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सॉलिड स्टेट लिथियम मेटल बैटरी: प्रासंगिकता
- जीएस 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- दैनिक जीवन में विकास तथा उनके अनुप्रयोग एवं प्रभाव।
सॉलिड स्टेट लिथियम मेटल बैटरी: प्रसंग
- हाल ही में, कैलिफोर्निया स्थित क्वांटमस्केप कॉर्प के शेयरधारकों, वोक्सवैगन एजी द्वारा समर्थित एक बैटरी स्टार्टअप, ने एक बहु-अरब डॉलर के वेतन पैकेज को स्वीकृति प्रदान की है। इसने उस पैकेज के साथ तुलना प्रारंभ कर दी है जिसे टेस्ला ने 2018 में एलोन मस्क को दिया था।
सॉलिड स्टेट लिथियम मेटल बैटरी: मुख्य बिंदु
- क्वांटमस्केप की ठोस अवस्था (सॉलिड-स्टेट) बैटरी को तीव्र सघन स्थान में एक असाधारण उज्ज्वल संभावना के रूप में देखा जाता है।
- सॉलिड-स्टेट बैटरी अथवा एसएसबी, ठोस विद्युत अपघट्य (सॉलिड इलेक्ट्रोलाइट्स) से निर्मित लिथियम-आयन बैटरी हैं।
- सॉलिड-स्टेट बैटरी अगली पीढ़ी की कर्षण (ट्रैक्शन) बैटरियों के लिए एक उभरता हुआ विकल्प है जो कम लागत, उच्च प्रदर्शन एवं उच्च सुरक्षा का वादा करती है।
सॉलिड स्टेट लिथियम मेटल बैटरी के लाभ
- उदीयमान प्रौद्योगिकी में उच्च तापमान पर स्थिर होने के कारण, तरल विद्युत अपघट्य से निर्मित वर्तमान प्रचलित-लीथियम-आयन बैटरियों को पीछे छोड़ने की क्षमता है जो सुरक्षित संचालन एवं बेहतर प्रदर्शन को सक्षम बनाता है।
- एसएसबी ने वादा किया कि इलेक्ट्रिक वाहनों एवं मोबाइल फोन को अब आग लगने वाली बैटरियों से कोई खतरा नहीं होगा।
- ठोस इलेक्ट्रोलाइट वास्तविकता में प्रदर्शन में सुधार नहीं करता है, किंतु इसकी स्थिरता एवं अवरोधक प्रकृति लिथियम धातु एवं सिलिकॉन जैसे ऊर्जा- सघन एनोड सामग्री के सुरक्षित उपयोग की अनुमति देते हैं जो एसएसबी को लिथियम-आयन बैटरी से बेहतर प्रदर्शन करने में सहायता प्रदान करते हैं जो वर्तमान में उपयोग में हैं।
- एक सॉलिड-स्टेट बैटरी में लिथियम-आयन बैटरी की तुलना में उच्च ऊर्जा घनत्व होता है जो तरल विद्युत अपघट्य विलयन का उपयोग करती है। इसमें विस्फोट या आग का खतरा नहीं है, इसलिए सुरक्षा हेतु घटकों की आवश्यकता नहीं है, इस प्रकार अधिक स्थान की बचत होती है।
- एक सॉलिड-स्टेट बैटरी प्रति यूनिट क्षेत्र में ऊर्जा घनत्व में वृद्धि कर सकती है क्योंकि मात्र एक छोटी संख्या में बैटरियों की आवश्यकता होती है। इस कारण से, एक सॉलिड-स्टेट बैटरी मॉड्यूल एवं पैक की ईवी बैटरी प्रणाली के निर्माण के लिए पूर्णतया उपयुक्त है, जिसके लिए उच्च क्षमता की आवश्यकता होती है।
सॉलिड-स्टेट लिथियम बैटरी लिक्विड लिथियम बैटरी से किस प्रकार पृथक है?
- एक पारंपरिक लिथियम-आयन बैटरी में एक एनोड, एक तरल विद्युत अपघटन में निमज्जित (डूबा हुआ) पृथक्कारक एवं एक कैथोड होता है। डिस्चार्ज के दौरान, लिथियम आयन विद्युत अपघटन के माध्यम से एवं पृथक्कारक के पार एनोड से कैथोड में प्रवाहित होते हैं।
- दूसरी ओर, एसएसबी को पृथक्कारक की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि ठोस विद्युत अपघट्य एनोड एवं कैथोड के मध्य एक भौतिक अवरोध के रूप में कार्य करता है।
सॉलिड स्टेट लिथियम मेटल बैटरी: चुनौतियां
- ठोस विद्युत अपघट्य के उपयोग से जुड़ी अनेक वैज्ञानिक चुनौतियाँ हैं।
- इसके विकास कर्ताओं (डेवलपर्स) को अभी यह सिद्ध करना है कि वे व्यावसायिक स्तर पर एसएसबी का निर्माण कर सकते हैं।