Categories: हिंदी

संपादकीय विश्लेषण: भारत में एक हार्वर्ड शाखा, संभावनाएं एवं चुनौतियां

भारत में विदेशी विश्वविद्यालय: प्रासंगिकता

  • जीएस 2: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति: प्रसंग

  • भारत उच्च शिक्षा में स्वदेशी के अपने दर्शन को बदल रहा है, जो कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (नेशनल एजुकेशन पॉलिसी/एनईपी) 2020 में स्पष्ट है, जो  अनेक क्षेत्रों में उच्च शिक्षा सुधारों का वादा करता है तथा उनमें अंतर्राष्ट्रीयकरण प्रमुख है।

 

भारत में विदेशी संस्थान: एक हालिया उदाहरण

  • गुजरात बायोटेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी: गुजरात बायोटेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी भारत में उभर रहे अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक साझेदारी के नए प्रतिमान के लिए एक उदाहरण है।
    • यह एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी में गुजरात सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा स्थापित किया गया था, जो शिक्षण, अधिगम, अनुसंधान एवं नवाचार तथा गुणवत्ता आश्वासन के संबंध में रणनीति विकसित करने में संस्थान की सहायता करता है।

 

भारत में विदेशी विश्वविद्यालय

  • वर्तमान में, भारत विदेशी विश्वविद्यालय शाखा परिसरों में प्रवेश तथा संचालन की अनुमति नहीं देता है
  • नवीन शिक्षा नीति (न्यू एजुकेशन पॉलिसी/एनईपी) 2020 विदेशी विश्वविद्यालयों के प्रवेश के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ था क्योंकि इसने विदेशी विश्वविद्यालयों को “शीर्ष 100” श्रेणी में भारत में संचालित करने की अनुमति प्रदान करने की संस्तुति की थी।
  • बजट 2022 में यह घोषणा की गई थी कि “गुजरात के गिफ्ट सिटी में नियोजित व्यावसायिक जिले में विश्व स्तरीय विदेशी विश्वविद्यालयों तथा संस्थानों को अनुमति प्रदान की जाएगी एवं वे उच्च स्तरीय मानव संसाधनों की उपलब्धता की सुविधा के लिए घरेलू नियमों से मुक्त होंगे।
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने सिफारिश की कि मात्रशीर्ष 100″ श्रेणी को भारत में संचालित करने की अनुमति दी जाएगी।
  • केंद्रीय राज्य मंत्री, शिक्षा मंत्रालय ने नोट किया है कि फ्रांस एवं इटली के दो विदेशी संस्थानों ने भारत में परिसरों की स्थापना में रुचि व्यक्त की थी।

वर्तमान पहल

  • आईआईटी बॉम्बे-मोनाश रिसर्च एकेडमी तथा यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड-आईआईटी दिल्ली एकेडमी ऑफ रिसर्च (यूक्यूआईडीएआर) द्वारा प्रारंभ किया गया एक संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम, दोनों ऑस्ट्रेलियाई भागीदारों के साथ।
  • मेलबर्न-इंडिया पोस्ट ग्रेजुएट एकेडमी (एमआईपीए) आईआईएससी बैंगलोर, आईआईटी मद्रास, आईआईटी कानपुर तथा आईआईटी खड़गपुर की मेलबर्न विश्वविद्यालय के साथ एक संयुक्त पहल है।
  • यह छात्रों को भारत तथा ऑस्ट्रेलिया दोनों में मान्यता प्राप्त संयुक्त डिग्री अर्जित करने का अवसर प्रदान करता है।

 

चुनौतियां

  • वर्तमान में, भारत विश्व में छात्रों का दूसरा सबसे बड़ानिर्यातक है, जिसका अनिवार्य रूप से तात्पर्य भारत से प्रतिभा पलायन (ब्रेन ड्रेन) है।
  • विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत की ओर आकर्षित करना सरल नहीं होगा  एवं उनके फलने-फूलने के लिए परिस्थितियां निर्मित करना और भी कठिन होगा क्योंकि उनमें से अनेक शीर्ष विश्वविद्यालय पहले से ही पूरी तरह से विदेशों में संलग्न हैं तथा भारत में स्थापित होने के लिए प्रोत्साहन की आवश्यकता होगी।
  • ‘शीर्ष 500’ श्रेणी के बाहर छोटे किंतु अत्यधिक सम्मानित विश्वविद्यालय हैं जो भारत में स्थापना के प्रति अधिक रुचि ले सकते हैं, जो कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 द्वारा प्रतिबंधित है।
  • अनेक मेजबान देशों ने संस्थानों के निर्माण तथा आवश्यक बुनियादी ढाँचे प्रदान करने सहित महत्वपूर्ण प्रोत्साहन प्रदान किए हैं। विदेशी विश्वविद्यालयों के समक्ष उल्लेखनीय धनराशि निवेश करने की अत्यधिक संभावना नहीं है
  • यदि नौकरशाही की बाधाओं में भारी कटौती नहीं की जा सकती है, तो शाखा परिसरों को आकर्षित करने में कोई सफलता प्राप्त नहीं होगी।

 

आवश्यक कदम

  • लाभ के इच्छुक संस्थानों को भारतीय बाजार में प्रवेश करने से रोकना तथा विदेशी संस्थानों को नवीन शैक्षिक विचारों एवं दीर्घकालिक प्रतिबद्धता के साथ प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण है।
  • एक हालिया अध्ययन ने रेखांकित किया कि घरेलू संस्थानों को कर अवकाश के पश्चात अधिशेष धन को वापस करने की अनुमति देने के अतिरिक्त, एक नई मान्यता तंत्र, विदेशी छात्रों तथा संकाय के लिए लोचशील वीजा नियम, प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में कार्यक्रमों की पेशकश के लिए वित्तीय प्रोत्साहन पर भी विचार किया जाना चाहिए।
  • सकारात्मक तथा नकारात्मक दोनों तरह के सबक के लिए अन्य देशों के अनुभव को देखना सार्थक होगा। कहीं और राष्ट्रीय अनुभवों की जांच करने के बाद, स्पष्ट नीतियां लागू की जा सकती हैं जो विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए आकर्षक हो सकती हैं।

 

जैविक अनुसंधान नियामक अनुमोदन पोर्टल पीएम युवा योजना- पात्रता, मुख्य विशेषताएं तथा महत्व विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) | भारत डब्ल्यूईएफ 2022 में भाग लेगा भारत को वित्त वर्ष 2021-22 में सर्वाधिक एफडीआई प्रवाह प्राप्त हुआ
आजादी का अमृत महोत्सव (AKAM) के तहत मनाई जाएगी राजा राममोहन राय की 250वीं जयंती प्रभावी ऊर्जा संक्रमण 2022 को प्रोत्साहित करना जीनोम संपादित पौधों के सुरक्षा आकलन के लिए दिशानिर्देश 2022 संपादकीय विश्लेषण- व्हीट कन्फ्यूजन
भारत में एससीओ-आरएटीएस बैठक विश्व के टैक्स हेवन देश: परिभाषा, लाभ एवं मुद्दे केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) | सीसीपीए ने ओला, उबर को नोटिस जारी किया जीएसटी परिषद- जीएसटी परिषद के निर्णय लेने की शक्ति पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय
manish

Recent Posts

UPSC CMS Previous Year Question Papers, Download PDF

The Union Public Service Commission (UPSC) released the notification for the UPSC Combined Medical Services…

40 mins ago

UKPSC Admit Card 2024 Out, Get Link to Download PDF

The UKPSC Admit Card 2024 has been declared by Uttarakhand Public Service Commission (UKPSC) on the official…

2 hours ago

UPSC CMS Syllabus 2024 and Exam Pattern, Download PDF

UPSC CMS Syllabus 2024: Every year, the Union Public Service Commission (UPSC) conducts the Combined…

3 hours ago

UPSC CMS Admit Card 2024, Get Link to Download Hall Ticket

The Union Public Service Commission (UPSC) is expected to release the UPSC CMS Admit Card…

4 hours ago

List of Important Government Schemes in India 2024

In 2024, the Indian government launched a range of programs focused on advancing the socio-economic…

4 hours ago

UPSC CMS Salary 2024, Check UPSC CMS job profile

The Union Public Service Commission (UPSC) Combined Medical Services (CMS) exam offers lucrative career opportunities…

5 hours ago