Table of Contents
लद्दाख का राज्य पशु एवं राज्य पक्षी- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 3: पर्यावरण: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं अवक्रमण।
लद्दाख का राज्य पशु एवं राज्य पक्षी- प्रसंग
- हाल ही में, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख ने दो लुप्तप्राय प्रजातियों, हिम तेंदुआ एवं काली गर्दन वाले सारस को राज्य पशु एवं राज्य पक्षी के रूप में अपनाया है।
- काली गर्दन वाला सारस, जो केवल लद्दाख क्षेत्र में पाया जाता है, 5 अगस्त, 2019 ( केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का स्थापना दिवस) से पूर्व जम्मू-कश्मीर का राज्य पक्षी था।
हिम तेंदुआ
- हिम तेंदुआ के बारे में: हिम तेंदुए खाद्य जाल में शीर्ष परभक्षी हैं एवं पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य के संकेतक के रूप में कार्य करते हैं।
- वैज्ञानिक नाम: पेंथेरा अंशिया
- हिम तेंदुए का पर्यावास:
- भारत में: जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम तथा अरुणाचल प्रदेश के पांच राज्यों में उच्च हिमालयी और पार-हिमालयी परिदृश्य में निवास करता है।
- हेमिस, लद्दाख को विश्व के हिम तेंदुए की राजधानी के रूप में जाना जाता है।
- विश्व में: मध्य तथा दक्षिणी एशिया के पर्वतीय क्षेत्र।
- भारत में: जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम तथा अरुणाचल प्रदेश के पांच राज्यों में उच्च हिमालयी और पार-हिमालयी परिदृश्य में निवास करता है।
- संरक्षण स्थिति: यह निम्नलिखित में सम्मिलित है-
- आईयूसीएन-विश्व संरक्षण संघ की संकटग्रस्त प्रजातियों की लाल सूची में ‘अति संवेदनशील / वल्नरेबल’।
- लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार (सीआईटीईएस) पर अभिसमय का ‘परिशिष्ट I’।
- भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की ‘अनुसूची I’।
- प्रवासी प्रजातियों पर अभिसमय (सीएमएस),
डिब्रू सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान
काली गर्दन वाला सारस
- काली गर्दन वाले सारस के बारे में: काली गर्दन वाला सारस मध्यम आकार का अल्पाइन सारस है, जिसका वजन लगभग 5 किलो होता है एवं यह लगभग 115 सेमी लंबा होता है।
- ऊपरी लंबी गर्दन, सिर, प्राथमिक एवं द्वितीयक उड़ान पंख एवं पूंछ पूर्ण रूप से काले होते हैं तथा एक विशिष्ट लाल कलगी (किरीट) सिर को सुशोभित करता है।
- काली गर्दन वाले सारस के दोनों लिंग (नर एवं मादा) लगभग एक ही आकार के होते हैं, किंतु नर मादा से आकार में थोड़ा बड़ा होता है।
- किशोरों का सिर तथा गर्दन भूरे रंग का होता है एवं पंख वयस्क की तुलना में थोड़ा हल्का होता है।
- वैज्ञानिक नाम: ग्रस निग्रीकोलिस
दीपोर बील आर्द्रभूमि एवं वन्य जीव अभ्यारण्य
- पक्षी का पर्यावास:
- प्रजनन स्थल: तिब्बती पठार, सिचुआन (चीन) एवं पूर्वी लद्दाख (भारत) की उच्च तुंगता वाली आर्द्रभूमियाँ इन प्रजातियों का मुख्य प्रजनन स्थल है।
- पक्षी निम्न तुंगता पर शीत ऋतु व्यतीत करते हैं
- लद्दाख में काली गर्दन वाले सारस केवल चांगथांग क्षेत्र में पाए जाते हैं।
- भूटान एवं अरुणाचल प्रदेश में, ये केवल शीत ऋतु के दौरान आते हैं। अरुणाचल प्रदेश में, ये प्रायः देखे जाते हैं-
- पश्चिम कामेंग जिले में संगती घाटी,
- तवांग जिले में चुग घाटियाँ तथा ज़मीथांग प्रांत।
- संरक्षण की स्थिति:
- IUCN लाल सूची: संकटापन्न
- उद्धरण: परिशिष्ट I
- भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची I
- प्रजनन स्थल: तिब्बती पठार, सिचुआन (चीन) एवं पूर्वी लद्दाख (भारत) की उच्च तुंगता वाली आर्द्रभूमियाँ इन प्रजातियों का मुख्य प्रजनन स्थल है।