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“सागर परिक्रमा” कार्यक्रम

सागर परिक्रमाकार्यक्रम- यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 3: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां  एवं  अंतः क्षेप तथा उनके अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

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सागर परिक्रमाकार्यक्रम- संदर्भ

  • मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय 75वें आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर “सागर परिक्रमा” कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है।

 

सागर परिक्रमाकार्यक्रम- प्रमुख बिंदु

  • सागर परिक्रमा कार्यक्रम के बारे में: हमारे समुद्रों के प्रति कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में, सागर परिक्रमा कार्यक्रम हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों, नाविकों  एवं मछुआरों का अभिनंदन कर रहा है।
    • ‘सागर परिक्रमा’ कार्यक्रम का प्रथम चरण गुजरात से 5 फरवरी 2022 को 2 दिनों के लिए प्रारंभ होगा।
  • उद्देश्य: सागर परिक्रमा कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा एवं तटीय मत्स्य पालक समुदायों की आजीविका तथा समुद्री पारिस्थितिक तंत्र की सुरक्षा के लिए समुद्री मत्स्य संसाधनों के उपयोग के  मध्य  धारणीय संतुलन पर ध्यान केंद्रित करना है।
  • कार्यक्रम का आयोजन: सागर परिक्रमा कार्यक्रम सभी तटीय राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में मनाए जाने का प्रस्ताव है।
    • सागर परिक्रमा कार्यक्रम गुजरात, दीव, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, अंडमान एवं निकोबार तथा लक्षद्वीप द्वीप समूह से एक पूर्व-निर्धारित समुद्री मार्ग के माध्यम से मनाया जाना है।
    • सागर परिक्रमा कार्यक्रम इन स्थानों एवं जिलों में मत्स्य पालकों, मछुआरे समुदायों  एवं हितधारकों के साथ अंतः क्रिया कार्यक्रम है।
  • महत्व:
    • तटीय मछुआरों की समस्याओं को जानने के लिए 75वें “आज़ादी का अमृत महोत्सव” के एक भाग के रूप में सागर परिक्रमा कार्यक्रम मनाया जा रहा है।
    • सागर परिक्रमा के तहत, समस्त मत्स्य पालकों, मत्स्य उत्पादकों एवं संबंधित हितधारकों के साथ आत्मनिर्भर भारत की भावना के साथ एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए तटीय क्षेत्र में समुद्र में एक विकासवादी यात्रा की परिकल्पना की गई है।
  • मूल मंत्रालय एवं अन्य हितधारक: सागर परिक्रमा को मत्स्य पालन विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन  तथा डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार एवं राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड  द्वारा निम्नलिखित के साथ मनाया जाना है-
    • मत्स्य पालन विभाग, गुजरात सरकार,
    • भारतीय तटरक्षक बल,
    • भारतीय मात्स्यिकी सर्वेक्षण,
    • गुजरात मैरीटाइम बोर्ड  एवं
    •  मत्स्य पालकों के प्रतिनिधि

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सागर परिक्रमाकार्यक्रम- प्रमुख घटनाक्रम 

  • कार्यक्रम के दौरान प्रगतिशील मत्स्य पालकों, विशेष रूप से तटीय मछुआरों, माहीगीरों एवं मत्स्य उत्पादकों, युवा मत्स्य उद्यमियों इत्यादि को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, केसीसी तथा राज्य योजना से संबंधित प्रमाण पत्र /स्वीकृति प्रदान की जाएगी।
  • पीएमएमएसवाई योजना, राज्य योजनाओं, एफआईडीएफ, केसीसी इत्यादि पर साहित्य को प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, वीडियो, डिजिटल अभियानों के माध्यम से तुकांतक कविताओं (जिंगल) के माध्यम से लोकप्रिय बनाया जाएगा ताकि योजनाओं के व्यापक प्रचार के लिए मत्स्य पालकों के मध्य लोकप्रिय बनाया जा सके।

 

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