Home   »   Singapore Declaration at The 17th APRM...   »   Singapore Declaration at The 17th APRM...

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के 17वें एशिया प्रशांत क्षेत्रीय बैठक में सिंगापुर घोषणा क्या है?

आईएलओ के 17वें APRM में सिंगापुर घोषणा से हमारा क्या अभिप्राय है?

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन/ILO) के 17वें APRM में सिंगापुर घोषणा एक संयुक्त वक्तव्य है जो सरकारों एवं सामाजिक साझेदारों से संघ की स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करने तथा सामूहिक सौदेबाजी के अधिकार की प्रभावी मान्यता के माध्यम से सभी के लिए श्रम सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करता है।

What is India-Australia FTA?_70.1

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन का सिंगापुर घोषणा पत्र चर्चा में क्यों है?

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की 17वीं एशिया एवं प्रशांत क्षेत्रीय बैठक (एशिया एंड द पेसिफिक रीजनल मीटिंग/APRM) सिंगापुर घोषणा के साथ संपन्न हुई।

 

आईएलओ के 17वें APRM के बारे में जानें

  • अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन श्रम से संबंधित मुद्दों से निपटने वाली संयुक्त राष्ट्र  का एक विशेष अभिकरण है।
  • 17 वें एपीआरएम में 388 प्रतिनिधियों ने भाग लिया – जिसमें 22 मंत्री एवं उप-मंत्री सम्मिलित थे – एशिया, प्रशांत एवं अरब राज्यों के क्षेत्र में 35 देशों की सरकारों तथा श्रमिकों एवं नियोक्ता संगठनों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
  • एशिया एवं प्रशांत क्षेत्रीय बैठक (द एशिया एंड द पैसिफिक रीजनल मीटिंग/एपीआरएम) ने एशिया, प्रशांत एवं अरब राज्यों से सरकारों, नियोक्ताओं तथा श्रमिक संगठनों के उच्च स्तरीय प्रतिनिधियों को एक साथ  लाने का कार्य किया।
  • 17वां एपीआरएम श्रम की दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आया, क्योंकि इस क्षेत्र को विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें वैश्विक खाद्य, ऊर्जा एवं वित्त संकट से जुड़े कोविड-19 महामारी के निरंतर प्रभाव शामिल हैं।

 

2016 में बाली में विगत एपीआरएम के बाद से क्या बदला गया है?

  • 2016 में इंडोनेशिया के बाली में विगत एशिया प्रशांत क्षेत्रीय बैठक के पश्चात से, कोविड-19 महामारी ने ‘क्षेत्रों पर अभूतपूर्व सामाजिक एवं आर्थिक संकट’ का प्रसार किया था, जिसमें लाखों लोगों की जान चली गई थी, व्यवसाय एवं नौकरियों की अभूतपूर्व हानि हुई थी।
  • जबकि सुधार के संकेत प्राप्त हुए हैं, यह असमान बना हुआ है एवं जलवायु से संबंधित प्राकृतिक आपदाओं एवं खाद्य तथा ऊर्जा की कीमतों में तीव्र वृद्धि जैसे अतिरिक्त संकटों ने श्रम बाजारों पर प्रभाव को जटिल बना दिया है।
  • एशिया, प्रशांत एवं अरब राज्यों में चुनौतियों के साथ-साथ उभरते अवसरों के मद्देनजर,वक्तव्य में राष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई के लिए प्राथमिकताओं की एक श्रृंखला पर प्रकाश डाला गया है।
  • इनमें से प्रमुख है आईएलओ के मौलिक अभिसमयों का अनुसमर्थन करना एवं प्रभावी सामाजिक संवाद करने के लिए सरकार, नियोक्ता एवं श्रमिक प्रतिनिधियों की क्षमताओं को और मजबूत करना।
  • वक्तव्य सरकारों एवं सामाजिक भागीदारों से संघ की स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करने तथा सामूहिक सौदेबाजी के अधिकार की प्रभावी मान्यता के माध्यम से सभी के लिए श्रम सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करता है।

 

आइए आईएलओ के बारे में जानते हैं

  • अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन, जिनेवा, स्विट्जरलैंड में मुख्यालय, संयुक्त राष्ट्र (यूनाइटेड नेशंस/UN)  का एक विशिष्ट अभिकरण है।
  • इसकी स्थापना 1919 में वर्साय की संधि के तहत की गई थी।
  • यह श्रम मानकों को स्थापित करने, नीतियों को विकसित करने एवं महिलाओं तथा पुरुषों सभी के लिए  कार्य की उचित दशाओं को प्रोत्साहित करने वाले कार्यक्रमों को तैयार करने हेतु उत्तरदायी है।
  • यह एकमात्र त्रिपक्षीय संयुक्त राष्ट्र एजेंसी है जो 187 सदस्य राज्यों की सरकारों, नियोक्ताओं एवं श्रमिकों को एक साथ लाती है।
  • आईएलओ द्वारा प्रकाशित प्रमुख रिपोर्ट हैं:
    • विश्व रोजगार एवं सामाजिक आउटलुक
    • वैश्विक पारिश्रमिक रिपोर्ट

 

आईएलओ के 17वें एपीआरएम में क्या चर्चा हुई?

  • 6-9 दिसंबर तक, एपीआरएम ने एशिया, प्रशांत एवं अरब राज्यों में रोजगार तथा श्रम की दुनिया को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर चर्चा की।
  • आईएलओ के 17वें एपीआरएम में समावेशी एवं परिवर्तनकारी नौकरी-समृद्ध विकास को बढ़ाने के लिए कार्रवाई पर चर्चा हुई, साथ ही श्रम के मुद्दों पर क्षेत्रीय सहयोग एवं बहुपक्षवाद को मजबूत करने के उपायों पर भी चर्चा हुई।
  • अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के 17वें  एशिया प्रशांत क्षेत्रीय बैठक में प्राप्त निष्कर्ष राष्ट्रीय श्रम एवं रोजगार नीतियों को दिशा प्रदान करने के साथ-साथ दोनों क्षेत्रों में आईएलओ के काम को आगे बढ़ाने में सहायता करेंगे।

 

आईएलओ के 17वें एपीआरएम में सिंगापुर घोषणा क्या है?

  • अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के 17वें एपीआरएम में सिंगापुर घोषणा सदस्य देशों के लिए श्रमिकों की घटती मजदूरी, मुद्रास्फीति एवं बेरोजगारी के मुद्दे से निपटने के लिए राष्ट्रीय कार्रवाई की दस-सूत्री प्राथमिकताएं निर्धारित करती है।
  • घोषणा में कहा गया है कि सामाजिक संवाद विश्वास निर्माण की कुंजी है एवं लचीला श्रम बाजार संस्थान निरंतर सुधार, समावेशी एवं सतत विकास के लिए आवश्यक हैं तथा क्षेत्रों में इसे सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।
  • वक्तव्य सदस्यों से संघ की स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करने तथा सामूहिक सौदेबाजी के अधिकार की प्रभावी मान्यता के माध्यम से सभी के लिए श्रम सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करता है।
  • यह निम्नलिखित कार्रवाई के लिए आह्वान करता है: 
    • लैंगिक अंतराल को समाप्त करने हेतु;
    • संबंधित अंतरराष्ट्रीय श्रम मानकों के अनुसमर्थन एवं प्रभावी कार्यान्वयन पर विचार हेतु;
    • अनौपचारिक से औपचारिक अर्थव्यवस्था में संक्रमण को तीव्र करने हेतु; तथा
    • प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए शासन के ढांचे को सुदृढ़ करने हेतु।
  • यह न्यायसंगत संक्रमण का भी आह्वान करता है जो जलवायु परिवर्तन की स्थिति में पर्यावरण की दृष्टि से सतत अर्थव्यवस्थाओं एवं समाजों के निर्माण में सहायता करता है।
  • डिजिटल परिवर्तन, डिजिटल विभाजन एवं आजीवन सीखने पर विशेष ध्यान देने के साथ अधिक और बेहतर रोजगार प्रदान करने के लिए उत्पादकता वृद्धि एवं कौशल विकास को पुनर्जीवित करने पर भी बल दिया गया है।
  • सिंगापुर घोषणा सामाजिक एवं रोजगार संरक्षण तथा लोचशीलता के लिए नींव को मजबूत करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है। इसमें सम्मिलित हैं:
    • सभी श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा का विस्तार करना,
    • श्रम निरीक्षण प्रणाली को मजबूत करना,
    • व्यावसायिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य (ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ/OSH) में वृद्धि करना,
    • पर्याप्त, उचित, गैर-विभेदकारी पारिश्रमिक हेतु नीतियों के साथ जीवन यापन की बढ़ती लागत को हल करना, बलात एवं बाल श्रम के सभी रूपों को समाप्त करना।
    • इसके अतिरिक्त घोषणा पत्र वैश्विक सामाजिक न्याय गठबंधन के विकास की दिशा में परामर्श में संलग्न होने के लिए क्षेत्रों में सरकारों एवं सामाजिक भागीदारों की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।

 

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के 17वें एशिया प्रशांत क्षेत्रीय बैठक में सिंगापुर घोषणा के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

प्र. आईएलओ के 17वें एपीआरएम में सिंगापुर घोषणा क्या है?

उत्तर. अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के 17वें एपीआरएम में सिंगापुर घोषणा सदस्य देशों के लिए श्रमिकों की घटती मजदूरी, मुद्रास्फीति एवं बेरोजगारी के मुद्दे से निपटने के लिए राष्ट्रीय कार्रवाई की दस-सूत्री प्राथमिकताएं निर्धारित करती है।

प्र.  अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन का मुख्यालय कहाँ है?

उत्तर. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन, जिनेवा, स्विट्जरलैंड में मुख्यालय, संयुक्त राष्ट्र (यूनाइटेड नेशंस/UN)  का एक विशिष्ट अभिकरण है। इसकी स्थापना 1919 में वर्साय की संधि के तहत की गई थी।

प्र.  आईएलओ का 17वां एपीआरएम कहां आयोजित किया गया था?

उत्तर. 6-9 दिसंबर तक, आईएलओ का 17वां एपीआरएम सिंगापुर में आयोजित किया गया था।

 

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (डब्ल्यूएलपीए), 1972 में नवीनतम संशोधन क्या है? |आज का संपादकीय विश्लेषण क्या है ‘सिंधुजा-1′?| महासागरीय तरंग ऊर्जा परिवर्तक (ओशन वेव एनर्जी कन्वर्टर’) शौचालय 2.0 अभियान- शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक/सामुदायिक शौचालयों का रूपांतरण सार्क मुद्रा विनिमय व्यवस्था (सार्क करेंसी स्वैप फ्रेमवर्क) क्या है? |भारतीय रिजर्व बैंक ने करार के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए
यूपीएससी दैनिक समसामयिकी – 09 दिसंबर 2022 | प्रीलिम्स बिट्स एक जिला एक उत्पाद (ODOP) पहल को क्रियात्मक रूप से ‘डिस्ट्रिक्ट्स एज़ एक्सपोर्ट हब (DEH)’ पहल के साथ विलय भारतीय पशु कल्याण बोर्ड: इसका अधिदेश क्या है? एनएसए की भारत-मध्य एशिया पहली बैठक: क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए महत्व?
भारत के राष्ट्रीय प्रतीक, उनका महत्व, प्रासंगिकता एवं अर्थ यूपीएससी के लिए दैनिक समसामयिकी- 08 दिसंबर 2022 | प्रीलिम्स बिट्स टेक्नोटेक्स 2023- तकनीकी वस्त्रों को प्रोत्साहन दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता में संशोधन करेगी सरकार

Sharing is caring!

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के 17वें एशिया प्रशांत क्षेत्रीय बैठक में सिंगापुर घोषणा क्या है?_3.1