Table of Contents
सखी-वन स्टॉप सेंटर- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2 के लिए प्रासंगिकता: शासन, प्रशासन और चुनौतियां- केंद्र और राज्यों द्वारा आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं एवं इन योजनाओं का प्रदर्शन।
समाचारों में सखी-वन स्टॉप सेंटर
- अब तक, देश भर के 729 जिलों के लिए 733 वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) को स्वीकृति प्रदान की गई है, जिनमें से 35 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 704 ओएससी संचालित किए गए हैं, जिन्होंने 4.93 लाख से अधिक महिलाओं की सहायता की है।
- सखी-वन स्टॉप सेंटर के बारे में यह जानकारी महिला एवं बाल विकास मंत्री ने संसद में दी है।
सखी-वन स्टॉप सेंटर क्या है?
- सखी एक वन स्टॉप सेंटर है जो हिंसा या विपत्तिजनक स्थिति से प्रभावित महिलाओं को पुलिस सुविधा, चिकित्सा सहायता, विधिक सहायता एवं परामर्श, मनो-सामाजिक परामर्श तथा अस्थायी आश्रय सहित एक छत के नीचे अनेक एकीकृत सेवाएं प्रदान करता है।
- वर्ष 2015 के बाद से जिला स्तर पर वन स्टॉप सेंटर की स्थापना ने हिंसा का सामना करने वाली एवं विपत्तिजनक स्थिति में पड़ी महिलाओं को आवश्यक प्रोत्साहन एवं सहायता प्राप्त करने के लिए एक समर्पित मंच प्रदान किया है, जो पहले उपलब्ध नहीं था।
सखी-वन स्टॉप सेंटर के प्रमुख उद्देश्य
- वन-स्टॉप सेंटर (ओएससी) का उद्देश्य निजी एवं सार्वजनिक स्थानों पर, परिवार, समुदाय तथा कार्यस्थल पर हिंसा से प्रभावित महिलाओं की सहायता करना है।
- आयु, वर्ग, जाति, शिक्षा की स्थिति, वैवाहिक स्थिति, जाति एवं संस्कृति के बावजूद शारीरिक, यौन, भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक तथा आर्थिक शोषण का सामना करने वाली महिलाओं को सहायता तथा निवारण के साथ सुविधा प्रदान की जाएगी।
- प्रमुख उद्देश्य:
- एक ही छत के नीचे निजी एवं सार्वजनिक दोनों स्थानों पर हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एकीकृत प्रोत्साहन एवं सहायता प्रदान करना।
- महिलाओं के प्रति किसी भी प्रकार की हिंसा के विरुद्ध लड़ने के लिए एक ही छत के नीचे चिकित्सा, विधिक, मनोवैज्ञानिक एवं परामर्श सहायता सहित सेवाओं की एक श्रृंखला के लिए तत्काल, आपातकालीन एवं गैर-आपातकालीन पहुंच की सुविधा प्रदान करना।
सखी-वन स्टॉप सेंटर का कार्यान्वयन
- सखी योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु इन केन्द्रों पर उपयुक्त जनशक्ति/कर्मचारियों की भर्ती एवं नियुक्ति के लिए राज्य/जिला प्राधिकरण उत्तरदायी हैं।
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय समय-समय पर बैठकों, वीडियो कांफ्रेंसिंग तथा राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के प्रशासनों को परामर्श जारी करके योजना के क्रियान्वयन एवं इन केंद्रों के कार्यकरण की समीक्षा करता है।
वन स्टॉप सेंटर में प्रदान की जाने वाली सेवाएं
निम्नलिखित सेवाओं तक पहुंच की सुविधा के लिए सखी वन स्टॉप केंद्रों को महिला हेल्पलाइन के साथ एकीकृत किया जाएगा-
- आपातकालीन प्रतिक्रिया तथा बचाव सेवाएं: वन स्टॉप सेंटर हिंसा से प्रभावित महिलाओं को बचाव तथा परामर्श सेवाएं प्रदान करेगी।
- इसके लिए वर्तमान तंत्र जैसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (नेशनल हेल्थ मिशन/एनएचएम), 108 सेवाओं एवं पुलिस (पीसीआर वैन) के साथ संपर्क विकसित किया जाएगा।
- चिकित्सा सहायता: हिंसा से प्रभावित महिलाओं को चिकित्सा सहायता/परीक्षण हेतु निकटतम अस्पताल में भेजा जाएगा जो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा विकसित दिशा-निर्देशों तथा प्रोटोकॉल के अनुसार किया जाएगा।
- प्राथमिकी/एनसीआर/डीआईआर दर्ज कराने में महिलाओं की सहायता
- मनो-सामाजिक सहायता/परामर्श: मनो-सामाजिक परामर्श सेवाएं प्रदान करने वाला एक कुशल परामर्शदाता कॉल पर उपलब्ध होगा।
- यह परामर्श प्रक्रिया महिलाओं को हिंसा को संबोधित करने या हिंसा के लिए न्याय पाने के लिए विश्वास एवं समर्थन प्रदान करेगी।
- विधिक सहायता एवं परामर्श: हिंसा से प्रभावित महिलाओं के लिए न्याय तक पहुंच की सुविधा के लिए, वन स्टॉप सेंटर में पैनलबद्ध अधिवक्ताओं या राष्ट्रीय/राज्य/जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से कानूनी सहायता एवं परामर्श प्रदान किया जाएगा।
- पीड़ित महिला को उसकी पसंद का एक अधिवक्ता की सेवा प्रदान की जाएगी यदि वह अपने मामले की सुनवाई में राज्य के अभियोजकों की सहायता करने के लिए उसे संलग्न करना चाहती है।
- यह वकील/अभियोजक का उत्तरदायित्व होगा कि वह पीड़ित महिला के लिए कानूनी प्रक्रियाओं को सरल करे तथा उसे अदालती सुनवाई से छूट देने की वकालत करे।
- आश्रय: वन स्टॉप सेंटर पीड़ित महिलाओं को एक अस्थायी आश्रय सुविधा प्रदान करेगा।
- दीर्घकालीन आश्रय आवश्यकताओं के लिए स्वाधार गृह/शॉर्ट स्टे होम (प्रबंधित/सरकार/गैर सरकारी संगठन से संबद्ध) के साथ व्यवस्था की जाएगी।
- हिंसा से प्रभावित महिलाएं अपने बच्चों के साथ (सभी आयु वर्ग की बालिकाएं तथा 8 वर्ष की आयु तक के बालक) अधिकतम 5 दिनों की अवधि के लिए ओएससी में एक अस्थायी आश्रय का लाभ उठा सकती हैं।
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा: त्वरित एवं परेशानी रहित पुलिस एवं न्यायालय की कार्यवाही की सुविधा के लिए वन स्टॉप सेंटर एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा (स्काइप, गूगल कॉन्फ्रेंसिंग इत्यादि के माध्यम से) प्रदान करेगा।
- यह सुविधा संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक, जिला एवं सत्र न्यायाधीश (घटना स्थल) के परामर्श के बाद ही प्रदान की जाएगी।