Home   »   Technical Textiles   »   Technical Textiles

भारत में तकनीकी वस्त्र

भारत में तकनीकी वस्त्र- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- दैनिक जीवन में विकास एवं उनके अनुप्रयोग तथा प्रभाव।

भारत में तकनीकी वस्त्र- संदर्भ

  • हाल ही में केंद्रीय कपड़ा मंत्री ने कहा कि भारत को आगामी 3 वर्षों में तकनीकी वस्त्रों के निर्यात में 5 गुना वृद्धि का लक्ष्य रखना चाहिए।
  • केंद्र से राज्यों में वस्त्र क्षेत्र के लिए पीएलआई का समर्थन करना अपेक्षित है एवं विकास हेतु सहयोग करने के लिए वस्त्र (कपड़ा) निर्माण हेतु सस्ती जमीन एवं बिजली एवं वहन योग्य आधारिक अवसंरचना की पेशकश कर रहा है।

UPSC Current Affairs

क्या आपने यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2021 को उत्तीर्ण कर लिया है?  निशुल्क पाठ्य सामग्री प्राप्त करने के लिए यहां रजिस्टर करें

भारत में तकनीकी वस्त्र- मुख्य बिंदु

  • तकनीकी वस्त्रों के बारे में: तकनीकी वस्त्रों को वस्त्र सामग्री एवं उत्पादों के रूप में परिभाषित किया जाता है जो उनके सौंदर्य या सजावटी विशेषताओं के स्थान पर मुख्य रूप से उनके तकनीकी प्रदर्शन एवं कार्यात्मक गुणों के लिए उपयोग किए जाते हैं।
    • तकनीकी वस्त्रों को परिभाषित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले अन्य शब्दों में औद्योगिक वस्त्र, कार्यात्मक वस्त्र, निष्पादन/प्रदर्शन वस्त्र, इंजीनियरिंग वस्त्र, अदृश्य वस्त्र एवं उच्च तकनीक वाले वस्त्र शामिल हैं।
  • उपयोग: तकनीकी वस्त्रों का उपयोग व्यक्तिगत रूप से या किसी अन्य उत्पाद के घटक/भाग के रूप में किया जाता है।
    • अग्निशमन कर्मी (फायरमैन) की वर्दी के लिए अग्निरोधक कपड़े एवं शामियाना के रूप में उपयोग किए जाने वाले लेपित कपड़े जैसे विशिष्ट कार्यों को पूरा करने के लिए तकनीकी वस्त्रों का व्यक्तिगत रूप से उपयोग किया जाता है।
    • एक घटक या किसी अन्य उत्पाद के हिस्से के रूप में, उनका उपयोग उस उत्पाद की क्षमता, प्रदर्शन या अन्य कार्यात्मक गुणों को संवर्धित करने हेतु किया जाता है।
  • मुख्य विशेषताएं: निम्नलिखित विशेषताओं के कारण तकनीकी वस्त्रों को प्राथमिकता दी जाती है
    • स्वास्थ्य एवं सुरक्षा;
    • लागत प्रभावशीलता;
    • स्थायित्व;
    • उच्च क्षमता;
    • हल्का वजन;
    • बहुमुखी;
    • विशिष्ट निर्माण (कस्टमाइजेशन);
    • उपयोगकर्ता के लिए अनुकूलता;
    • पर्यावरण अनुकूल;
    • सम्भारिकी सुविधा, इत्यादि।

वैकल्पिक निवेश कोष: उभरते सितारे कोष

भारत में तकनीकी वस्त्र- संभावनाएं

  • भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान: तकनीकी वस्त्र भारत के कुल वस्त्र एवं परिधान बाजार का लगभग 13% है एवं भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 7% का योगदान देता है।
    • एक व्यापक मांग अंतराल को पूरा करने की एक विस्तृत संभावना है क्योंकि भारत में तकनीकी वस्त्रों का उपयोग अभी भी मात्र 5-10% है जबकि कुछ उन्नत देशों में 30-70% है।
  • राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन: इसे निम्नलिखित की प्राप्ति को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है-
    • वर्ष 2024 तक तकनीकी वस्त्रों के घरेलू बाजार के आकार को 40-50 अरब डॉलर तक बढ़ाने के लिए 15-20% की औसत वृद्धि दर
    • इसे बाजार विकास, बाजार संवर्धन, अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी सहयोग, निवेश प्रोत्साहन एवं मेक इन इंडिया पहल के माध्यम से प्राप्त किया जाना है।
  • वैश्विक संभावना: वर्ष 2018 में तकनीकी वस्त्रों की मांग 165 बिलियन डॉलर आंकी गई थी एवं 2018-25 से 4% की सीएजीआर पर 2025 तक 220 बिलियन डॉलर तक वृद्धि करने की संभावना है।

13 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजना

भारत में तकनीकी वस्त्र- तकनीकी वस्त्रों के प्रकार

  • उत्पाद विशेषताओं, कार्यात्मक आवश्यकताओं एवं अंतिम उपयोग अनुप्रयोगों के आधार पर तकनीकी वस्त्रों की अत्यधिक विविध श्रेणी को 12 खंडों में विभाजित किया गया है। य़े हैं-
  1. एग्रोटेक (कृषि वस्त्र/एग्रो टेक्सटाइल्स): उदाहरण के लिए- पक्षी सुरक्षा जाल (बर्ड प्रोटेक्शन नेट),एकतंतु जाल (मोनोफिल नेट),  फल आवरण (फ्रूट कवर), घास पात नियंत्रक वस्त्र (वीड कंट्रोल फैब्रिक) इत्यादि।
  2. बिल्डटेक (विनिर्माण वस्त्र): उदाहरण के लिए- मचान जाल, होर्डिंग्स / साइनेज, वास्तुशिल्प झिल्ली,
  3. क्लॉथटेक (परिधान वस्त्र): उदाहरण के लिए- सिलाई के धागे, जूते के फीते, अस्तर (इंटरलाइनिंग), ज़िप कीलक (ज़िप फास्टनर) इत्यादि।
  4. जियोटेक (भू वस्त्र/जियो टेक्सटाइल्स): उदाहरण के लिए- सड़कों का निर्माण, नदी नहर एवं तटीय निर्माण कार्य, खेल मैदान निर्माण, इत्यादि।
  5. होमटेक ( गृह वस्त्र/होम टेक्सटाइल्स): उदाहरण के लिए- कालीन अस्तर वस्त्र (कारपेट बैकिंग क्लॉथ), भरित खिलौने (स्टफ्ड टॉयज), एचवीएसी फिल्टर, गद्दे एवं तकिए इत्यादि।
  6. इंडूटेक (औद्योगिक वस्त्र/इंडस्ट्रियल टेक्सटाइल्स): उदाहरण के लिए- वाष्पवेल्लन वस्त्र (डिकैटिसिंग क्लॉथ), संवाहक पट्टी (कन्वेयर बेल्ट्स), मुद्रित परिपथ बोर्ड (प्रिंटेड सर्किट बोर्ड), रस्सियां (रोप्स एंड कॉर्डेज), संयोजक (कम्पोजिट्स),  औद्योगिक कूँची (इंडस्ट्रियल ब्रश) इत्यादि।
  7. मेडिटेक (चिकित्सा वस्त्र): उदाहरण के लिए- बेबी डायपर, असंयम डायपर, शल्य चिकित्सा सम्बन्धी प्रयोज्य (सर्जिकल डिस्पोजेबल), शल्य चिकित्सा सम्बन्धी व्रणोचार (सर्जिकल ड्रेसिंग) सामग्री, इत्यादि।
  8. मोबिलटेक (यांत्रिक वस्त्र/ऑटोमोटिव टेक्सटाइल्स): उदाहरण के लिए- नायलॉन टायर तन्तु, सीट बेल्ट जालन, कार सोफ़ासाज़ी (अपहोल्स्ट्री) / सीट कवर वस्त्र, वाहनों के एयरबैग, हेलमेट, रेलवे सीट कवर वस्त्र इत्यादि।
  9. पैकेजटेक (संकुलन/पैकेजिंग वस्त्र): उदाहरण के लिए- पॉली ओलेफिन बुने हुए बोरे, लचीले मध्यवर्ती पुंज पात्र (एफआईबीसी), संकुलन वस्त्र (रैपिंग फैब्रिक), इत्यादि।
  10. प्रोटेक (सुरक्षात्मक वस्त्र): उदाहरण के लिए- औद्योगिक दस्ताने, उच्च तुंगता वाले वस्त्र, रासायनिक सुरक्षात्मक वस्त्र (सीपीसी),  इत्यादि।
  11. स्पोर्टेक (खेल वस्त्र/स्पोर्ट्स टेक्सटाइल्स): उदाहरण के लिए- पैराशूट वस्त्र, स्पोर्ट्स शू अवयव, शयनिका थैले (स्लीपिंग बैग्स), कृत्रिम घास के मैदान (आर्टिफिशियल टर्फ) इत्यादि।
  12. ओकियोटेक: उदाहरण के लिए- पुनर्चक्रण, अपशिष्ट निस्तारण, पर्यावरण संरक्षण, इत्यादि।

समृद्ध योजना

 

UPSC Current Affairs

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *