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राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक 2020: प्रासंगिकता
- जीएस 3: आधारिक अवसंरचना: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़कें, हवाई अड्डे, रेलवे इत्यादि।
राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक 2020: प्रसंग
- हाल ही में, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ने राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक 2020 जारी किया है जो राज्यों को उनकी ऊर्जा दक्षता पहल के आधार पर श्रेणीकृत करता है।
राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक 2020: प्रमुख निष्कर्ष
- कर्नाटक एवं राजस्थान ‘सर्वाधिक अग्रणी’ हैं, जबकि आंध्र प्रदेश, छह अन्य राज्यों के साथ, उन राज्यों में से है जिन्होंने ‘सर्वाधिक सुधार’ देखा एवं ‘सफल’ श्रेणी में है।
- एसईईआई 2020 ने अप्रैल, 2019 एवं मार्च, 2020 के मध्य ऊर्जा दक्षता में 36 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन का आकलन किया।
- एसईईआई 2020 में, 27 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने एसईईआई 2019 की तुलना में अपने स्कोर में सुधार किया है। इनमें से सात राज्यों – असम, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान एवं तमिलनाडु में – 10 से अधिक अंकों का सुधार हुआ है।
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राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक के बारे में
- सूचकांक राज्यों को स्कोर के आधार पर चार श्रेणियों में वर्गीकृत करता है। 60 से अधिक अंक वाले ‘सर्वाधिक अग्रणी’ (‘फ्रंट-रनर‘) हैं, 50-60 अंक वाले राज्य ‘सफल’ (‘अचीवर्स‘) हैं, 30-49.5 अंक ‘दावेदार‘ (कंटेंडर्स) हैं एवं 30 से कम अंक वाले राज्य ‘आकांक्षी‘ (एस्पिरेंट) का दर्जा प्राप्त करेंगे।
- सूचकांक में छह क्षेत्रों में 68 संकेतक: भवन, उद्योग, नगरपालिका, परिवहन, कृषि और वितरण कंपनियां (डिस्कॉम), एवं अंतर क्षेत्रीय पहल सम्मिलित हैं।
- यह आकलन इस तथ्य पर आधारित है कि राज्यों ने उक्त छह क्षेत्रों में नीति एवं विनियमन, वित्तपोषण तंत्र, संस्थागत क्षमता, ऊर्जा दक्षता उपायों को अपनाने एवं ऊर्जा बचत के संबंध में ऊर्जा दक्षता पहल कितनी प्रभावी ढंग से संचालित की है।
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राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक 2020: महत्व
- रिपोर्ट ऊर्जा दक्षता नीतियों के प्रभावी निरूपण एवं क्रियान्वयन में सहायता करती है।
- यह राज्यों के मध्य सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रदर्शित करता है एवं स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन प्रदान करता है।
- यह राज्य विशिष्ट ऊर्जा दक्षता लक्ष्य निर्धारित करने एवं उनकी प्रगति को ट्रैक करने के लिए एक आधार भी प्रदान करता है।