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भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई)- यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता
- भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण संघ लोक सेवा आयोग के सामान्य अध्ययन के दुसरे पेपर भारतीय संविधान- वैधानिक, नियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय के लिए महत्त्वपूर्ण है. इस पेपर में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण वैधानिक निकाय में रखा जाएगा. इस लेख में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के बारें में विस्तृत विवरण दिया गया है , जो आपके संघ लोक सेवा आयोग के सिविल सर्विस मुख्य परीक्षा के लिए उपयोगी साबित होगा. सिविल सर्विस 2024 का मुख्य परीक्षा 20 सितम्बर से भारत के मुख्य शहरों में आयोजित किया जाएगा.
- जीएस पेपर 2: भारतीय संविधान- वैधानिक, नियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय।
चक्षु पोर्टल
9 जुलाई 2024 को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया/ट्राई) ने नये पोर्टल चक्षु को लांच किया है. चक्षु पोर्टल धोखाधड़ी वाले एसएमएस और कॉल की रिपोर्ट करने में मदद करेगा
- 9 जुलाई 2024 को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया/ट्राई) ने नये चक्षु पोर्टल को लांच किया है. चक्षु पोर्टल धोखाधड़ी वाले एसएमएस और कॉल की रिपोर्ट करने में मदद करेगा. चक्षु अर्थ है आँख. इस पोर्टल पर हर कोई किसी ऐसे नंबर की रिपोर्ट कर सकता है जिसका इस्तेमाल संदिग्ध गतिविधियों संचार के लिए किया गया हो, जैसे गैस कनेक्शन,क्रेडिट कार्ड, बैंक, डिजिटल भुगतान, सिम का स्वाइप करने में. चक्षु पर एक बार रिपोर्ट दर्ज हो जाने के बाद TRAI विवरणों की जाँच करेगा, और यदि दोषी पाया जाता है, तो उसी नंबर के लिए सेवा को आवश्यक कानूनी कार्रवाई के साथ रद्द कर दिया जाएगा।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI)
- 9 जुलाई 2024 को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया/ट्राई) ने नये पोर्टल चक्षु को लांच किया है. चक्षु पोर्टल धोखाधड़ी वाले एसएमएस और कॉल की रिपोर्ट करने में मदद करेगा
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI)
- भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के बारे में: ट्राई की स्थापना 20 फरवरी, 1997 से प्रभावी रूप से भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) अधिनियम 1997 द्वारा की गई थी।
- दूरसंचार क्षेत्र को निजी ऑपरेटरों के लिए खोलने के बाद भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की स्थापना आवश्यक थी।
- ट्राई का मुख्यालय: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
- विधिक स्थिति: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) अधिनियम 1997 के अंतर्गत स्थापित एक वैधानिक प्राधिकरण है।
- अधिदेश: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का अधिदेश दूरसंचार सेवाओं के लिए प्रशुल्क (टैरिफ) के निर्धारण / संशोधन सहित दूरसंचार सेवाओं को विनियमित करना है।
- ये उत्तरदायित्व पूर्व समय में केंद्र सरकार में निहित थे।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) का प्रमुख उद्देश्य
- दूरसंचार क्षेत्र का विकास: ट्राई का मिशन देश में दूरसंचार के विकास के लिए परिस्थितियों का निर्माण एवं पोषण करना है।
- दूरसंचार सेवाओं को विनियमित करना: ट्राई दूरसंचार सेवाओं के लिए प्रशुल्क के निर्धारण/संशोधन सहित दूरसंचार सेवाओं को नियंत्रित करता है जो पूर्व समय में केंद्र सरकार में निहित थे।
- निष्पक्ष एवं पारदर्शी नीति का वातावरण सुनिश्चित करना: ट्राई का उद्देश्य दूरसंचार क्षेत्र के लिए एक निष्पक्ष एवं पारदर्शी नीति वातावरण प्रदान करना भी है।
- यह एक समान कार्यक्षेत्र को प्रोत्साहित करता है एवं निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा की सुविधा प्रदान करता है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण(TRAI) की संरचना
- भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण(TRAI) में सदस्यों की नियुक्ति: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के सदस्यों की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा की जाती है।
- भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण(TRAI) के सदस्य: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) निम्नलिखित सदस्यों से मिलकर गठित होता है-
- एक अध्यक्ष,
- दो पूर्णकालिक सदस्य एवं
- दो अंशकालिक सदस्य
- ट्राई के सदस्यों का कार्यकाल: अध्यक्ष एवं अन्य सदस्य तीन वर्ष की अवधि के लिए अथवा 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, तक अपना पद धारण करेंगे।
- अध्यक्ष: अध्यक्ष के पास सामान्य अधीक्षण की शक्तियाँ होती हैं। वह भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण की बैठकों की अध्यक्षता करता है।
- उपाध्यक्ष: केंद्र सरकार प्राधिकरण के सदस्यों में से एक को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त कर सकती है।
- उत्तरदायित्व: वह अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उसकी शक्तियों एवं कार्यों का प्रयोग तथा निर्वहन करता है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण(TRAI) के सदस्यों का निष्कासन
- निष्कासन हेतु प्राधिकरण: केंद्र सरकार को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के किसी भी सदस्य को हटाने का अधिकार है।
- निष्कासन हेतु आधार: ट्राई अधिनियम में निम्नलिखित आधारों का उल्लेख है जिन पर केंद्र सरकार ट्राई सदस्य को हटा सकती है। एक व्यक्ति को ट्राई के पद से हटाया जा सकता है यदि वह-
- दिवालिया घोषित किया गया हो
- एक ऐसे अपराध के लिए दोषी ठहराया गया है जिसमें नैतिक भ्रष्टता शामिल है
- सदस्य के रूप में कार्य करने में शारीरिक या मानसिक रूप से अक्षम हो गया हो
- अपने पद का दुरुपयोग किया है; उसके पद पर बने रहने से जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो।
दूरसंचार विवाद निपटान और अपीलीय न्यायाधिकरण (TDSAT)
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) अधिनियम, 1997 में संशोधन
वर्ष 2000 में TRAI अधिनियम-1997 में एक महत्वपूर्ण संशोधन किया गया, जिसने TRAI के न्यायिक और विवाद कार्यों को संभालने के लिए दूरसंचार विवाद निपटान एवं अपीलीय न्यायाधिकरण (TDSAT) की स्थापना की।
दूरसंचार विवाद निपटान और अपीलीय न्यायाधिकरण (TDSAT) का उद्देश्य
TDSAT की स्थापना निम्नलिखित व्यक्तियों, समूहों या कंपनियों के बीच विवादों को सुलझाने के लिए की गई थी.
सेवा प्रदाता और उपभोक्ताओं के समूह के बीच।
दो या दो से अधिक सेवा प्रदाताओं के बीच।
लाइसेंस जारीकर्ता और लाइसेंसधारी के बीच।
TRAI के किसी भी निर्देश, निर्णय, या आदेश के खिलाफ अपीलों को सुनने और निपटाने के लिए भी।