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स्वच्छ वायु सर्वेक्षण- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 3: पर्यावरण- संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण।
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम/एनसीएपी) के तहत ‘स्वच्छ वायु सर्वेक्षण- शहरों की रैंकिंग’ पर दिशानिर्देश जारी किए गए।
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण
- स्वच्छ वायु सर्वेक्षण के बारे में: स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025-26 तक वायु प्रदूषण को 40% तक कम करने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के एक भाग के रूप में तैयार की गई नगर कार्य योजना (सिटी एक्शन प्लान) को क्रियान्वित करने हेतु देश के 131 शहरों की रैंकिंग को प्रोत्साहित करता है।
- संबद्ध मंत्रालय: पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ( मिनिस्टर ऑफ एनवायरनमेंट, फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज/MoEFCC) शहरों की स्वच्छ वायु सर्वेक्षण रैंकिंग का समग्र कार्यान्वयन प्रारंभ करेंगे तथा अवलोकन करेंगे।
- श्रेणियाँ: स्वच्छ वायु सर्वेक्षण रैंकिंग में जनसंख्या के आधार पर 131 शहरों को तीन समूहों में वर्गीकृत किया गया है।
- पहले समूह में 47 शहर हैं जिनकी आबादी 10 लाख से अधिक है।
- दूसरे समूह में 44 शहर हैं जिनकी आबादी 3 से 10 लाख के बीच है।
- तीसरे समूह में 3 लाख से कम आबादी वाले 40 शहर सम्मिलित हैं।
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण के लिए रैंकिंग पद्धति
- स्वच्छ वायु सर्वेक्षण के तहत, शहरों को PRANA ऑनलाइन पोर्टल पर दिए गए ढांचे के अनुसार स्व-मूल्यांकन करना आवश्यक है। यह मूल्यांकन वार्षिक आधार पर किया जाता है।
- शहरों को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सड़क धूल प्रबंधन, निर्माण एवं विध्वंस कचरे के प्रबंधन, वाहनों के उत्सर्जन पर नियंत्रण तथा औद्योगिक प्रदूषण के संबंध में किए गए क्रियाकलापों एवं उपायों के कार्यान्वयन की रिपोर्ट देनी होगी।
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण शहरी रैंकिंग का महत्व
- स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2022 रैंकिंग शहरों को वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए अपने कार्यों की योजना निर्मित करने हेतु एक उपकरण प्रदान करती है।
- स्वच्छ वायु सर्वेक्षण सिटी रैंकिंग शहरों को श्रेणीकृत करने के लिए वायु गुणवत्ता मानकों के माप पर आधारित नहीं है।
- यह विभिन्न डोमेन में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए शहरों द्वारा की गई कार्रवाइयों पर आधारित है।
- शहरों द्वारा की गई कार्रवाइयों के परिणाम स्वरूप वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।
- इस प्रकार यह वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए एक योजना कार्यान्वयन उपकरण प्रदान करता है तथा शहरों का आकलन करता है कि उन्होंने वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए अपने कार्यों को कितनी बेहतर तरीके से संरेखित किया है।
पर्यावरण मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन
- विषय-वस्तु: पर्यावरण मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन छह विषय वस्तुओं के तहत आयोजित किया गया था जिसमें निम्नलिखित विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया था-
- जीवन एवं जलवायु परिवर्तन का मुकाबला (उत्सर्जन के शमन तथा जलवायु प्रभावों के अनुकूलन के लिए जलवायु परिवर्तन पर राज्य कार्य योजनाओं को अद्यतन करना);
- परिवेश/PARIVESH (एकीकृत हरित स्वीकृति हेतु एकल बिंदु प्रणाली/सिंगल विंडो सिस्टम);
- वानिकी प्रबंधन;
- प्रदूषण की रोकथाम एवं नियंत्रण;
- वन्यजीव प्रबंधन;
- प्लास्टिक तथा अपशिष्ट प्रबंधन।
- भागीदारी: देश भर के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रियों ने पर्यावरण मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया।
- राज्य वन एवं पर्यावरण मंत्रियों, संबंधित राज्य सचिवों के साथ-साथ पीसीसीएफ के साथ-साथ राज्य पीसीबी / पीसीसी के अध्यक्षों ने भी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन (एनवायरमेंट, फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज/ईएफ एंड सीसी) के मंत्रियों के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया।