्रौद्योगिकी तथा बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित मुद्दों के क्षेत्र में जागरूकता।

इंटरनेट एवं बच्चों की सुरक्षा: संदर्भ

  • सुरक्षित इंटरनेट दिवस प्रत्येक वर्ष 8 फरवरी को मनाया जाता है। इस लेख में, हम विश्लेषण करेंगे कि इंटरनेट ने भारत के बच्चों के जीवन को किस प्रकार प्रभावित किया है।

 

इंटरनेट एवं बच्चों की सुरक्षा: प्रमुख बिंदु

  • विभिन्न अध्ययनों से ज्ञात हुआ है कि कोविड-19 महामारी ने बच्चों को ऑनलाइन इंटरनेट वितरण (सर्फिंग) की अरक्षितता के प्रति अनावृत किया है
  • 2020 में क्राई (चाइल्ड राइट्स एंड यू) द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि लगभग आधे उत्तरदाताओं (48 प्रतिशत) ने इंटरनेट पर किसी न किसी स्तर के व्यसन को प्रदर्शित किया है।
  • इसी तरह, ब्रिटेन स्थित इंटरनेट वॉच फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 ऑनलाइन बाल यौन शोषण के लिए अभिलिखित सर्वाधिक खराब वर्ष था।
  • राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो ( नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो/एनसीआरबी) (2020) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, विगत वर्ष की तुलना में बच्चों के प्रति होने वाले साइबर अपराधों में तीव्र वृद्धि (400 प्रतिशत से अधिक) हुई है।
    • 2020 में दर्ज किए गए 842 मामलों में से, 738 मामले बच्चों को स्पष्ट रूप से यौन क्रिया में दर्शाने वाली सामग्री के प्रकाशन या प्रसारण से संबंधित थे।

यूपीएससी एवं राज्य लोक सेवा आयोगों की परीक्षाओं हेतु नि शुल्क अध्ययन सामग्री प्राप्त करें

इंटरनेट के व्यसन के कारण

  • इंटरनेट पर अति-निर्भरता: सूचना के उपभोग तथा दैनिक संप्रेषण के लिए एवं रुचियों की एक विस्तृत श्रृंखला की खोज के लिए एक प्रमुख विधि के रूप में इंटरनेट बच्चों के जीवन का एक अभिन्न अंग बनता जा रहा है।
  • ऑनलाइन जोखिम: इस अति-निर्भरता ने बच्चों को व्यापक अवसर प्रदान करने के साथ-साथ ऑनलाइन जोखिमों के प्रति अनावृत किया है जैसे:
    • विषय वस्तु (सामग्री) से संबंधित जोखिम, जहां बच्चा व्यापक स्तर पर उत्पादित सामग्री का प्राप्तकर्ता होता है।
    • संपर्क-संबंधी जोखिम, जब वे वयस्क द्वारा आरंभ किए गए ऑनलाइन अंतः क्रिया (इंटरैक्शन) के शिकार होते हैं, जिसमें बच्चे को संभवतः अनजाने में या अनिच्छा से भाग लेने की आवश्यकता होती है।
    • आचरण से संबंधित जोखिम, जहां बच्चा एक व्यापक सम स्तर संचार या नेटवर्क की अंतः क्रिया के भीतर एक कर्ता अथवा अंतः क्रिया का कारक बन जाता है।
  • कोविड-19 महामारी: महामारी के दौरान छोटे बच्चों की इंटरनेट पर बढ़ती निर्भरता ने उन्हें और अधिक असुरक्षित बना दिया है।
  • परिवारों के आर्थिक कष्ट: परिवारों के आर्थिक कष्ट एवं सामुदायिक सहायता तथा सेवाओं तक सीमित पहुंच, जो बाल यौन शोषण को संबोधित करने में सहायक हैं, ने बच्चों को ऑनलाइन शोषण के प्रति अधिक संवेदनशील बना दिया है।

 

इंटरनेट पर बच्चों  के व्यसन/लत को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है?

  • जागरूकता एवं शिक्षा: ऑनलाइन विश्व से जुड़े जोखिमों के बारे में जागरूकता तथा बच्चों एवं उनके माता-पिता को शिक्षित करना बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करने वाला पहला स्तंभ है।
  • सामंजस्य एवं सहक्रिया: हालांकि, जागरूकता एवं शिक्षा अकेले उन चुनौतियों के समुद्र का समाधान नहीं कर सकती है, जिनके लिए ऑनलाइन दुनिया हमारे समक्ष लेकर आई है। इंटरनेट प्रशासन नीति तथा बाल संरक्षण सेवाओं के लिए विभिन्न मंचों द्वारा किए गए सामंजस्य एवं सहक्रियात्मक कार्रवाई की आवश्यकता है।
  • केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की भूमिका: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमडब्ल्यूसीडी) को सामंजस्य को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।
    • साइबर धमकी/प्रताड़ना के अपराधीकरण जैसे अनेक साइबर सुरक्षा मुद्दों पर विधायी तथा नीतिगत उपायों में अंतराल को दूर करने में मंत्रालय की महत्वपूर्ण भूमिका है।
  • सहायक पर्यवेक्षण एवं मार्गदर्शन: घर पर माता-पिता (अभिभावक) तथा देखभाल करने वालों से सहायक पर्यवेक्षण एवं मार्गदर्शन सुनिश्चित करना, अवसरों तथा लाभों को प्रोत्साहित करने एवं किशोरों के मध्य जोखिम एवं हानि को रोकने में एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू है।
  • बजटीय सहायता: यद्यपि 2022 के बजट में बाल संरक्षण बजट में 44 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, किंतु इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि इसका कौन सा अंश बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा से संबंधित होगा, क्योंकि बाल संरक्षण   प्रछत्र के तहत ऐसा कोई घटक उपस्थित नहीं है।

इंटरनेट एवं बच्चों की सुरक्षा: आगे की राह

  • सरकार, नागरिक समाज एवं माता-पिता सहित सभी संबंधित हितधारकों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि बच्चे किसी भी ऑनलाइन क्षति से अच्छी तरह से सुरक्षित हैं।

 

भारत में कृषक आंदोलनों की सूची मूल अधिकार (अनुच्छेद 12-35)- स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22) पीएम किसान संपदा योजना विस्तारित भारत में फिनटेक उद्योग: फिनटेक ओपन समिट
विनिमय दर के प्रकार: भारत में विनिमय दर प्रणाली भारतीय फुटवियर एवं चमड़ा विकास कार्यक्रम पर्वतमाला योजना: राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम विनिमय दर: अवमूल्यन, पुनर्मूल्यन, मूल्यह्रास, अधिमूल्यन
उड़ान योजना: 3 वर्ष पूर्ण होने पर 4 में से मात्र 1 ही शेष है सघन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई) 4.0 भारत में शैल तंत्र भाग -2 बैटरी स्वैपिंग योजना
manish

Recent Posts

UPSC CMS Admit Card 2024 Out, Get Link to Download Hall Ticket

The Union Public Service Commission (UPSC) has finally announced the UPSC CMS Admit Card 2024…

30 mins ago

TSPSC Group 1 Results 2024 Soon Release at tspsc.gov.in

The Telangana State Public Service Commission (TSPSC) is set to announce the TSPSC Group 1…

34 mins ago

Census of India 2011, Importance, Data, and Get PDF Link

Census of India 2011— The 15th Indian Census, conducted in 2011, comprised two main phases: house…

18 hours ago

UPSC CMS Eligibility Criteria 2024, Qualification and Age Limit

Union Public Service Commission released the UPSC CMS Notification 2024 on 10th April 2024 on…

18 hours ago

UPSC Mains Exam Date 2024 Out, Check UPSC CSE Exam

The highly reputed exam of India "UPSC" is conducted  every year to recruit for the…

18 hours ago

UPSC Mains DAF 2024 Out, Check Mains DAF Online Form Link

UPSC Mains DAF 2024 Out: The Union Public Service Commission (UPSC) has issued the Detailed…

19 hours ago