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स्त्री मनोरक्षा परियोजना: प्रासंगिकता
- जीएस 2: केंद्र एवं राज्यों द्वारा आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं।
स्त्री मनोरक्षा परियोजना: संदर्भ
- हाल ही में, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ( मिनिस्ट्री ऑफ वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट/एमडब्ल्यूसीडी) ने सप्ताह भर चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के एक भाग के रूप में स्त्री मनोरक्षा परियोजना प्रारंभ की है।
स्त्री मनोरक्षा परियोजना: प्रमुख बिंदु
- यह पहल निमहंस (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज), बेंगलुरु के सहयोग से प्रारंभ की गई है।
- इस परियोजना का उद्देश्य संपूर्ण भारत में 6000 ओएससी कार्यकर्ताओं को मानसिक स्वास्थ्य प्रशिक्षण प्रदान करना है।
- यह परियोजना मनोसामाजिक कल्याण पर बल देगी एवं इसका उद्देश्य भारत में महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करना है।
- यह परियोजना ओएससी (वन स्टॉप सेंटर्स) के पदाधिकारियों के क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो कि ओएससी के पास आने वाली महिलाओं के मामलों को संभालने के तरीके के बारे में है, विशेष रूप से वे महिलाएं जिन्होंने उचित संवेदनशीलता एवं देखभाल के साथ हिंसा तथा संकट का सामना किया है।
- यह परियोजना ओएससी कर्मचारियों एवं परामर्शदाताओं के लिए स्व-देखभाल तकनीकों पर भी ध्यान केंद्रित करती है।
स्त्री मनोरक्षा परियोजना के बारे में
- मंत्रालय द्वारा अनुमानित आवश्यकताओं के आधार पर निमहंस द्वारा जिस परियोजना की रूपरेखा तैयार की गई है, उसे दो प्रारूपों में प्रदान किया जाएगा।
- एक प्रारूप सभी ओएससी पदाधिकारियों के लिए बुनियादी प्रशिक्षण पर केंद्रित होगा जिसमें सुरक्षा गार्ड, रसोइया, सहायक, केस वर्कर, परामर्शदाता, केंद्र प्रशासक, पैरा मेडिकल स्टाफ इत्यादि सम्मिलित हैं।
- दूसरा प्रारूप अग्रवर्ती पाठ्यक्रम पर बल देगा जो महिलाओं के प्रति अनेक हिंसा के मामले में बहु-पीढ़ी के निहितार्थ एवं आजीवन मानसिक आघात से संबंधित विभिन्न घटकों पर केंद्रित है।
- इस संबंध में, MWCD ने OSC परामर्शदाताओं के लिए अग्रवर्ती प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम प्रारंभ किया है तथा OSC कर्मचारियों की क्षमता निर्माण के लिए संसाधन सामग्री भी जारी की है।
वन स्टॉप सेंटर क्या है?
- एमडब्ल्यूसीडी ने वन स्टॉप सेंटर की स्थापना के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना तैयार की है, जो राष्ट्रीय महिला सशक्तिकरण मिशन के लिए प्रछत्र योजना की एक उप-योजना है।
- सखी के नाम से लोकप्रिय इस योजना को 2015 से क्रियान्वित किया गया है।
- निजी एवं सार्वजनिक दोनों स्थानों पर हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एक छत के नीचे चरणबद्ध रूप से एकीकृत सहयोग एवं सहायता प्रदान करने के लिए ये केंद्र पूरे देश में स्थापित किए जा रहे हैं।
- यौन उत्पीड़न, यौन बलात्संग, घरेलू हिंसा, मानव दुर्व्यापार, सम्मान संबंधी अपराध, एसिड अटैक अथवा डायन-संदिग्धता के कारण किसी भी प्रकार की हिंसा का सामना करने वाली पीड़ित महिलाएं जो ओएससी तक पहुंच गई हैं या उन्हें संदर्भित किया गया है, उन्हें विशेष सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
- वर्तमान में देश में कुल 234 वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) कार्यरत हैं।