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भारत में आतंकवाद: आतंकवाद की परिभाषा और प्रकार

आतंकवाद क्या है?

  • आतंकवाद का अर्थ: जबकि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य-राज्य आतंकवाद की परिभाषा के संबंध में आम सहमति पर नहीं पहुंचे हैं; एलेक्स पी. श्मिड द्वारा दी गई संयुक्त राष्ट्र की ‘अकादमिक सर्वसम्मति परिभाषा’ संभवत सर्वाधिक स्वीकृत परिभाषा है।
  • उनके अनुसार, आतंकवाद बार-बार होने वाली हिंसक कार्रवाई का एक चिंताजनक तरीका है, जिसे (अर्ध-) गुप्त व्यक्ति, समूह या राज्य के कारकों द्वारा मूर्खतापूर्ण, आपराधिक या राजनीतिक कारणों से नियोजित किया जाता है, जिससे – हत्या के विपरीत – हिंसा के प्रत्यक्ष लक्ष्य मुख्य लक्ष्य नहीं होते हैं।
  • श्मिड द्वारा संयुक्त राष्ट्र अपराध शाखा (1992) को प्रस्तावित संक्षिप्त विधिक परिभाषा यह है कि
    • आतंकवाद का कृत्य = युद्ध अपराध का शांतिकाल समतुल्य।
  • संयुक्त राष्ट्र के एक पूर्व महासचिव के अनुसार, आतंकवाद “कोई भी कृत्य जो नागरिकों एवं गैर-लड़ाकों को घायल करने अथवा मारने के उद्देश्य से किया जाता है, ताकि आबादी, सरकार या संगठन को धमकाया जा सके तथा अपराधकर्ताओं के  विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए उन्हें उकसाया जा सके अथवा इसके विपरीत उन्हें ऐसा करने से रोका जाए”।

भारत में आतंकवाद

  • समय-समय पर संशोधित भारतीय दंड संहिता 1860 में आतंकवाद को अपराध के रूप में शामिल नहीं किया गया है।
  • भारत में, आतंकवाद को परिभाषित करने का प्रयास करने वाला प्रथम विशेष कानून आतंकवादी  एवं विघटनकारी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (टेररिस्ट एंड डिसरप्टिव एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट), 1987 था, जिसके बाद आतंकवाद निवारण अधिनियम, 2002 ( प्रिवेंशन ऑफ टेररिज्म एक्ट/पोटा) आया।
  • 2004 में पोटा के निरसन के साथ, ‘आतंकवादी कृत्य’ की परिभाषा को समाविष्ट करने हेतु गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट), 1967 में संशोधन किया गया था।

 

आतंकवाद यूपीएससी: भारत में आतंकवाद के प्रकार

  • आतंकवादी विभिन्न लक्ष्यों एवं उद्देश्यों से प्रेरित होते हैं। उद्देश्यों के आधार पर समूह/समूहों की, आतंकवाद की प्रकृति भी भिन्न भिन्न होती है। ]
  • आमतौर पर विश्व स्तर पर पहचाने जाने वाले प्रमुख प्रकार के आतंकवादी कृत्यों में निम्नलिखित प्रकार  सम्मिलित हैं।

 

नृजातीय-राष्ट्रवादी आतंकवाद

  • नृजातीय आतंकवाद को अपने उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए एक उपराष्ट्रीय नृजातीय समूह द्वारा सुविचारित हिंसा के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
  • इस तरह की हिंसा आमतौर पर या तो एक अलग राज्य के निर्माण पर या एक नृजातीय समूह की स्थिति को दूसरों पर ऊंचा करने पर केंद्रित होती है।
  • नृजातीय-राष्ट्रवादी एवं अलगाववादी आकांक्षाओं से प्रेरित आतंकवाद द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ही प्रमुख हो गया एवं 50 से अधिक वर्षों तक संपूर्ण विश्व में आतंकवादी एजेंडे पर हावी रहा जब तक कि धार्मिक आतंकवाद ने केंद्रीय स्तर नहीं प्राप्त कर लिया।
  • उदाहरण: श्रीलंका में तमिल राष्ट्रवादी समूह एवं उत्तर पूर्व भारत में विद्रोही समूह नृजातीय-राष्ट्रवादी आतंकवादी गतिविधियों के उदाहरण हैं।

 

धार्मिक आतंकवाद

  • संपूर्ण विश्व में वर्तमान समय की आतंकवादी गतिविधियाँ मुख्य रूप से धार्मिक आज्ञार्थों से प्रेरित हैं।
  • एक धार्मिक आज्ञार्थ से या तो पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से प्रेरित आतंकवाद के अभ्यासकर्ता हिंसा को एक दैवीय कर्तव्य या एक पवित्र कार्य मानते हैं।
  • यह अन्य आतंकवादी समूहों की तुलना में वैधता एवं औचित्य के विभिन्न साधनों को अपनाता है तथा ये विशिष्ट कारक धार्मिक आतंकवाद को इसकी प्रकृति में और अधिक विनाशकारी बनाते हैं।

 

विचारधारा उन्मुख आतंकवाद

वामपंथी आतंकवाद

  • वामपंथी विचारधाराओं का मानना ​​​​है कि पूंजीवादी समाज में सभी मौजूदा सामाजिक संबंध एवं राज्य  की संरचनाएं शोषक प्रकृति की हैं तथा एक न्यायपूर्ण समाज की स्थापना के लिए हिंसक साधनों के माध्यम से एक क्रांतिकारी परिवर्तन आवश्यक है।
  • लेनिन और माओ त्से-तुंग (माओत्से तुंग) जैसे बाद के कम्युनिस्टों के अतिरिक्त मार्क्स  एवं एंगेल्स के लेखन द्वारा वैचारिक आधार प्रदान किया गया था।
  • उदाहरण: भारत तथा नेपाल में माओवादी समूह

 

दक्षिणपंथी आतंकवाद

  • दक्षिणपंथी समूह यथास्थिति बनाए रखना चाहते हैं या किसी पिछली स्थिति में लौटना चाहते हैं जो उन्हें लगता है कि आज भुला दिया जा रहा है एवं उन्हें संरक्षित किया जाना चाहिए था।
  • दक्षिणपंथी समूह, सरकार को एक क्षेत्र का अधिग्रहण करने या पड़ोसी देश में ‘उत्पीड़ित’ अल्पसंख्यक के अधिकारों की रक्षा के लिए हस्तक्षेप करने हेतु बाध्य कर सकते हैं (उदाहरण: जर्मनी में नाजी पार्टी)।
  • कभी-कभी, दक्षिणपंथी विचारधाराओं का अनुसरण करने वाले समूह नृजातीय/नस्लवादी चरित्र ग्रहण कर सकते हैं।
  • प्रवासी समुदायों के प्रति हिंसा भी आतंकवादी हिंसा की इस श्रेणी में आती है।
  • इसके अतिरिक्त, धर्म दक्षिणपंथी हिंसा में सहायक भूमिका निभा सकता है।
  • उदाहरण: जर्मनी में नाजीवाद, इटली में फासिस्ट।

 

राज्य प्रायोजित आतंकवाद

  • धार्मिक आतंकवाद के साथ-साथ राज्य प्रायोजित आतंकवाद ने संपूर्ण विश्व में आतंकवादी गतिविधियों की प्रकृति को अत्यधिक सीमा तक परिवर्तित दिया है।
  • यह मीडिया का ध्यान आकर्षित करने अथवा संभावित दर्शकों को लक्षित करने के स्थान पर कुछ स्पष्ट रूप से परिभाषित विदेश नीति के उद्देश्यों को प्राप्त करने हेतु प्रारंभ किया गया है, इस प्रकार यह अन्य प्रकार के आतंकवाद से अलग है।
  • लागत-लाभ विश्लेषण में, राज्य प्रायोजित आतंकवाद अपराध कर्ता के दृष्टिकोण से आतंकवाद का सर्वाधिक प्रभावी साधन है।
  • उन्नीसवीं सदी में मध्य एशिया में राज्य प्रायोजित आतंकवाद व्यापक रूप से कार्यरत था।
  • रूसियों ने बाल्कन में अपने साथी स्लावों का समर्थन किया।
  • इसी तरह, बुल्गारिया ने प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात यूगोस्लाविया के विरुद्ध मैसेडोनिया के क्रांतिकारी आतंकवादियों का इस्तेमाल किया।
  • पश्चिमी शक्तियों ने भी, अमेरिका के तत्वावधान में, शीत युद्ध के दौरान सभी प्रकार के राष्ट्रवादी एवं कम्युनिस्ट विरोधी विद्रोहियों का समर्थन किया।
  • भारत स्वतंत्रता के पश्चात से पाकिस्तान से राज्य प्रायोजित आतंकवाद की समस्या का सामना कर रहा है।

नार्को-आतंकवाद

  • स्वापक-आतंकवाद को मादक द्रव्यों के तस्करों द्वारा सरकार की नीतियों को व्यवस्थित धमकी या हिंसा द्वारा उपयोग करके प्रभावित करने के प्रयास के रूप में परिभाषित किया गया है।
  • नार्को-आतंकवाद दो आपराधिक गतिविधियों: मादक पदार्थों की तस्करी तथा आतंकवादी हिंसा को आपस में जोड़ता है।
  • नार्को-आतंकवाद मुख्य रूप से आर्थिक कारणों से प्रेरित होता है क्योंकि यह आतंकवादी संगठनों को उनकी गतिविधियों के लिए न्यूनतम लागत, या न्यूनतम मीडिया ध्यान के साथ बड़ी मात्रा में रकम जुटाने में  सहायता करता है।

 

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