Categories: हिंदी

रेज़ांग ला की लड़ाई: 1962 के भारत-चीन युद्ध में एक दीप्तिमान बिंदु

रेज़ांग ला की लड़ाई चर्चा में क्यों है ?

नवंबर 2022 में देश रेजांगला दिवस की 60वीं वर्षगांठ मनाएगा। 1962 में पूर्वी लद्दाख में रेज़ांग ला की लड़ाई, भारत के सर्वाधिक उल्लेखनीय सैन्य अभियानों में से एक थी।

हम रेजांगला की लड़ाई के बारे में क्यों बात कर रहे हैं?

  • रेजांग ला की लड़ाई लब्ध प्रतिष्ठ एवं सदैव प्रेरणा देने वाली थी।
  • वास्तव में युद्ध के आख्यानों में 13 कुमाऊँ का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखे जाने के योग्य है।
  • रेज़ांगला की लड़ाई, भारतीय सेना द्वारा पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में कभी भी शत्रुतापूर्ण परिस्थितियों में लड़ी गई एक भव्य लड़ाई थी।
  • रेजांगला ने भारतीय सेना की 13 कुमाऊं रेजीमेंट की चार्ली कंपनी के जवानों के अदम्य साहस एवं वीरता का परिचय दिया।

 

रेज़ांग ला का सामरिक महत्व

  • 1962 के व्यापक अंधकार में सर्वाधिक प्रकाशमान बिंदु लद्दाख में उच्च हिमालय में रेज़ांग ला की लड़ाई थी।
  • लद्दाख में पेंगोंग झील के दक्षिणी तट से, स्पैंगगुर झील की ओर ऊंचे पहाड़ों के ढलानों का एक समूह। स्पैंगगुर दर्रा के नाम से जानी जाने वाली इस पर्वत श्रेणी में 2 किमी चौड़ा स्पष्ट अंतराल मौजूद है। स्पैंगगुर  अंतराल पश्चिम में चुशूल पठार को पूर्व में तिब्बती पठार से जोड़ता है। चुशूल गांव स्पैंगगुर अंतराल के पश्चिम में अवस्थित है।
  • रेजांग ला चुशूल के रणनीतिक गांव एवं स्पैंगगुर झील के आसपास के ऊंचे पहाड़ों के मध्य की संकीर्ण खाई में 16,000 फुट ऊंची एक विशाल स्थलाकृति में स्थित है, जो भारतीय एवं चीनी दोनों क्षेत्रों में विस्तृत है।
  • इसलिए रेज़ांग ला अत्यंत महत्वपूर्ण चुशूल की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
  • वहां पहुंचने वाले किसी भी आक्रमणकारी को लेह जाने हेतु एक मुक्त मार्ग प्राप्त होता।

 

1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान भारतीय सेना की किस कंपनी ने रेजांग ला का बचाव किया था?

  • कुमाऊं रेजीमेंट की 13वीं बटालियन को चुशूल की रक्षा का उत्तरदायित्व सौंपा गया था। इसकी सी कंपनी, जिसमें 117 सैनिक सम्मिलित थे, असामान्य नाम वाले एक प्रमुख शैतान सिंह के नेतृत्व में, रेजांग ला को संभालने हेतु उत्तरदायी थी।
  • उन्होंने अपनी तीन प्लाटून को दो किलोमीटर के मोर्चे पर चतुराई से तैनात किया था ताकि रेजांग ला को किसी भी तरफ से चीन हमला करने के लिए चुन सके।
  • उनके आदमी अच्छी तरह से मोर्चाबंद  तथा यथोचित रूप से सैन्य सुसज्जित थे। किंतु उनके पास  बारूदी सुरंगे नहीं थीं एवं कमांड पोस्ट के लिए शिरोपरि आश्रय उप-शून्य तापमान में अपर्याप्त था।

 

रेज़ांगला की महानतम लड़ाई की कहानी क्या है?

  • साठ वर्ष पूर्व 18 नवंबर 1962 की सुबह, जब चुशूल के हवाई क्षेत्र की रक्षा करते हुए, भारी तोपखाने के समर्थन से पांच हजार से अधिक चीनी सैनिकों ने चार्ली कंपनी पर हमला किया, तो भयंकर लड़ाई छिड़ गई।
  • 13 कुमाऊं रेजिमेंट की चार्ली कंपनी के 120 वीर सैनिकों ने अब तक के सर्वाधिक वीर एवं बेहतरीन कमांडिंग ऑफिसरों में से एक मेजर शैतान सिंह भाटी के नेतृत्व में लड़ाई में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को सबसे बड़ा झटका दिया था, जिसमें हजारों चीनी सैनिक मारे गए थे
  • इसमें सी कंपनी के 114 जवान लड़ते हुए शहीद हो गए। पांच घायलों को बंदी बना लिया गया।
  • सभी हताहतों को अनेक गोलियां तथा फाँस लगे थे। उनके जमे हुए हाथों का उल्लेख नहीं  किया जा सकता है जो मृत्यु के उपरांत भी उनके हथियारों को पकड़े हुए थे किंतु गोला-बारूद के बिना। मोर्टार चलाने वाला सैनिक हाथ में बम लेकर मारा गया। चिकित्सा सहायक ने मॉर्फिन की एक सिरिंज एवं पट्टी पकड़ी हुई थी।
  • एक दर्जन कुमाऊँनी उनसे आमने-सामने की लड़ाई लड़ने के लिए अपनी खाइयों से बाहर कूद गए।
  • यह सब दिखाता है कि सी कंपनी वास्तव में आखिरी सैनिक तथा आखिरी गोली से लड़ी थी। चीनी हताहतों की संख्या हटा ली गई थी किंतु यह दिखाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध थे कि ये संख्या बहुत अधिक थी।
  • इस लड़ाई में भारतीय सैनिकों की अदम्य वीरता ने चीन को युद्ध विराम की घोषणा करने पर बाध्य कर दिया।

(13 कुमाऊं रेजीमेंट की चार्ली कंपनी एवं महान मेजर शैतान सिंह की महिमा को दर्शाने वाले ये विवरण सी कंपनी के तीन गंभीर रूप से घायल बचे सैनिकों द्वारा बटालियन मुख्यालय को दिए गए थे, जो वहां पहुंचने में कामयाब रहे थे। वास्तविक गौरव एवं भव्यता रेज़ांग ला की रक्षा के बारे में केवल तीन महीने बाद  ज्ञात हुआ, जब वसंत के आगमन के साथ, पहली भारतीय सैन्य दल वहाँ ऊपर पहुंच सकी।)

 

महान मेजर शैतान सिंह भाटी की असाधारण इच्छा शक्ति

  • रेजांग ला युद्ध के दौरान लगातार एक पलटन से दूसरी पलटन की ओर बढ़ रहे मेजर शैतान सिंह चीनी गोलीबारी से घायल हो गए थे।
  • उनके दो साथियों ने उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाने का प्रयत्न किया किंतु उन्होंने उनसे कहा कि वे उन्हें एक शिलाखंड के पीछे छोड़ दें तथा शत्रु से लड़ने के लिए जाएं।
  • इस बीच एमएमजी स्नाइपर फायर से मेजर शैतान सिंह के पेट में गंभीर चोट लगी, किंतु उन्होंने वहां से निकलने से इनकार कर दिया एवं चोटों के कारण दम तोड़ दिया।
  • बाद में वे उसी स्थान पर शहीद हो गए।
  • उनके पार्थिव शरीर को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के लिए जोधपुर के पास उनके गांव ले जाया गया।
  • उनके अनुकरणीय नेतृत्व एवं असाधारण साहस के लिए उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
  • मेजर शैतान सिंह भाटी परम वीर चक्र (सर्वोच्च वीरता पुरस्कार) जीतने वाले दूसरे सैनिक थे। कंपनी के कई अन्य सैनिकों ने भी मरणोपरांत वीर चक्र अर्जित किया।

 

निष्कर्ष

रेजांग ला का आखिरी पड़ाव सबसे अलग है और मौत के सामने भी कर्तव्य के प्रति निःस्वार्थ समर्पण – सिपाही के अवतार की मिसाल है।

 

प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

 प्र. मेजर शैतान सिंह भाटी कौन थे?

उत्तर. मेजर शैतान सिंह भाटी भारत-चीन युद्ध के दौरान भारतीय सेना की 13 कुमाऊं रेजीमेंट की चार्ली कंपनी के कमांडिंग ऑफिसर थे।

 प्र. कुमाऊं रेजीमेंट की 13वीं बटालियन ने रेजांग ला में युद्ध क्यों लड़ा?

उत्तर. रेजांग ला  अत्यंत महत्वपूर्ण चुशूल की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण था। जैसा कि, वहां पहुंचने वाले किसी भी आक्रमणकारी को लेह जाने हेतु एक मुक्त मार्ग प्राप्त होता।

  1. परमवीर चक्र पाने वाले दूसरे आर्मी मैन कौन हैं?

उत्तर. मेजर शैतान सिंह भाटी परम वीर चक्र जीतने वाले दूसरे सैनिक थे।

 

राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति | यूपीएससी के लिए आज का द हिंदू संपादकीय विश्लेषण भारत-ऑस्ट्रेलिया एफटीए क्या है? | यूपीएससी के लिए एआई-ईसीटीए के बारे में सबकुछ जानें MAARG पोर्टल- स्टार्ट-अप इंडिया का नेशनल मेंटरशिप प्लेटफॉर्म ई-गवर्नेंस पर 25वां राष्ट्रीय सम्मेलन (एनसीईजी) कटरा, जम्मू-कश्मीर में आयोजित किया जाएगा
राम सेतु का भू-विरासत मूल्य- हिंदू संपादकीय विश्लेषण सीओपी 19 सीआईटीईएस मीटिंग 2022- भारतीय हस्तशिल्प निर्यातकों को राहत प्रदान की गई कृत्रिम प्रज्ञान पर वैश्विक भागीदारी (जीपीएआई) 53 वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI)
सीओपी 27 एक विशेष हानि एवं क्षति कोष निर्मित करने वाला है | यूपीएससी के लिए आज का द हिंदू संपादकीय विश्लेषण भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन (इंडिया-बांग्लादेश फ्रेंडशिप पाइपलाइन/IBFPL) क्या है? गगनयान कार्यक्रम के लिए इसरो का आईएमएटी टेस्ट क्या है? |पैराशूट ड्रॉप टेस्ट भारत में बांधों की सूची- महत्वपूर्ण बांध, सबसे ऊंचे एवं सबसे पुराने  बांधों की सूची
manish

Recent Posts

UPSC EPFO PA Answer Key 2024, Download Answer Key PDF

UPSC EPFO PA Answer Key 2024: The UPSC EPFO Personal Assistant Exam has been conducted…

18 mins ago

UPSC EPFO PA Exam Date 2024 Out, Check Exam Schedule

The UPSC EPFO Personal Assistant Exam date 2024 has been released by the Union Public…

19 mins ago

भारत में बांधों की सूची- महत्वपूर्ण बांध, सबसे ऊंचे एवं सबसे पुराने  बांधों की सूची

बांध एक संरचना है जिसे जलधाराओं, नदियों या अन्य जलाशयों के प्रवाह को रोकने, निर्देशित…

1 hour ago

Birsa Munda Biography, History, Birth Date, Death June 9, 1900

Birsa Munda was born on November 15, 1875, near Ranchi in a place called Ulihatu.…

2 hours ago

UKPSC Admit Card 2024 Out, Get Link to Download PDF

The UKPSC Admit Card 2024 has been declared by Uttarakhand Public Service Commission (UKPSC) on the official…

4 hours ago

UPSC Mains Exam Date 2024 Out, Check UPSC CSE Exam Schedule

The highly reputed exam of India "UPSC" is conducted  every year to recruit for the…

4 hours ago