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संत सेवालाल महाराज कौन हैं?

संत सेवालाल महाराज कौन हैं?

इस लेख, ‘संत सेवालाल महाराज कौन हैं?’ में, हम पढ़ेंगे: संत सेवालाल महाराज कौन हैं?, लम्बाडी कौन हैं?, बंजारा समुदाय की सामाजिक स्थिति, इत्यादि।

प्रसंग

चर्चा में क्यों है?

  • पहली बार, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा बंजारा समुदाय के आध्यात्मिक एवं धार्मिक नेता संत सेवालाल महाराज की वर्ष भर चलने वाली जयंती मनाई जा रही है।
  • भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने का उत्सव मनाने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव अभियान के तत्वावधान में वार्षिक स्मरणोत्सव।
  • उत्सव 26 फरवरी, 2023 से प्रारंभ हुआ।

पृष्ठभूमि

विगत 3 वर्षों से, संत सेवालाल महाराज चैरिटेबल ट्रस्ट, नई दिल्ली, जिसके अध्यक्ष डॉ. उमेश जाधव कर्नाटक के कलबुर्गी निर्वाचन क्षेत्र से बंजारा समुदाय के एकमात्र सांसद हैं, दिल्ली में जयंती मना रहे हैं, जहां हजारों बंजारा समुदाय के लोग देश के अलग-अलग राज्यों से इसमें भाग लेंगे।

संत सेवालाल महाराज कौन हैं?

  • जन्म: संत सेवालाल महाराज का जन्म 15 फरवरी 1739 को कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के सुर गोंडा कोप्पा में हुआ था।
  • मूल: संत सेवालाल महाराज के दादा राम जी राठौड़ राजस्थान के चित्तौड़गढ़ क्षेत्र से एक व्यापारी एवं पशुपालक के रूप में प्रवासित हुए थे।
  • बंजारा समुदाय के आध्यात्मिक गुरु: उन्हें बंजारा समुदाय का समाज सुधारक एवं आध्यात्मिक गुरु माना जाता है। माना जाता है कि देश भर में बंजारा समुदाय की आबादी  करीब 10 से 12 करोड़ है।
  • संत सेवालाल महाराज द्वारा प्रमुख सुधार
    • उन्होंने विशेष रूप से वनवासियों एवं घुमंतू (खानाबदोश) जनजातियों की सेवा करने के लिए अपने लादेनिया मंडली के साथ देश भर में यात्रा की।
    • आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा में अपने असाधारण ज्ञान, उत्कृष्ट कौशल तथा आध्यात्मिक पृष्ठभूमि के कारण, वह आदिवासी समुदायों में प्रचलित मिथकों एवं अंधविश्वासों को दूर करने तथा उनके जीवन में सुधार लाने में सक्षम थे।
    • ऐसे समुदायों में अलग-अलग नामों से देश भर में बसे बंजारा समुदाय ने अपनी खानाबदोश जीवन शैली को स्थायी रूप से त्याग कर टांडास नामक अपनी बस्तियों में बस गए हैं।
  • श्रद्धेय प्रतीक: संत सेवालाल महाराज को बंजारा समुदाय के लगभग 10 से 12 करोड़ लोग अपना श्रद्धेय मानते हैं। कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में, संत सेवालाल महाराज प्रत्येक बंजारा परिवार के एक श्रद्धेय प्रतीक हैं एवं इन सभी राज्यों में संत सेवालाल महाराज जी की जयंती फरवरी के महीने में अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है।
  • समाधि स्थल: संत सेवालाल जी की समाधि स्थल महाराष्ट्र के वाशिम जिले के मनोरा तालुका में पोहरादेवी में स्थित है जिसे बंजारा काशी के नाम से भी जाना जाता है।

 

लम्बाडी कौन हैं?

  • लम्बाडी/बंजारा/लंबानी खानाबदोश जनजातियाँ थीं जो राजस्थान, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात एवं महाराष्ट्र में पाई जाती थीं।
  • वे तेलंगाना में सबसे बड़े आदिवासी समुदाय हैं। वे 15 फरवरी की तिथि से प्रारंभ होकर फरवरी के तीसरे सप्ताह के दौरान सेवालाल जयंती मनाते हैं।
  • कर्नाटक में देश में लम्बानियों (बंजारों) की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है, जिन्हें 101 उप-जातियों में माना जाता है जिन्हें राज्य में अनुसूचित जाति (शेड्यूल्ड कास्ट/एससी) के रूप में मान्यता प्रदान की गई है।
  • भाट कहे जाने वाले लम्बाडी पारंपरिक चारण सेवाभाया के लम्बाडी महाकाव्य का पाठ करते हैं। सेवल के पारंपरिक महाकाव्य में निम्नलिखित सात प्रसंग हैं, जिनमें से आधे तेलंगाना में घटित हुए।
    • 1. सेवालाल का जन्म अनंतपुर के सेवागढ़ में हुआ था
    • 2. सिरसीगढ़ में देवी को सिरा (मिट्टी से बनी) एवं पूरी अर्पित करना।
    • 3. निमागाव में बधिया न किए हुए बैल को मुक्त करना
    • 4. यारागड्डा में ग्राम प्रधान से आदेश प्राप्त करना
    • 5. एक चिंगरिया लड़के का लिंग परिवर्तन कर महिला बना दिया गया
    • 6. जूरी के जहाज को बचाना
    • 7. देवी को स्वर्ग में पराजित करना

बंजारा समुदाय की सामाजिक स्थिति

बंजारा समुदाय को पांच राज्यों (आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, ओडिशा, झारखंड), हिमाचल प्रदेश एवं कर्नाटक में अनुसूचित जाति तथा छत्तीसगढ़, दमन एवं दीव, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) घोषित किया गया है।

 

संत सेवालाल महाराज एवं लम्बाडी के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

प्र. लम्बाडी कौन हैं?

उत्तर. लम्बाडी/बंजारा/लंबानी खानाबदोश जनजातियाँ थीं जो राजस्थान, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात एवं महाराष्ट्र में पाई जाती थीं।

 

प्र. संत सेवालाल महाराज कौन है?

उत्तर. उन्हें बंजारा समुदाय का समाज सुधारक एवं आध्यात्मिक गुरु माना जाता है। माना जाता है कि देश भर में बंजारा समुदाय की आबादी करीब 10 से 12 करोड़ है।

 

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FAQs

Q. Who Are Lambadis?

A. Lambadis/Banjara/Lambanis were the nomadic tribes who found in Rajasthan, Karnataka, Andhra Pradesh, Rajasthan, Madhya Pradesh, Gujarat and Maharashtra.

Q. Who Is Sant Sevalal Maharaj?

A. He is considered a social reformer and spiritual teacher of the Banjara community. It is believed that there is a population of around 10 to 12 crore Banjara community across the country.