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श्रीशैलम श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर की यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता
श्रीशैलम श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर: यह आंध्र प्रदेश राज्य में अवस्थित एक मंदिर है। श्रीशैलम श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर भगवान शिव एवं उनकी अर्धांगिनी देवी पार्वती को समर्पित है।
श्रीशैलम श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 1) के लिए महत्वपूर्ण है।
श्रीशैलम श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने श्रीशैलम मंदिर परिसर, कुरनूल, आंध्र प्रदेश में “आंध्र प्रदेश राज्य में श्रीशैलम मंदिर का विकास” परियोजना का उद्घाटन किया।
परियोजना “आंध्र प्रदेश राज्य में श्रीशैलम मंदिर का विकास“
- “आंध्र प्रदेश राज्य में श्रीशैलम मंदिर का विकास” परियोजना के बारे में: “आंध्र प्रदेश राज्य में श्रीशैलम मंदिर का विकास” परियोजना को प्रसाद योजना अर्थात पर्यटन मंत्रालय के तीर्थयात्रा कायाकल्प एवं आध्यात्मिक विरासत वृद्धि अभियान पर राष्ट्रीय मिशन (नेशनल मिशन ऑन पिलग्राइमेज रिजूवनेशन एंड स्पिरिचुअल हेरिटेज ऑग्मेंटेशन ड्राइव) के तहत स्वीकृत एवं क्रियान्वित किया गया है।
- अनुदान: परियोजना “आंध्र प्रदेश राज्य में श्रीशैलम मंदिर का विकास” 43.08 करोड़ रुपए की लागत से पूरी की गई है।
- यह परियोजना भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा 100% वित्त पोषित है।
- परियोजना के घटक: परियोजना में निष्पादित घटकों में निम्नलिखित अंतःक्षेप शामिल हैं जैसे-
- रंगभूमि,
- रोशनी एवं ध्वनि तथा प्रकाश शो,
- डिजिटल अंतःक्षेप,
- पर्यटक सुविधा केंद्र,
- पार्किंग क्षेत्र,
- कपड़े बदलने के कमरे,
- शौचालय परिसर,
- स्मारिका वस्तुओं की दुकानें,
- फूड कोर्ट,
- एटीएम तथा बैंकिंग सुविधा।
- महत्व: इन अंतःक्षेपों का उद्देश्य आगंतुकों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करके श्रीशैलम मंदिर को एक विश्व स्तरीय तीर्थ एवं पर्यटन स्थल बनाना है।
श्रीशैलम श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर
- श्रीशैलम श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर भगवान शिव एवं उनकी पत्नी देवी पार्वती को समर्पित है।
- श्रीशैलम श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर भारत का एकमात्र मंदिर है जो शैववाद एवं शक्तिवाद दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।
- लिंगम के आकार में प्राकृतिक पत्थर की संरचनाओं में ब्रह्मराम्बा मल्लिकार्जुन स्वामी इस स्थान के अधिष्ठाता देवता माने जाते हैं-
- भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक एवं
- देवी पार्वती के 18 महाशक्ति पीठों में से एक।
- भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों एवं शक्ति पीठों में से एक होने के अतिरिक्त, मंदिर को पाडल पेट्रा स्थलम में से एक के रूप में भी वर्गीकृत किया गया है।
- भगवान मल्लिकार्जुन स्वामी एवं देवी भ्रामराम्बा देवी की मूर्ति को ‘स्वयंभू’ या स्वयं प्रकट माना जाता है एवं एक परिसर में ज्योतिर्लिंगम तथा महाशक्ति का अनूठा संयोजन अपनी तरह का एक है।
प्रसाद योजना
- प्रसाद योजना के बारे में: ‘तीर्थयात्रा कायाकल्प एवं आध्यात्मिक विरासत वृद्धि अभियान पर राष्ट्रीय मिशन’ (नेशनल मिशन ऑन पिलग्राइमेज रिजूवनेशन एंड स्पिरिचुअल हेरिटेज ऑग्मेंटेशन ड्राइव/PRASHAD) भारत सरकार द्वारा पूर्ण वित्तीय सहायता के साथ एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।
- प्रसाद योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पर्यटन मंत्रालय ने वर्ष 2014-15 में किया था।
- अधिदेश: रोजगार सृजन एवं आर्थिक विकास पर इसके प्रत्यक्ष एवं गुणक प्रभाव के लिए तीर्थ एवं विरासत पर्यटन स्थलों का दोहन करने हेतु केंद्रित एकीकृत आधारिक संरचना के विकास की दृष्टि से प्रसाद योजना प्रारंभ की गई थी।
श्रीशैलम श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. श्रीशैलम श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर कहाँ स्थित है?
उत्तर. श्रीशैलम श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित है।
प्र. श्रीशैलम श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर में किस देवता को समर्पित है?
उत्तर. श्रीशैलम श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर भगवान शिव एवं उनकी पत्नी देवी पार्वती को समर्पित है।
प्र. श्रीशैलम श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर का क्या महत्व है?
उत्तर. लिंगम के आकार में प्राकृतिक शिला की संरचनाओं में स्थान के प्रमुख देवता ब्रह्मराम्बा मल्लिकार्जुन स्वामी हैं, जिन्हें
- भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक एवं
- देवी पार्वती के 18 महाशक्ति पीठों में से एक माना जाता है।