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शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) – यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।
समाचारों में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ)
- ईरान एवं बेलारूस के चीन तथा रूस समर्थित शंघाई सहयोग संगठन (शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन/एससीओ) समूह में दो नवीनतम सदस्य होने की संभावना है।
एससीओ शिखर सम्मेलन 2022- ईरान एवं बेलारूस का समावेशन
- शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के बारे में: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन 2022 सितंबर 2022 में उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित करने की योजना है।
- एससीओ महासचिव: वर्तमान एससीओ महासचिव, जनरल झांग मिंग, एक अनुभवी चीनी राजनयिक हैं।
- भारत एवं एससीओ शिखर सम्मेलन: भारत आगामी वर्ष एससीओ शिखर सम्मेलन 2023 की मेजबानी करेगा।
- वाराणसी को एससीओ क्षेत्र के प्रथम “पर्यटन एवं सांस्कृतिक राजधानी” के रूप में चयनित किया गया है, यह एक उपाधि है जो आगामी वर्ष एससीओ समूह की अध्यक्षता में भारत के साथ होगा।
एससीओ समूह का विस्तार
- एससीओ समूह का विस्तार उन मुद्दों में शामिल है, जिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एवं चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित समूह के नेता एससीओ शिखर सम्मेलन 2022 में चर्चा करेंगे।
- दुशांबे में विगत वर्ष के एससीओ शिखर सम्मेलन में ईरान के सम्मिलित होने पर सहमति बनी, जबकि बेलारूस ने भी सदस्यता प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है।
- चीन, रूस एवं चार मध्य एशियाई राज्य – कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान तथा ताजिकिस्तान – एससीओ के संस्थापक सदस्य थे, जबकि भारत एवं पाकिस्तान 2017 में इसके प्रथम दौर के विस्तार में समूह में शामिल हुए थे।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) – प्रमुख बिंदु
- एससीओ के बारे में: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) 2002 में एससीओ चार्टर के माध्यम से निर्मित किया गया एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन है एवं 2003 में प्रवर्तन में आया।
- शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ)का पूर्ववर्ती शंघाई फाइव मैकेनिज्म था।
- प्रकृति: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) एक यूरेशियन राजनीतिक, आर्थिक एवं सैन्य संगठन है।
- एससीओ सचिवालय: शंघाई, चीन।
- क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (रीजनल एंटी टेरेरिस्ट स्ट्रक्चर/RATS) की कार्यकारी समिति: ताशकंद
- अधिदेश: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का उद्देश्य क्षेत्र में शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता बनाए रखना है।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) – एससीओ के साथ भारत का जुड़ाव
- पर्यवेक्षक राज्य: भारत को 2005 में एक पर्यवेक्षक राज्य बनाया गया था एवं आम तौर पर एससीओ समूह की अंतर-मंत्रालयी बैठकों में भाग लेता था।
- सदस्य राज्य: पाकिस्तान के साथ भारत को 2017 में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य राज्य में पदोन्नत किया गया था।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) – सदस्य राज्य
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में नौ सदस्य राज्य सम्मिलित हैं (हाल ही में, ईरान को नौवें पूर्ण सदस्य के रूप में स्वीकार किया गया है) अर्थात्-
- भारत गणराज्य,
- कजाकिस्तान गणराज्य,
- चीन का जनवादी गणराज्य,
- किर्गिज गणराज्य,
- पाकिस्तान का इस्लामी गणराज्य,
- रूसी संघ,
- ताजिकिस्तान गणराज्य, एवं
- उज़्बेकिस्तान गणराज्य, तथा
- ईरान
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) – पर्यवेक्षक राज्य
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) चार पर्यवेक्षक राज्यों को सम्मिलित करता है, अर्थात्-
- अफगानिस्तान का इस्लामी गणराज्य,
- बेलारूस गणराज्य,
- ईरान का इस्लामी गणराज्य एवं
- मंगोलिया
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) – संवाद भागीदार
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के छह संवाद भागीदार हैं, अर्थात्-
- अज़रबैजान गणराज्य,
- आर्मेनिया गणराज्य,
- कंबोडिया का साम्राज्य,
- नेपाल का संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य,
- तुर्की गणराज्य एवं
- श्रीलंका का लोकतांत्रिक समाजवादी गणराज्य।