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स्टॉकहोम कन्वेंशन

स्टॉकहोम कन्वेंशन: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन।

स्टॉकहोम अभिसमय के बारे में

  • स्टॉकहोम अभिसमय (कन्वेंशन) मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों (पीओपी) सेसुरक्षित करने हेतु एक वैश्विक संधि है।
  • स्टॉकहोम कन्वेंशन 2004 में प्रवर्तन में आया।

 

स्टॉकहोम कन्वेंशन: मुख्य बिंदु

  • यूनिडो (संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन) स्टॉकहोम कन्वेंशन को प्रवर्तित करने हेतु, विकासशील देशों एवं संक्रमणशील अर्थव्यवस्था वाले देशों को सहयोग प्रदान करने हेतु भी उत्तरदायी है।
  • वैश्विक पर्यावरण सुविधा (जीईएफ) स्टॉकहोम कन्वेंशन हेतु नामित अंतरिम वित्तीय तंत्र है।
  • भारत ने 2002 में स्टॉकहोम अभिसमय पर हस्ताक्षर किए एवं यह 2006 में प्रवर्तन में आया।
  • अक्टूबर 2020 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों पर स्टॉकहोम अभिसमय (स्टॉकहोम कन्वेंशन ऑन पर्सिस्टेंट ऑर्गेनिक पॉल्युटेंट्स) (पीओपी) के तहत सूचीबद्ध सात (7) रसायनों के अनुसमर्थन को स्वीकृति प्रदान की।

 

पीओपी क्या हैं?

  • पीओपी ऐसे रसायन हैं जो दीर्घ काल तक पर्यावरण में अक्षुण्ण बने रहते रहते हैं, भौगोलिक रूप से व्यापक स्तर पर वितरित हो जाते हैं, मनुष्यों एवं वन्यजीवों के वसायुक्त ऊतक में जमा हो जाते हैं एवं मानव स्वास्थ्य अथवा पर्यावरण पर हानिकारक प्रभाव डालते हैं।
  • स्टॉकहोम अभिसमय के तहत, निम्नलिखित 12 पीओपी हैं जिन पर आरंभ में विचार किया गया था।
श्रेणी स्थायी कार्बनिक प्रदूषक
कीटनाशक
  1. एल्ड्रिन
  2. क्लोर्डेन
  3. डीडीटी
  4. डायलड्रिन
  5. एंड्रिन
  6. हेप्टएक्लोर
  7. हेक्सा क्लोरो बेंजीन
  8. मिरेक्स
  9. टोक्साफीन
औद्योगिक रसायन 10.     हेक्सा क्लोरो बेंजीन

11.   पॉलीक्लोरिनेटेड बाई फिनाइल (पीसीबी)

उप- उत्पाद 12.  पॉलीक्लोरिनेटेड डिबेंजो-पी-डाइऑक्सिन एवं पॉलीक्लोरिनेटेड डिबेंजोफुरन्स (पीसीडीडी/पीसीडीएफ)

 

कॉप ने 2017 में स्टॉकहोम अभिसमय में 16 नए रसायन जोड़े। स्टॉकहोम अभिसमय के तहत नए जोड़े गए 16 रसायन नीचे दिए गए हैं:

अल्फा हेक्सा क्लोरो साइक्लोहेक्सीन पेंटाक्लोरोबेंजीन
बीटा हेक्सा क्लोरो साइक्लोहेक्सीन पेंटाक्लोरोफेनोल एवं उसके लवण तथा एस्टर
क्लोर्डेकोन पेरफ्लूरूक्टेन सल्फोनिक अम्ल (पीएफओएस), इसके लवण एवं  पेरफ्लूरूक्टेन  सल्फोनिल फ्लोराइड (पीएफओएसएफ)
हेक्साब्रोमोबिफेनिल पॉलीक्लोराइनेटेड नेफ़थलीन
हेक्साब्रोमोसाइक्लोडोडेकेन तकनीकी एंडोसल्फान एवं इससे संबंधित समभारिक (आइसोमर)
हेक्सा ब्रोमोडिफेनिल ईथर एवं

हेप्टा ब्रोमोडिफेनिल ईथर

(वाणिज्यिक ऑक्टाब्रोमोडिफेनिल ईथर)

टेट्राब्रोमोडिफेनिल ईथर

एवं पेंटाब्रोमोडिफेनिल ईथर (वाणिज्यिक

पेंटाब्रोमोडिफेनिल ईथर)

हेक्साक्लोरोबुटाडीन डिकैब्रोमोडिफेनिल ईथर

(वाणिज्यिक मिश्रण, सीडीसीएबीडीई)

लिंडेन शॉर्ट-चेन क्लोरीनयुक्त पैराफिन (एससीसीपी)

 

महत्वपूर्ण: यूपीएससी परीक्षा के लिए पहले दिए गए 12 पीओपी महत्वपूर्ण हैं। 16 पीओपी केवल आपके संदर्भ के लिए दिए गए हैं, आपको इन पीओपी के नाम याद रखने की आवश्यकता नहीं है।

स्टॉकहोम अभिसमय के उद्देश्य

  • 12 सर्वाधिक खराब से शुरू करते हुए खतरनाक पीओपी को हटाना,
  • सुरक्षित विकल्पों में संक्रमण का समर्थन करना
  • कार्रवाई के लिए अतिरिक्त पीओपी को लक्षित करना
  • पीओपी युक्त पुराने भंडार एवं उपकरणों का परिशोधन
  • पीओपी मुक्त भविष्य के लिए मिलकर कार्य करना

 

स्टॉकहोम अभिसमय का इतिहास

  • स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों पर स्टॉकहोम अभिसमय 2001 में अंगीकृत किया गया था एवं 2004 में प्रवर्तन में आया था। यद्यपि, पीओपी पर चर्चा बहुत पहले प्रारंभ हुई थी। नीचे वे घटनाएं हैं जो यूपीएससी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  • 1995 में, यूएनईपी ने अपने निर्णय में अनुरोध किया कि 12 पीओपी की प्रारंभिक सूची की एक अंतरराष्ट्रीय मूल्यांकन प्रक्रिया प्रारंभ की जाए।
  • 1997 में, यूएनईपी कार्यकारी परिषद (गवर्निंग काउंसिल) ने अपने निर्णय में यूएनईपी को एक अंतर-सरकारी वार्ता समिति (आईएनसी) तैयार करने एवं एकत्र करने हेतु आमंत्रित किया, ताकि अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई को लागू करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय विधिक रूप से, आरंभिक रूप से 12 पीओपी से प्रारंभ करते हुए बाध्यकारी उपकरण तैयार किया जा सके।
  • पीओपी पर अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई को लागू करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विधिक रूप से बाध्यकारी साधन विकसित करने हेतु आईएनसी की प्रथम बैठक 1998 में मॉन्ट्रियल, कनाडा में आयोजित की गई थी, जिस पर ऊपर अनुरोधित मानदंड विशेषज्ञ समूह (सीईजी) की स्थापना की गई थी।
  • सीईजी ने दो बैठकों: पहली बैंकॉक, थाईलैंड में, अक्टूबर 1998 में और दूसरी, वियना, ऑस्ट्रिया में, जून 1999 में में अपना अधिदेश पूर्ण किया।
  • अभिसमय के संबंध में अनुसमर्थन, स्वीकृति, अनुमोदन या परिग्रहण के पचासवें उपकरण को प्रस्तुत करने के नब्बे दिनों के पश्चात, अभिसमय 17 मई 2004 को प्रवर्तन में आया।
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manish

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