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थार मरुस्थल- राजस्थान

थार रेगिस्तान- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 1: भौतिक भूगोल- भौगोलिक विशेषताएं एवं उनकी अवस्थिति।

थार मरुस्थल- प्रसंग

  • हाल ही में, एक व्यापक खोज में राजस्थान के जैसलमेर जिले के थार रेगिस्तान में डायनासोर की तीन प्रजातियों के पैरों के निशान पाए गए हैं।
  • यह खोज राज्य के पश्चिमी भाग (थार रेगिस्तान) में विशाल सरीसृपों की उपस्थिति को सिद्ध करती है, जिसने मेसोज़ोइक युग के दौरान टेथिस महासागर के समुद्र तट का निर्माण किया था।
  • पैरों के निशान डायनासोर की तीन प्रजातियों के हैं-
  1. यूब्रोन्ट्स सीएफ. गिगेंटस,
  2. यूब्रोन्ट्स ग्लेन रोसेंसिस एवं
  3. ग्रेलेटर टेनुइस।

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डायनासोर के बारे में

  • डायनासोर की प्रजातियों को त्रिपदीय (थेरोपॉड) प्रकार का माना जाता है, जिसमें तीन अंकों वाली खोखली हड्डियों एवं पैरों की विलक्षण विशेषताएं होती हैं।
  • आरंभिक जुरासिक काल से संबंधित थार रेगिस्तान में पाई जाने वाली सभी तीन प्रजातियां मांसाहारी थीं।

थार रेगिस्तान- प्रमुख बिंदु

  • थार मरुस्थल की अवस्थिति: आंशिक रूप से भारत में (पश्चिमी राजस्थान में) एवं आंशिक रूप से पाकिस्तान (पंजाब तथा सिंध प्रांत में) में अवस्थित है।
    • इसका नामथुल (क्षेत्र की रेत की लकीरों के लिए सामान्य शब्द) से लिया गया है।
    • यह भारत एवं पाकिस्तान के मध्य सीमा के साथ एक प्राकृतिक सीमा निर्मित करता है।
  • थार मरुस्थल की सीमा निम्नलिखित के साथ लगती है
    • पश्चिम में सिंधु नदी का मैदान,
    • उत्तर एवं उत्तर पूर्व में पंजाब का मैदान,
    • दक्षिण-पूर्व में अरावली पर्वत श्रृंखला, एवं
    • दक्षिण में कच्छ का रण

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थार रेगिस्तान- प्रमुख विशेषताएं

  • शुष्क क्षेत्र: यह मरुस्थली (मृत भूमि) भी है क्योंकि इस क्षेत्र में न्यून वनस्पति आवरण वाली शुष्क जलवायु है।
    • मरुस्थल का पूर्वी भाग पथरीला है, जबकि इसका पश्चिमी भाग स्थानांतरी बालूका टीलों से आच्छादित है।
  • मृदा: थार रेगिस्तान की सतह में वायूढ़ (एओलियन) (वायु के द्वारा निक्षेपित) रेत है जो विगत 8 मिलियन वर्षों में  निक्षेपित हुई है।
  • थार मरुस्थल की जलवायु: यहां उपोष्णकटिबंधीय मरुस्थलीय जलवायु है (उस अक्षांश पर निरंतर उच्च दबाव एवं अवतलन के कारण)।
  • खारी झीलें: अनेकप्लाया‘ (खारी झीलें), जिन्हें स्थानीय रूप से ढांड के नाम से भी जाना जाता है,संपूर्ण क्षेत्र में विस्तृत हैं।
  • प्रजातीय विविधता- वनस्पति एवं जीव
    • वनस्पति: थार क्षेत्र में कैक्टस, नीम, खेजड़ी, बबूल निलोटिका जैसे शाकाहारी पौधे पाए जाते हैं।
    • जीव: तेंदुआ, एशियाई जंगली बिल्ली, चौसिंगा, चिंकारा, बंगाल की रेगिस्तानी लोमड़ी, ब्लैकबक एवं सरीसृपों की अनेक प्रजातियां सामान्य तौर पर इस क्षेत्र में पाई जाती हैं।

डिब्रू सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान

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