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स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) – एसएचजी द्वारा बैंकों को ऋण  पुनर्अदायगी दर 97.71%

स्वयं सहायता समूह (एसएचजी): यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता 

स्वयं सहायता समूह (एसएचजी): स्वयं सहायता समूह (सेल्फ हेल्प ग्रुप्स/एसएचजी) भारतीय शासन प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे वित्तीय समावेशन एवं वास्तविक (जमीनी) लोकतंत्र को प्रोत्साहित करने में सहायता करते हैं। स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा 2023 (जीएस पेपर 2- शासन, प्रशासन एवं संबद्ध चुनौतियां) के लिए महत्वपूर्ण हैं।

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स्वयं सहायता समूह (SHGs) चर्चा में क्यों है?

  • हाल ही में, केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने लोकसभा में सूचित किया कि 30 नवंबर, 2022 तक स्वयं सहायता समूहों द्वारा बैंकों को ऋण पुनर्अदायगी की दर 97.71% है।

 

स्वयं सहायता समूह (SHGs) ऋण पुनर्अदायगी

  • स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को ऋण बैंकों द्वारा स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के नाम पर स्वीकृत किए जाते हैं।
  • व्यष्टिपरक एसएचजी सदस्यों को ऋण का वितरण स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जाता है, जिसका उपयोग उनके द्वारा विभिन्न गतिविधियों के लिए किया जाता है।

 

स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) प्रभाव मूल्यांकन के निष्कर्ष

  • मंत्रालय ने दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (दीनदयाल अंत्योदय योजना-नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन/डीएवाई-एनआरएलएम) के समग्र प्रभाव को समझने हेतु विभिन्न प्रभाव मूल्यांकन अध्ययन प्रारंभ किए हैं।
  • डीएवाई-एनआरएलएम का प्रभाव मूल्यांकन अध्ययन 2019-20 के दौरान विश्व बैंक के सहयोग से इंटरनेशनल इनिशिएटिव फॉर इंपैक्ट इवैल्यूएशन (3ie) द्वारा आयोजित किया गया था।
  • मूल्यांकन में बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश में लगभग 27,000 उत्तरदाताओं तथा 5,000  स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के साथ 9 राज्यों को शामिल किया गया।
  • मूल्यांकन इंगित करता है कि 2.5 वर्षों के लिए मिशन के लिए एक अतिरिक्त अनावृत्ति ने निम्नलिखित को प्रेरित किया-
    • आधार राशि से आय में 19% की वृद्धि,
    • अनौपचारिक ऋणों के अंश में 20% की गिरावट
    • बचत में 28% की वृद्धि
    • बेहतर श्रम बल भागीदारी – उपचारित क्षेत्रों में द्वितीयक व्यवसाय करने वाली महिलाओं का अनुपात अधिक (4%) है,
    • अन्य योजनाओं तक बेहतर पहुंच – विवेचित परिवारों द्वारा प्राप्त सामाजिक योजनाओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि (2.8 योजनाओं के आधार मूल्य से 6.5% अधिक)।

 

स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) क्या हैं?

  • स्वयं सहायता समूह के बारे में: स्वयं सहायता समूह लोगों के अनौपचारिक संघ हैं जो अपने जीवन निर्वाह की स्थिति में सुधार के तरीके खोजने के लिए एक साथ आते हैं। वे निर्धनों, विशेष रूप से महिलाओं के बीच सामाजिक पूंजी निर्मित करने में सहायता करते हैं।
  • सदस्यः  स्वयं सहायता समूह के सदस्यों की सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि आम तौर पर समान होती है।
  • प्रमुख उद्देश्य: स्वयं सहायता समूहों का गठन निम्नलिखित प्रमुख उद्देश्यों के साथ किया जाता है-
    • अपने सदस्यों को बचत करने हेतु प्रोत्साहित करने तथा प्रेरित करने के लिए,
    • अतिरिक्त आय के सृजन के लिए एक सामूहिक योजना निर्मित करने के लिए उन्हें मनाने हेतु,
    • उन तक पहुँचने के लिए औपचारिक बैंकिंग सेवाओं के लिए एक वाहक के रूप में कार्य करने हेतु।
  • महत्व: ऐसे समूह उन सदस्यों के लिए सामूहिक गारंटी प्रणाली के रूप में कार्य करते हैं जो संगठित स्रोतों से ऋण लेने का प्रस्ताव करते हैं।
    • परिणाम स्वरूप,  निर्धनों को सूक्ष्म वित्त (माइक्रोफाइनेंस) सेवाएं प्रदान करने के लिए स्वयं सहायता समूह  सर्वाधिक प्रभावी तंत्र के रूप में उभरे हैं।
  • स्वयं सहायता समूहों के उदाहरण: गुजरात में सेवा, कर्नाटक में मायराडा, तमिलनाडु में तनवा, झारखंड में रामकृष्ण मिशन, बिहार में अदिति।

 

दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (दीनदयाल अंत्योदय योजना- नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन/डीएवाई-एनआरएलएम)

  • दीनदयाल  अंत्योदय योजना-  राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) का लक्ष्य ग्रामीण  निर्धन परिवारों को चरणबद्ध रूप से स्वयं सहायता समूहों में परिनियोजित करना तथा उनकी आजीविका में विविधता लाने एवं उनकी आय तथा जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने हेतु दीर्घकालिक सहायता प्रदान करना है।
  • मिशन घरेलू हिंसा, महिलाओं की शिक्षा एवं अन्य लिंग संबंधी चिंताओं, पोषण, स्वच्छता, स्वास्थ्य इत्यादि जैसे मुद्दों पर जागरूकता सृजित करने एवं व्यवहार परिवर्तन संचार के माध्यम से महिला एसएचजी सदस्यों को सशक्त बनाने की दिशा में भी कार्य कर रहा है।

 

स्वयं सहायता समूह (सेल्फ हेल्प ग्रुप्स/एसएचजी) के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

प्र. स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) क्या है?

उत्तर. स्वयं सहायता समूह लोगों के अनौपचारिक संघ हैं जो अपने जीवन निर्वाह की स्थिति में सुधार के तरीके खोजने के लिए एक साथ आते हैं।

प्र. स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के उदाहरण क्या हैं?

उत्तर. भारत में कुछ सर्वाधिक प्रसिद्ध स्वयं सहायता समूह (SHG) गुजरात में सेवा, कर्नाटक में मायराडा, तमिलनाडु में तनवा, झारखंड में रामकृष्ण मिशन, बिहार में अदिति हैं।

प्र. स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के सदस्य कौन होते हैं?

उत्तर. स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के सदस्यों में आम तौर पर वंचित सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि की महिलाएं  सम्मिलित होती हैं।

 

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