Table of Contents
स्वामी विवेकानंद- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 1: भारतीय इतिहास- अठारहवीं शताब्दी के मध्य से लेकर वर्तमान तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्वपूर्ण घटनाएं, व्यक्तित्व, मुद्दे।
स्वामी विवेकानंद- प्रसंग
- हाल ही में प्रधानमंत्री ने स्वामी विवेकानंद को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की है। इस अवसर पर उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पुडुचेरी में 25 वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन भी किया।
- भारत में 1984 से स्वामी विवेकानंद की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाई जाती रही है।
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने स्वामी विवेकानंद को “आधुनिक भारत का निर्माता” कहा था।
स्वामी विवेकानंद- प्रमुख बिंदु
- जन्म: स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को पश्चिम बंगाल के कलकत्ता में एक बंगाली परिवार में हुआ था।
- स्वामी विवेकानंद का नाम मूल रूप से नरेंद्र नाथ दत्त था।
- 1893 में, उन्होंने खेतड़ी राज्य के महाराजा अजीत सिंह के अनुरोध पर ‘विवेकानंद’ नाम ग्रहण किया।
- भारत सरकार ने 1984 में उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस घोषित किया।
- प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा:
- अल्पायु से, स्वामी विवेकानंद ने पश्चिमी दर्शन, इतिहास, धर्म, आध्यात्मिकता एवं धर्मशास्त्र में गहरी रुचि विकसित की।
- स्वामी विवेकानंद अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस के संपर्क में आए एवं 1886 में उनकी मृत्यु तक उनके प्रति समर्पित रहे।
- 1886 में, स्वामी विवेकानंद ने औपचारिक रूप से मठवासी प्रतिज्ञाओं को स्वीकार किया।
- मृत्यु: स्वामी विवेकानंद ने 4 जुलाई 1902 को पश्चिम बंगाल में स्थित बेलूर मठ में महासमाधि प्राप्त की।
स्वामी विवेकानंद- प्रमुख योगदान
- योग एवं वेदांत का दर्शन: स्वामी विवेकानंद को वेदांत एवं योग के भारतीय दर्शन को पश्चिमी दुनिया को परिचय कराने का श्रेय प्रदान किया जाता है।
- स्वामी विवेकानंद ने 1893 में शिकागो (यू.एस.) में आयोजित प्रथम धर्म संसद में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
- ‘नव-वेदांत‘ के दर्शन का उपदेश दिया: स्वामी विवेकानंद ने ‘नव-वेदांत’ का प्रचार किया, जो पश्चिमी दृष्टि के माध्यम से हिंदू धर्म की व्याख्या है एवं आध्यात्मिकता को भौतिक प्रगति के साथ जोड़ने में विश्वास करता है।
- नव-वेदांत का दर्शन वेदों के प्रति उदार दृष्टिकोण के साथ, वेदांत की एक आधुनिक व्याख्या है।
- नव-वेदांत का दर्शन द्वैतवाद एवं गैर-द्वैतवाद के साथ सामंजस्य स्थापित करता है एवं शंकराचार्य के “सार्वभौमिक असत्तावाद” को अस्वीकृत करता है।
- साहित्यिक रचनाएं: स्वामी विवेकानंद ने अपनी पुस्तकों के माध्यम से सांसारिक सुख एवं मोह से मोक्ष प्राप्त करने के चार मार्ग बताए –
- राज योग
- ज्ञान योग
- कर्म योग
- भक्ति योग
- संबद्ध संगठन:
- रामकृष्ण मिशन: स्वामी विवेकानंद ने 1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।
- रामकृष्ण मिशन के माध्यम से, स्वामी विवेकानंद ने संभ्रांत विचारों को निर्धनतम एवं दीन हीन व्यक्तियों के द्वार तक लाने का लक्ष्य रखा।
- रामकृष्ण मिशन मूल्य आधारित शिक्षा, संस्कृति, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, युवा एवं आदिवासी कल्याण तथा राहत एवं पुनर्वास के क्षेत्र में कार्य करता है।
- बेलूर मठ: यह 1899 में पश्चिम बंगाल में स्वामी विवेकानंद द्वारा स्थापित किया गया था जो उनका स्थायी निवास स्थान बन गया। यहां 1902 में उनका निधन हो गया।
- रामकृष्ण मिशन: स्वामी विवेकानंद ने 1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।
- शिक्षा पर केंद्रण: स्वामी विवेकानंद ने हमारी मातृभूमि के उत्थान के लिए भारत के युवाओं को शिक्षित करने पर बल दिया।
- स्वामी विवेकानंद मानव-निर्माण चरित्र-निर्माण करने वाली शिक्षा प्रदान करने में विश्वास रखते थे।
- स्वामी विवेकानंद ने आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करने के साथ-साथ अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार के तरीकों के बारे में आम लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से संपूर्ण भारत का भ्रमण किया।
- स्वामी विवेकानंद का मानना था कि जिस अनुपात में शिक्षा का प्रसार लोगों के मध्य होता है, उसी अनुपात में एक राष्ट्र उन्नत होता है।
- उन्होंने महिलाओं एवं निचली जातियों के लोगों को शिक्षित करने हेतु भी उत्साहपूर्वक कार्य किया।