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भारत में विशेष आर्थिक क्षेत्र

भारत में विशेष आर्थिक क्षेत्र: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: भारतीय अर्थव्यवस्था एवं नियोजन, संसाधन, विकास, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे।

UPSC Current Affairs

भारत में विशेष आर्थिक क्षेत्र: संदर्भ

  • हाल ही में प्रस्तुत बजट 2022 में सरकार ने कहा है कि उद्यम एवं केंद्रों के विकास के लिए पुराने SEZ (विशेष आर्थिक क्षेत्र) अधिनियम को नए कानून से प्रतिस्थापित किया जाएगा

 

भारत में विशेष आर्थिक क्षेत्र: प्रमुख बिंदु

  • वित्त मंत्री ने कहा कि नया अधिनियम वर्तमान औद्योगिक परिक्षेत्रों को सम्मिलित करेगा एवं निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगा।
  • सीमा शुल्क प्रशासन में सुधारों से घरेलू प्रशुल्क (टैरिफ) क्षेत्र में एसईजेड एवं अन्य निर्माताओं दोनों को सहयोग प्रदान करने की संभावना है।
    • 16 वर्ष पुराने SEZ (विशेष आर्थिक क्षेत्र) अधिनियम में सुधार से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, प्रतिस्पर्धा में वृद्धि होगी एवं प्रत्यक्ष कर लाभ वापस लेने के पश्चात से उपेक्षित क्षेत्र में विसंगतियों को दूर किया जा सकेगा।

 

एसईजेड क्या है?

  • SEZ एक विशेष रूप से रेखांकित शुल्क-मुक्त अंतस्थ क्षेत्र (एन्क्लेव) है, जिसे व्यापार संचालन एवं शुल्कों तथा प्रशुल्कों के उद्देश्य से एक विदेशी क्षेत्र माना जाता है
  • एसईजेड को एक भौगोलिक क्षेत्र के रूप में भी संदर्भित किया जा सकता है, जिसमें देश के घरेलू कानूनों से पृथक आर्थिक कानून अस्तित्व में हैं।
  • सेज के प्रमुख उद्देश्यों में से एक विदेशी निवेश में वृद्धि करना है।
    • चीन, भारत, जॉर्डन, पोलैंड, रूस सहित अनेक देशों में एसईजेड स्थापित किए गए हैं।

 

भारत में एसईजेड

  • निर्यात को प्रोत्साहन प्रदान करने में निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्र (ईपीजेड) मॉडल की प्रभावशीलता को पहचानने वाले देशों में भारत एशिया में सर्वप्रथम में से एक था, 1965 में कांडला में एशिया का पहला ईपीजेड स्थापित किया गया था।
  • नियंत्रण एवं स्वीकृति की बहुलता के कारण अनुभव की गई कमियों को दूर करने की दृष्टि से; विश्व स्तरीय आधारिक संरचना की अनुपस्थिति एवं एक अस्थिर राजकोषीय शासन तथा भारत में व्यापक विदेशी निवेश को आकर्षित करने की दृष्टि से, विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) नीति की घोषणा अप्रैल 2000 में की गई थी
  • SEZ स्थापना प्रक्रिया को संरेखित करने हेतु, सरकार SEZ अधिनियम, 2005 लाई।
  • यह अधिनियम एसईजेड विकास के सभी महत्वपूर्ण विधिक एवं नियामक पहलुओं के साथ-साथ एसईजेड में संचालित इकाइयों के लिए प्रछत्र (व्यापक) ढांचा प्रदान करता है।

 

एसईजेड अधिनियम, 2005

  • विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम, 2005, मई, 2005 में संसद द्वारा पारित किया गया था।
  • अधिनियम का उद्देश्य केंद्र एवं राज्य सरकारों से संबंधित मामलों पर प्रक्रियाओं का व्यापक सरलीकरण एवं एकल बिंदु (खिड़की) स्वीकृति प्रदान करना था।

 

SEZ अधिनियम के मुख्य उद्देश्य हैं

  • अतिरिक्त आर्थिक गतिविधियों का सृजन
  • वस्तुओं एवं सेवाओं के निर्यात को प्रोत्साहित करना
  • घरेलू तथा विदेशी स्रोतों से निवेश को बढ़ावा देना
  • रोजगार के अवसरों का सृजन
  • आधारिक अवसंरचना सुविधाओं का विकास

 

एसईजेड नियमों में प्रावधान है

  • विशेष आर्थिक क्षेत्रों के विकास, संचालन एवं रखरखाव के लिए तथा एसईजेड में इकाइयों की स्थापना एवं व्यवसाय करने हेतु सरलीकृत प्रक्रियाएं;
  • सेज की स्‍थापना के लिए एकल बिंदु स्वीकृति (सिंगल विंडो क्लीयरेंस);
  • विशेष आर्थिक क्षेत्र में एक इकाई स्थापित करने हेतु एकल बिंदु स्वीकृति;
  • केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारों से संबंधित मामलों पर सिंगल विंडो क्लीयरेंस;
  • स्व प्रमाणन पर बल देने के साथ सरलीकृत अनुपालन प्रक्रियाएं तथा प्रलेखीकरण

 

एसईजेड समिति

  • बाबा कल्याणी ने SEZ नीति की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति की अध्यक्षता की एवं नवंबर 2018 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
    • इसने सेज नीति में महत्वपूर्ण परिवर्तनों की संस्तुति की।
  • इसमें एसईजेड के निर्माण तथा सेवा क्षेत्र के लिए अलग नियम एवं प्रक्रियाएं सम्मिलित हैं।

 

भारत में स्थित SEZ

  • एसईजेड अधिनियम, 2005 के अधिनियमन से पूर्व केंद्र सरकार के 7 विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) एवं राज्य/निजी क्षेत्र के 12 एसईजेड थे।
  • इसके अतिरिक्त, देश में सेज की स्थापना के लिए 425 प्रस्तावों को सेज अधिनियम, 2005 के तहत औपचारिक स्वीकृति प्रदान की गई है।
  • वर्तमान में 378 सेज अधिसूचित हैं, जिनमें से 265 क्रियाशील हैं।

UPSC Current Affairs

एसईजेड अधिनियम, 2005 के अधिनियमन से पूर्व स्थापित केंद्र सरकार के एसईजेड

क्र.सं. एसईजेड का नाम  अवस्थिति
कांडला विशेष आर्थिक क्षेत्र कांडला, गुजरात
सीप्ज़ ​​विशेष आर्थिक क्षेत्र मुंबई, महाराष्ट्र
नोएडा विशेष आर्थिक क्षेत्र उत्तर प्रदेश
एमईपीजेड विशेष आर्थिक क्षेत्र चेन्नई, तमिलनाडु
कोचीन विशेष आर्थिक क्षेत्र कोचीन, केरल
फाल्टा विशेष आर्थिक क्षेत्र फाल्टा, पश्चिम बंगाल
विशाखापत्तनम एसईजेड विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश

 

 

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