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भारत में अर्धचालक निर्माण यूपीएससी: प्रासंगिकता
- जीएस 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण तथा नवीन तकनीक विकसित करना।
भारत सेमीकंडक्टर मिशन: संदर्भ
- हाल ही में, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भारत के अर्धचालक पारिस्थितिकी तंत्र को उत्प्रेरित करने हेतु सेमीकॉन इंडिया सम्मेलन 2022 आयोजित किया है।
सेमीकॉन इंडिया सम्मेलन 2022: प्रमुख बिंदु
- सेमीकॉन इंडिया कॉन्फ्रेंस 2022 वैश्विक अर्धचालक सेमीकंडक्टर कॉन्क्लेव है जिसे प्रमुख हितधारकों को वर्तमान क्षमताओं को प्रदर्शित करने, नवाचारों पर विचार करने तथा सर्वोत्तम पद्धतियों पर चर्चा करने के लिए एक साथ लाने हेतु अभिकल्पित किया गया है।
- सेमीकॉन इंडिया सम्मेलन 2022 की विषय वस्तु: भारत के सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र को उत्प्रेरित करना (कैटालाइजिंग इंडियाज सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम)।
- सम्मेलन मेक इन इंडिया तथा आत्मनिर्भर भारत जैसे बड़े राष्ट्रीय आख्यानों के साथ संरेखित होता है एवं इसे इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के प्रमोचन मंच (लॉन्च पैड) के रूप में आंका जाता है।
- सेमीकंडक्टर क्षेत्र में महाशक्ति बनने की भारत की आकांक्षाओं को साकार करने में सहायता प्रदान करने हेतु इस क्षेत्र के सर्वाधिक प्रतिभाशाली मस्तिष्क एक साथ आए हैं।
भारत में सेमीकंडक्टर
- भारत ने इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के लिए 10 बिलियन अमरीकी डालर उद्दिष्ट किए हैं तथा एक ऐसा वातावरण निर्मित कर रहे हैं जो एक जीवंत अर्धचालक पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित करने तथा भविष्य में भारत का मार्गदर्शन करने हेतु विकास को प्रोत्साहित करता है।
- भारत अपने उपभोक्ता आधार एवं विशिष्ट इंजीनियरिंग कार्यबल के कारण सेमीकंडक्टर सेगमेंट में प्रभावशाली प्रतिभागी बनने की एक अनूठी स्थिति में है।
- सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र ‘हाई-टेक, उच्च गुणवत्ता एवं उच्च विश्वसनीयता‘ के सिद्धांत पर निर्मित किया जाएगा।
सेमीकंडक्टर का महत्व
- सरकार ने घरेलू अर्धचालक क्षेत्र द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका को दोहराया एवं आर्थिक विकास तथा सुरक्षा सुनिश्चित करने में अपनी भूमिका निभाना जारी रखेगा।
- डिजिटल युग में अर्धचालक नया स्नेहन है।
- घरेलू नवोन्मेषकों को प्रोत्साहन प्रदान करना तथा देश में विनिर्माण स्थापित करने के लिए वैश्विक प्रतिभागियों का स्वागत करना आने वाले वर्षों में भारत के तकनीकी क्षेत्र के विकास को प्रेरित करेगा।
- उपभोक्ता आधार तथा डेटा में तीव्र गति से वृद्धि के साथ, अर्धचालक पारिस्थितिकी तंत्र को गति बनाए रखने की आवश्यकता है।
अर्धचालक के बारे में
- भारत में अर्धचालक पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु SEMI एवं ELCINA के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
- सेमीकंडक्टर्स में साझेदारी के लिए सीडीएसी तथा क्वालकॉम के मध्य समझौता ज्ञापन जो पीएलआई योजना के उद्देश्यों के अनुरूप सेमीकंडक्टर डिजाइन स्टार्टअप को लक्षित करेगा।
- सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिए तकनीकी कार्यबल के प्रशिक्षण एवं कौशल के लिए एआईसीटीई एवं सेमी तथा आईएसएम के मध्य समझौता ज्ञापन।
इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के बारे में प्रमुख तथ्य
- इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के बारे में: इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) को डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन के अंतर्गत एक स्वतंत्र व्यापार प्रभाग के रूप में स्थापित किया गया है।
- अधिदेश: भारत सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) को निम्नलिखित हेतु प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वायत्तता के साथ स्थापित किया गया है-
- अर्धचालक विकसित करने हेतु भारत की दीर्घकालिक रणनीति तैयार करना एवं संचालित करना तथा
- विनिर्माण स्थापनाएं एवं अर्धचालक डिजाइन पारिस्थितिकी तंत्र प्रदर्शित करने हेतु।
- महत्व: सेमीकंडक्टर तथा डिस्प्ले उद्योग में वैश्विक विशेषज्ञों के नेतृत्व हेतु अभिकल्पित, आईएसएम योजनाओं के कुशल, सुसंगत एवं निर्माण कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा।