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अखिल भारतीय त्रैमासिक प्रतिष्ठान आधारित रोजगार सर्वेक्षण- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 3: भारतीय अर्थव्यवस्था- आयोजना, संसाधनों का अभिनियोजन, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे।
अखिल भारतीय त्रैमासिक प्रतिष्ठान आधारित रोजगार सर्वेक्षण- संदर्भ
- हाल ही में जारी त्रैमासिक (तिमाही) रोजगार सर्वेक्षण (क्यूईएस) रिपोर्ट से ज्ञात होता है कि भारत ने 2013-14 की तुलना में अप्रैल-जून 2021 में नौ क्षेत्रों में रोजगार में 29% की वृद्धि देखी है।
अखिल भारतीय त्रैमासिक प्रतिष्ठान आधारित रोजगार सर्वेक्षण- प्रमुख निष्कर्ष
- जारीकर्ता मंत्रालय: इसे श्रम एवं नियोजन मंत्रालय द्वारा संकलित तथा प्रकाशित किया जाता है।
- आच्छादन: रिपोर्ट में 10,593 व्यापारिक कंपनियों को शामिल किया गया, जिन्होंने 10 से अधिक श्रमिकों को रोजगार प्रदान किया और नौ क्षेत्रों में विस्तृत थीं, जो ऐसे प्रतिष्ठानों में कुल नियोजन का 85% भाग गठित करते हैं।
- मुख्य निष्कर्ष:
- पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2021) में प्रतिष्ठानों ने 27% महामारी से संबंधित छंटनी की सूचना दी।
- कुल मिलाकर, पहली तिमाही में रोजगार 08 करोड़ रहा, जो छठी आर्थिक जनगणना (2013-2014) में सूचित किए गए 2.37 करोड़ रोजगार से अधिक है।
- दो क्षेत्रों को छोड़कर सभी क्षेत्रों – व्यापार एवं आवास तथा रेस्तरां – में इस अवधि के दौरान रोजगार में वृद्धि देखी गई।
- आईटी/बीपीओ क्षेत्र में सर्वाधिक प्रभावशाली वृद्धि (152%), इसके बाद स्वास्थ्य (77%), परिवहन (68%), वित्तीय सेवाओं (48%), निर्माण (42%), शिक्षा (39%) तथा विनिर्माण ( 22%) रहे।
- प्रतिष्ठानों में विनिर्माण का योगदान 41% पाया गया, इसके बाद शिक्षा (22%) एवं स्वास्थ्य (8%) का स्थान रहा।
- व्यापार (25%) एवं आवास तथा रेस्तरां (13%) में रोजगार में गिरावट आई थी, जिसकी जिम्मेवारी सर्वेक्षण के दौरान अपने चरम पर रही महामारी की दूसरी लहर को दिया जा सकता है।
- मुख्य महत्व:
- रोजगार की स्थिति पर समकालिक आंकड़े नीति निर्माताओं हेतु उपयोगी है एवं इस सर्वेक्षण से अन्य सरकारी विभागों तथा मंत्रालय को भी सहायता प्राप्त होगी।
- सर्वेक्षण से जनता को भी सहायता मिलेगी क्योंकि वे उन कौशलों को सीखने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं जिनमें कार्यबल का अभाव पाया जाता है।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग की समाप्ति
अखिल भारतीय त्रैमासिक प्रतिष्ठान आधारित रोजगार सर्वेक्षण- पृष्ठभूमि
- अप्रैल 2021 में, भारत सरकार द्वारा श्रम एवं नियोजन मंत्रालय को पांच प्रमुख अखिल भारतीय सर्वेक्षण सौंपे गए थे। वे हैं-
- प्रवासी कामगारों का अखिल भारतीय सर्वेक्षण,
- घरेलू कामगारों पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण,
- परिवहन क्षेत्र में उत्पन्न रोजगार पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण,
- पेशेवरों द्वारा उत्पन्न रोजगार का अखिल भारतीय सर्वेक्षण एवं
- अखिल भारतीय त्रैमासिक प्रतिष्ठान आधारित रोजगार सर्वेक्षण (एक्यूईईएस)
- अभिकल्पना एवं विकास: पांच से अधिक सर्वेक्षणों को प्रोफेसर एस. पी. मुखर्जी की अध्यक्षता में एवं डॉ. अमिताभ कुंडू की सह-अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समूह के तकनीकी मार्गदर्शन में श्रम ब्यूरो द्वारा विकसित एवं अभिकल्पित किया गया है।
- अपेक्षित लाभ:
- आंकड़ों (डेटा) के पेपरलेस संग्रह को बढ़ावा देना क्योंकि ये सर्वेक्षण फील्ड वर्क में टैबलेट पीसी का उपयोग करेंगे।
- नवीनतम तकनीक के उपयोग से सर्वेक्षण के पूर्ण होने में लगने वाले समय में कम से कम 30 – 40% की कमी आने की संभावना है।
- पहली बार, ये सर्वेक्षण प्रमुख क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित किए जाएंगे।
- ये सर्वेक्षण श्रम एवं नियोजन के विभिन्न पहलुओं पर डेटा अंतराल को प्लग-इन करेंगे।
- ये सर्वेक्षण साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण प्रक्रियाओं में सहायता करेंगे।