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शिक्षक दिवस 2022- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां
- सरकार की नीतियां एवं विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए अंतःक्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
शिक्षक दिवस 2022 चर्चा में क्यों है?
- शिक्षक दिवस 2022 के अवसर पर, भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन, नई दिल्ली (5 सितंबर, 2022) में आयोजित एक समारोह में देश भर के 45 शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए।
शिक्षक दिवस 2022
- 5 सितंबर को प्रतिवर्ष शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। शिक्षक दिवस शिक्षकों एवं उनके छात्रों के जीवन को आकार देने में उनकी भूमिका को समर्पित है।
- भारत प्रतिवर्ष डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को उनके योगदान एवं उपलब्धियों के सम्मान में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाता है।
- शिक्षक दिवस भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति की स्मृति का सम्मान करने एवं हमारे जीवन में शिक्षकों के महत्व का स्मरण करने हेतु मनाया जाता है।
- एक बार, डॉ. राधाकृष्णन ने आग्रह किया, “मेरा जन्मदिन मनाने के स्थान पर, यह मेरे लिए गर्व की बात होगी कि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए।”
- तभी से 1962 से देश में उनके जन्मदिन को ‘शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाया जाने लगा।
- भारत में शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए पारंपरिक रूप से एक और समान दिन होता है, जिसे गुरु पूर्णिमा कहा जाता है, जो आमतौर पर जुलाई में पड़ता है कथा चंद्र कैलेंडर पर आधारित होता है।
शिक्षक दिवस 2022- महत्व
- शिक्षक दिवस को विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण दिन के रूप में मनाया जाता है।
- शिक्षक दिवस पर, विद्यालय आमतौर पर शिक्षकों एवं छात्रों के लिए विशेष उत्सव गतिविधियों का आयोजन करते हैं।
- छात्र आमतौर पर प्रशंसा के एक संकेत के रूप में, उनके शिक्षकों द्वारा उनके लिए वर्ष भर की गई कठिन परिश्रम हेतु एक तरह का स्मरण एवं सम्मान प्रस्तुत करते हैं।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
- जन्म: डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को एक निर्धन तेलुगु ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
- डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में: डॉ. राधाकृष्णन स्वतंत्र भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति एवं द्वितीय राष्ट्रपति थे। वह एक विद्वान, दार्शनिक सत्ता भारत रत्न से सम्मानित भी थे।
- शिक्षा: डॉ. राधाकृष्णन ने अपनी पूरी शिक्षा छात्रवृत्ति के माध्यम से पूर्ण की थी।
- साहित्यिक रचनाएं: उन्होंने दर्शनशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की एवं 1917 में ‘द फिलॉसफी ऑफ रवींद्रनाथ टैगोर’ पुस्तक लिखी।
- प्रमुख उपलब्धियां:
- उन्होंने 1931 से 1936 तक आंध्र विश्वविद्यालय के कुलपति एवं 1939 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुलपति के रूप में मदन मोहन मालवीय के उत्तराधिकारी के रूप में भी कार्य किया।
- उन्होंने चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज एवं कलकत्ता विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य किया।
- डॉ. राधाकृष्णन को भारत रत्न – 1954 में भारत में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- डॉ. राधाकृष्णन को 1963 में ब्रिटिश रॉयल ऑर्डर ऑफ मेरिट के मानद सदस्य के रूप में भी स्वीकृत किया गया था।
शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार 2022
- शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार 2022 के बारे में: शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार 2022 भारत के राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों के अद्वितीय एवं प्रमुख योगदान का उत्सव मनाने के लिए है।
- शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत मेधावी शिक्षकों को सार्वजनिक मान्यता प्रदान करता है।
- उद्देश्य: शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार का उद्देश्य देश के कुछ बेहतरीन शिक्षकों के अद्वितीय योगदान का उत्सव मनाना एवं उनका सम्मान करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता एवं कठिन परिश्रम के माध्यम से न केवल विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध किया है।
- संबद्ध मंत्रालय: विद्यालयी शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय, प्रतिवर्ष शिक्षक दिवस पर देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को -शिक्षकों के राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने हेतु राष्ट्रीय स्तर के समारोह का आयोजन करता है।
शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार 2022 के विजेता
- शिक्षक दिवस 2022 के अवसर पर, भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में विज्ञान भवन में शिक्षक 2022 को 45 शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया।
- शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित किए गए 45 शिक्षकों में से दो शिक्षकों में से एक अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह से तथा एक अन्य उत्तराखंड से विकलांग शिक्षकों हेतु विशेष श्रेणी के तहत सम्मानित किया जाएगा।