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दक्षिण-दक्षिण नवाचार मंच: प्रासंगिकता
- जीएस 3: कृषकों की सहायता हेतु ई-प्रौद्योगिकी।
दक्षिण-दक्षिण नवाचार मंच: संदर्भ
- हाल ही में, अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम), नीति आयोग एवं संयुक्त राष्ट्र पूंजी विकास कोष (यूएनसीडीएफ) ने अपने महत्वाकांक्षी अभिनव कृषि-तकनीक कार्यक्रम के लिए अपना पहला एग्रीटेक चैलेंज सहयोग प्रारंभ किया।
दक्षिण-दक्षिण नवाचार मंच: प्रमुख बिंदु
- एग्रीटेक चैलेंज दक्षिण-दक्षिण मंच की एक उद्घाटनात्मक पहल है, जिसे एशिया एवं अफ्रीका में लघु धारक कृषकों के मध्य ज्ञान एवं समाधान के आदान-प्रदान की सुविधा हेतु निर्मित किया गया है।
- सहयोग का उद्देश्य संपूर्ण एशिया एवं अफ्रीका के लघु धारक कृषकों को महामारी के परिणाम की चुनौतियों से निपटने में सहायता प्रदान करना है।
- सहयोग लघु धारक कृषकों की मूल्य श्रृंखला में समाधानों की एक विविध श्रेणी का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें विषयों के साथ मृदा विश्लेषण, कृषि प्रबंधन एवं सूचना, डेयरी पारिस्थितिकी तंत्र, कार्बन क्रेडिट, सौर-आधारित शीत भंडारण शामिल हैं।
- एग्रीटेक चैलेंज लघु धारक कृषकों के वित्तीय स्वास्थ्य में सुधार पर ध्यान केंद्रित करता है एवं प्रतिभागियों को नवीन बाजार में उनके समाधान के निर्माण एवं परीक्षण करने में सहायता प्रदान करने की दिशा में कार्य करेगा।
- यह चुनौती एक समर्पित एआईएम (अटल इनोवेशन मिशन) -ट्रैक के तहत एआईएम इनक्यूबेटेड प्रारंभिक चरण के नवप्रवर्तकों (अर्ली-स्टेज इनोवेटर्स) के साथ भी जुड़ रही है, ताकि अंतरराष्ट्रीय विस्तार हेतु तत्परता निर्माण में सहायता प्राप्त हो सके।
- सिंचाई प्रौद्योगिकी, फिनटेक, ऑनलाइन विपणन स्थल (मार्केटप्लेस), स्मार्ट फार्मिंग, शीत भंडारण (कोल्ड स्टोरेज) सहित अन्य क्षेत्रों में अतिरिक्त 15 एआईएम-इनक्यूबेटेड इनोवेटर्स का चयन किया गया है।
- उन्हें वैश्विक विशेषज्ञों द्वारा मास्टर क्लास के माध्यम से विस्तार का अन्वेषण करने एवं उद्योग के अनुभवी परामर्शदाताओं के साथ जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा।
एग्रीटेक चैलेंज कोहोर्ट एवं एग्री-फिनटेक इनोवेटर्स: दो ट्रैक
- द्वि- मार्ग, मुख्य मार्ग एवं एआईएम मार्ग के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कृषि विस्तार की सुविधा के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे।
- कुल 100 आवेदनों में से, मुख्य मार्ग में कुल 10 उच्च-विकास नवप्रवर्तनकर्ताओं का चयन किया गया है।
- मुख्य मार्ग आवेदनों का मुख्य उद्देश्य – चयनित किए गए अंतरराष्ट्रीय बाजार में ‘विस्तार-सहायता समाधान’ प्रायोगिक था।
प्रथम एग्रीटेक कोहोर्ट /कृषि-तकनीक सहयोग :क्यों महत्वपूर्ण है?
- भारत में, 50% से अधिक जनसंख्या कृषि पर निर्भर है एवं यह सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 15-18% योगदान देता है।
- चूंकि कृषि एक ऐसा क्षेत्र है जो भावनात्मक रूप से जनता को आकर्षित करता है, भारतीय एजेंसियों को उद्योग परिदृश्य को प्रोत्साहित करने हेतु नीतिगत उपायों का उत्तरदायित्व ग्रहण करने हेतु प्रेरित किया जाता है।
दक्षिण-दक्षिण नवाचार मंच के बारे में
- जुलाई 2021 में, एआईएम, नीति आयोग ने यूएनसीडीएफ, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन एवं राबो फाउंडेशन के साथ साझेदारी में नवाचारों, अंतर्दृष्टि एवं निवेश के सीमा पार आदान-प्रदान को सक्षम करने के लिए एक दक्षिण-दक्षिण नवाचार मंच का प्रारंभ किया।
- इस मंच के माध्यम से, भारत, इंडोनेशिया, मलावी, मलेशिया, केन्या, युगांडा, जाम्बिया में उदीयमान बाजारों के मध्य सीमा पार सहयोग को सक्षम किया जाएगा।