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सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट टेक्नोलॉजी

एसएफडीआर यूपीएससी: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण तथा नवीन तकनीक विकसित करना।

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सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट टेक्नोलॉजी: संदर्भ

  • हाल ही में, DRDO ने ओडिशा तट से दूर चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज (इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज/ITR) में सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (एसएफडीआर) बूस्टर, एक मिसाइल प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है

 

एसएफडीआर डीआरडीओ: प्रमुख बिंदु

  • परीक्षण ने जटिल मिसाइल प्रणाली में सम्मिलित सभी महत्वपूर्ण घटकों के विश्वसनीय कार्यकरण का प्रदर्शन किया तथा मिशन के सभी उद्देश्यों को पूर्ण किया।
  • रक्षा मंत्री ने इसे देश में महत्वपूर्ण मिसाइल प्रौद्योगिकियों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया।

 

सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट क्या है?

  • एसएफडीआर भारत एवं रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एक मिसाइल प्रणोदन प्रणाली है।
  • एसएफडीआर रैमजेट सिद्धांत पर आधारित है।
  • एसएफडीआर मिसाइलों को सुपरसोनिक गति से अत्यधिक लंबी दूरी पर हवाई खतरों को रोकने में सक्षम बनाता है।
  • DRDO ने 2017 में एसएफडीआर विकसित करना प्रारंभ किया एवं 2018 तथा 2019 में इसके सफल परीक्षण किए।

 

रैमजेट इंजन क्या है?

  • रैमजेट एयर-ब्रीदिंग जेट इंजन का एक रूप है जो  घूर्णनशील कंप्रेसर के बिना दहन के लिए आने वाली वायु को संपीड़ित करने हेतु वाहन की आगे की गति का उपयोग करता है।
  • एक रैमजेट-संचालित वाहन को एक रॉकेट की तरह सहायक टेक-ऑफ की आवश्यकता होती है, जिससे इसे गति में तीव्रता लाने में सहायता प्राप्त होती है जहां यह प्रणोद उत्पन्न करना प्रारंभ कर देता है।
  • रैमजेट मैक 3 (ध्वनि की गति से तीन गुना) के आसपास पराध्वनिक (सुपरसोनिक) गति पर सर्वाधिक कुशलता से कार्य करते हैं एवं मैक 6 की गति तक कार्य कर सकते हैं।
  • यद्यपि, जब वाहन अतिध्वनिक (हाइपरसोनिक) गति तक पहुंचता है तो रैमजेट की दक्षता कम होने लगती है।

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स्क्रैमजेट इंजन क्या है?

  • इसरो द्वारा डिज़ाइन किया गया स्क्रैमजेट इंजन हाइड्रोजन को ईंधन के रूप में एवं वायुमंडलीय वायु से ऑक्सीजन को  ऑक्सीकारक (ऑक्सिडाइजर) के रूप में उपयोग करता है
  • एक स्क्रैमजेट इंजन रैमजेट इंजन पर एक उन्नयन है क्योंकि यह कुशलतापूर्वक हाइपरसोनिक गति से संचालित होता है एवं सुपरसोनिक दहन की अनुमति प्रदान करता है।
  • इस प्रकार, इसे सुपरसोनिक दहन रैमजेट अथवा स्क्रैमजेट के रूप में जाना जाता है।
  • वायु श्वास प्रणोदन प्रणाली की प्राप्ति की दिशा में इसरो के स्क्रैमजेट इंजन का प्रथम प्रायोगिक मिशन 2016 में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक आयोजित किया गया था।
  • इस उड़ान के साथ, सुपरसोनिक गति से वायु श्वास इंजनों का प्रज्वलन, सुपरसोनिक गति पर प्रदिप्त को धारण करना, वायु अंतर्ग्रहण तंत्र एवं ईंधन अंत:क्षेपण (फ्यूल इंजेक्शन) प्रणाली जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया है।

 

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