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सामुद्रिक अभ्यास साइटमेक्स- 21: यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं / या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।
- जीएस पेपर 3: आंतरिक सुरक्षा- सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां एवं उनका प्रबंधन; संगठित अपराध का आतंकवाद से संबंध।
क्रिवाक या तलवार स्टील्थ फ्रिगेट्स
सामुद्रिक अभ्यास साइटमेक्स- 21: संदर्भ
- भारतीय नौसैनिक पोत (आईएनएस) कार्मुक, एक स्वदेश निर्मित मिसाइल कार्वेट, अंडमान सागर में भारत, सिंगापुर एवं थाईलैंड त्रिपक्षीय सामुद्रिक अभ्यास साइटमेक्स- 21 के तीसरे संस्करण में भाग ले रहा है।
- रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर नेवी (आरएसएन) का प्रतिनिधित्व आरएसएस टेनियस, एक दुर्जेय वर्ग का पोत एवं रॉयल थाई नेवी (आरटीएन) हिज मैजेस्टीज़ थाईलैंड शिप (एचटीएमएस) थायनचोन, एक खाम्रोसिन श्रेणी पनडुब्बी रोधी गश्ती पोत (एंटी-सबमरीन पैट्रोल क्राफ्ट) द्वारा किया जा रहा है।
सामुद्रिक अभ्यास साइटमेक्स- 21: प्रमुख बिंदु
- पृष्ठभूमि: साइटमेक्स के पहले संस्करण को सितंबर 2019 में पोर्ट ब्लेयर में भारतीय नौसेना द्वारा होस्ट किया गया था। आरएसएन ने नवंबर 2020 में अभ्यास के दूसरे संस्करण की मेजबानी की।
- अंडमान सागर में आरटीएन द्वारा अभ्यास के 2021 संस्करण की मेजबानी की जा रही है।
- अभ्यास साइटमेक्स- 21 के बारे में: अभ्यास साइटमेक्स 2019 से भारत, सिंगापुर एवं थाईलैंड के ध्यान आयोजित किया जा रहा है।
- अभ्यास साइटमेक्स -21 एक वार्षिक सामुद्रिक अभ्यास है।
- अभ्यास साइटमेक्स- 21 का उद्देश्य: भारतीय नौसेना (आईएन), आरएसएन एवं आरटीएन के मध्य पारस्परिक अंतर प्रचालनीयता को बढ़ाने एवं सर्वोत्तम प्रथाओं को आत्मसात करने के उद्देश्य से साइटमेक्स- 21 अभ्यास का आयोजन किया जा रहा है।
सामुद्रिक अभ्यास साइटमेक्स- 21- संबद्ध महत्त्व
- साइटमेक्स-21 अभ्यास कोविड-19 प्रतिबंधों के मद्देनजर ‘गैर-संपर्क, समुद्र में केवल’ अभ्यास के रूप में आयोजित किया जा रहा है एवं तीन मित्र नौसेनाओं के मध्य समुद्री क्षेत्र में बढ़ते तालमेल, समन्वय एवं सहयोग पर प्रकाश डाला गया है।
- दो दिनों के समुद्री साइटमेक्स-21 अभ्यास में तीन नौसेनाएं विभिन्न सामरिक अभ्यासों में शामिल होंगी, जिनमें नौसैनिक युद्धाभ्यास और सतह युद्ध अभ्यास शामिल हैं।
- साइटमेक्स-21 मित्रता के दीर्घ काल से से चले आ रहे बंधन को सुदृढ़ करेगा एवं क्षेत्र में समग्र समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में भाग लेने वाली नौसेनाओं के मध्य सहयोग में और वृद्धि करेगा।