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स्मार्ट पुलिसिंग सूचकांक 2021

स्मार्ट पुलिसिंग सूचकांक 2021: प्रासंगिकता

  • जीएस 2: शासन, पारदर्शिता एवं जवाबदेही के महत्वपूर्ण पहलू

 

स्मार्ट पुलिसिंग सूचकांक 2021: प्रसंग

  • हाल ही में, भारतीय पुलिस फाउंडेशन (आईपीएफ) ने भारत में पुलिस की गुणवत्ता एवं पुलिस में जनता के विश्वास के स्तर के बारे में जनता की धारणाओं को मापने के लिए स्मार्ट पुलिसिंग सर्वेक्षण 2021 जारी किया है।

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स्मार्ट पुलिसिंग सूचकांक 2021: मुख्य बिंदु

  • सर्वेक्षण सार्वजनिक धारणा एवं नागरिक संतुष्टि का एक सूचकांक है।
  • आईपीएफ ने स्मार्ट पुलिसिंग इंडेक्स 2021 को संकलित करने हेतु छह योग्यता-आधारित आयामों एवं विश्वास के तीन मूल्य-आधारित आयामों का अभिनिर्धारण किया है।
  • इस प्रकार, सर्वेक्षण में पुलिस में जनता के विश्वास के आयामों के रूप में स्मार्ट पुलिसिंग के संकेतकों के दो समुच्चय सम्मिलित हैं:
    • एक समुच्चय मुख्य पेशेवर दक्षताओं के बारे में धारणाओं को मापने के लिए एवं दूसरा,
    • मूलभूत मूल्यों एवं नैतिक सिद्धांतों के दृष्ट पालन का आकलन करने हेतु।

 

स्मार्ट पुलिसिंग सूचकांक 2021: छह योग्यता-आधारित आयाम

  • पुलिस संवेदनशीलता का बोध सूचकांक;
  • सख्त एवं सदव्यवहार का बोध सूचकांक;
  • अभिगम्यता का बोध सूचकांक;
  • पुलिस की जवाबदेही का बोध सूचकांक;
  • सहायक एवं मैत्रीपूर्ण पुलिसिंग का बोध सूचकांक;
  • प्रौद्योगिकी अपनाने का बोध सूचकांक।

 

स्मार्ट पुलिसिंग सूचकांक 2021: तीन मूल्य आधारित संकेतक

  • सत्यनिष्ठा एवं भ्रष्टाचार मुक्त सेवाओं का बोध सूचकांक;
  • न्यायसंगत, निष्पक्ष एवं वैध पुलिसिंग का बोध सूचकांक;
  • पुलिस जवाबदेही का बोध सूचकांक।

 

स्मार्ट पुलिसिंग सूचकांक 2021: प्रमुख निष्कर्ष

  • सर्वेक्षण ने इस वर्ष नागरिकों की संतुष्टि की औपचारिक श्रेणीकरण प्रदान नहीं की।
  • स्मार्ट प्राप्तांक 1 से 10 के पैमाने पर निर्धारित किए जाते हैं एवं प्राप्त नागरिक संतुष्टि के स्तर को प्रदर्शित करते हैं, 10 का स्कोर संतुष्टि का उच्चतम स्तर है।
  • आधा भरा गिलास: अपर्याप्त संवेदनशीलता, जनता के विश्वास में गिरावट एवं पुलिस की गुणवत्ता के बारे में बढ़ती चिंताओं के बावजूद पुलिस पर लगातार हमले किए जाने के बावजूद, लगभग 67% नागरिकों का मानना ​​है कि पुलिस अपना कार्य अच्छी तरह से कर रही है एवं वे पुलिस का दृढ़ता से समर्थन करते हैं।
  • आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, असम, केरल, सिक्किम, मिजोरम एवं गुजरात में पुलिस की गुणवत्ता को लेकर लोगों की संतुष्टि का स्तर उच्चतम था।

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स्मार्ट पुलिस विजन के बारे में

  • स्मार्ट पुलिसिंग का विचार सर्वप्रथम हमारे प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2014 में गुवाहाटी में आयोजित राज्य एवं केंद्रीय पुलिस संगठनों के डीजीपी के सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया था।
  • इसमें भारतीय पुलिस को निम्नलिखित गुणों से युक्त होने हेतु रूपांतरित करने के लिए प्रणालीगत परिवर्तन की परिकल्पना की गई है:
    • S- सख्त एवं संवेदनशील,
    • M- आधुनिक एवं गतिशील,
    • सतर्क एवं जवाबदेह,
    • R- विश्वसनीय एवं उत्तरदायी,
    • T- तकनीकी-सक्षम एवं प्रशिक्षित।
  • स्मार्ट पुलिसिंग रणनीति निम्नलिखित तत्वों को जोड़ती है:
    • भौतिक आधारिक अवसंरचना का विकास,
    • प्रौद्योगिकी अंगीकरण,
    • महत्वपूर्ण विनम्रता  कौशल (क्रिटिकल सॉफ्ट स्किल्स) एवं अभिवृत्ति (एटीट्यूड) पर ध्यान केंद्रण,
    • व्यावसायिक उत्कृष्टता एवं जनता की सेवा के मूल्यों के प्रति अगाध प्रतिबद्धता।
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