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सतत एवं हरित पर्यटन (सस्टेनेबल एंड ग्रीन टूरिज्म)

सतत एवं हरित पर्यटन- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • सामान्य अध्ययन III- पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण।

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सतत एवं हरित पर्यटन चर्चा में क्यों है?

  • पर्यटन मंत्रालय ने नवोदित उद्योग के रूप में पर्यटन उद्योग की क्षमता को अभिनिर्धारित किया।
  • पर्यटन विश्लेषकों को पर्यटन योजनाकारों को उत्तरदायी ठहराने की आवश्यकता है।

 

पर्यटन क्या है?

  • पर्यटन आनंद या व्यवसाय के लिए यात्रा है; दौरे का सिद्धांत एवं अभ्यास, पर्यटकों को आकर्षित करने, समायोजित करने एवं मनोरंजन करने का व्यवसाय तथा पर्यटन का व्यवसाय संचालन है।

 

पर्यटन के प्रकार

  • घरेलू पर्यटन: अपने निवास के देश के भीतर एवं अपने घर के बाहर एक आगंतुक की गतिविधियों को संदर्भित करता है (उदाहरण के लिए भारत के अन्य हिस्सों में जाने वाला भारतीय)।
  • आवक पर्यटन: निवास के देश के बाहर से एक आगंतुक की गतिविधियों को संदर्भित करता है (उदाहरण के लिए ब्रिटेन का दौरा करने वाला स्पेन देश का एक निवासी)।
  • बहिर्गामी पर्यटन: एक निवासी आगंतुक की गतिविधियों को उनके निवास के देश के बाहर संदर्भित करता है (उदाहरण के लिए एक विदेशी देश का दौरा करने वाला भारतीय)।

 

सतत पर्यटन का क्या अर्थ है?

  • सतत पर्यटन को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूनाइटेड नेशंस एनवायरनमेंट प्रोग्राम/यूएनईपी) एवं संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूनाइटेड नेशंस वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन) द्वारा परिभाषित किया गया है, “पर्यटन जो अपने वर्तमान एवं भविष्य के आर्थिक, सामाजिक तथा पर्यावरणीय प्रभावों का पूर्ण रुप से ध्यान रखता है, आगंतुकों, उद्योग, पर्यावरण एवं मेजबान समुदायों की आवश्यकताओं को पूरा करता है।”

 

पर्यटन का मुख्य महत्व क्या है?

  • पर्यटन अर्थव्यवस्था के राजस्व को बढ़ाता है, हजारों नौकरियां उत्पन्न करता है, देश की आधारिक अवसंरचना को विकसित करता है एवं विदेशियों तथा नागरिकों के मध्य सांस्कृतिक आदान-प्रदान की भावना उत्पन्न करता है।

 

पर्यटन की आवश्यकता

  • पर्यटन एक सनक नहीं है। यह नए स्थानों की खोज करने की ललक से प्रेरित एक बाध्यता है। क्योंकि हमारे पास अज्ञात में उद्यम करने की यह विवशता है, हमें एक दूसरे की आवश्यकता है। जब मनुष्य यात्रा करते हैं, मिलते हैं और विचारों का आदान-प्रदान करते हैं, तो सभ्यता पल्लवित होती है।

 

पर्यटन को प्रोत्साहित करने हेतु क्या किया जाना चाहिए?

  • राष्ट्रीय पर्यटन प्राधिकरण: विभिन्न पर्यटन संबंधी पहलों के क्रियान्वयन एवं संचालन के लिए एक पृथक राष्ट्रीय पर्यटन प्राधिकरण (नेशनल टूरिज्म अथॉरिटी/एनटीए) की स्थापना की जानी चाहिए। चपलता के लिए अनुमति देने हेतु सरल, लोचशील एवं सुरुचिपूर्ण प्रक्रियाएं निर्धारित की जाएंगी।
  • राष्ट्रीय पर्यटन सलाहकार बोर्ड: देश में पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए समग्र दृष्टिकोण, मार्गदर्शन एवं दिशा प्रदान करने के लिए एक राष्ट्रीय पर्यटन सलाहकार बोर्ड (नेशनल टूरिज्म एडवाइजरी बोर्ड/एनटीएबी) की स्थापना की जानी चाहिए।
  • पर्यटन पारिस्थितिकी तंत्र में सामंजस्य स्थापित करना: सरकार के विभिन्न स्तरों पर एवं निजी क्षेत्र के साथ  सामंजस्य सुनिश्चित करने हेतु, एक उचित रूप से परिभाषित संरचना होना आवश्यक है।
  • गुणवत्ता पर्यटन ढांचा: आवास प्रदाताओं, टूर ऑपरेटरों, साहसिक टूर ऑपरेटरों, सेवा प्रदाताओं जैसे स्पा एवं वेलनेस, गाइड, रेस्तरां इत्यादि जैसे सभी क्षेत्रों में उत्पादों एवं सेवाओं के गुणवत्ता प्रमाणन के लिए एक  सुदृढ़ अवसंरचना निर्धारित की जानी चाहिए।
  • मौजूदा लक्जरी पर्यटन उत्पादों को वर्धित करना: मौजूदा पर्यटन उत्पादों जैसे नीलगिरि माउंटेन रेलवे, पैलेस ऑन व्हील्स  इत्यादि को वर्धित किया जाना चाहिए तथा उनकी संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए। लग्जरी ट्रेनों को व्यवहार्य बनाने के लिए ढुलाई प्रभारों को युक्तिसंगत बनाया जाना चाहिए।
  • रेलवे एक गेम चेंजर सिद्ध हो सकता है: पर्यटन के लिए देश के अधिकांश हिस्सों में रेलवे की उपस्थिति है। देश के अधिकांश पर्यटन स्थल रेल मार्ग से जुड़े हुए हैं। रेलवे अधिक स्थानों को जोड़ने की प्रक्रिया में है, विशेष रूप से रणनीतिक स्थान जो वर्तमान में सीमित संपर्क वाले पर्यटन स्थल भी हैं। भारतीय रेलवे पर्यटकों के गंतव्यों को जोड़ने वाली अधिक ट्रेनों का संचालन करके देश में पर्यटन को प्रोत्साहित करने की दिशा में कार्यरत है एवं साथ ही लक्जरी पर्यटक ट्रेनों से लेकर बजट खानपान पर्यटक ट्रेनों तक उत्पादों की एक श्रृंखला प्रदान कर रहा है।

 

गुजरात का एमआईसीई पर्यटन क्या है?

  • संक्षिप्त नाम “एमआईसीई” का अर्थ “मीटिंग्स, इंसेंटिव्स, कॉन्फ्रेंस एंड एग्जिबीशंस” है एवं यह अनिवार्य रूप से व्यावसायिक पर्यटन का एक संस्करण है जो घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को एक गंतव्य पर आकर्षित करता है।
  • नीति का उद्देश्य गुजरात को देश के शीर्ष पांच एमआईसीई पर्यटन स्थलों में से एक बनाना है।

 

आगे की राह

  • यात्रा, ठहरने एवं व्यय को बढ़ाकर भारतीय अर्थव्यवस्था में पर्यटन के योगदान को वर्धित करना।
  • पर्यटन क्षेत्र में रोजगार एवं उद्यमशीलता के अवसर सृजित करना तथा दक्ष कार्यबल की आपूर्ति सुनिश्चित करना।
  • पर्यटन क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि करना एवं निजी क्षेत्र के निवेश को आकर्षित करना।
  • देश के सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण तथा संवर्धन करना।
  • देश में पर्यटन के सतत, उत्तरदायी एवं समावेशी विकास को सुनिश्चित करना।

 

निष्कर्ष

  • हम जानते हैं कि भारत में किसी भी देश की तुलना में सर्वाधिक पर्यटन क्षमता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे पास प्रत्येक तरीके के भूभाग एवं जलवायु क्षेत्र हैं तथा किसी भी अन्य राष्ट्र द्वारा अद्वितीय रीति-रिवाज, परंपराएं, व्यंजन, शिल्प, कला रूप एवं त्योहारों की एक श्रृंखला है। हमें एक व्यापक राष्ट्रीय पर्यटन नीति  निर्मित कर अपनी क्षमता का मुद्रीकरण करना चाहिए।

 

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