Categories: हिंदी

संपादकीय विश्लेषण: एक उप क्षेत्रीय समूह जिसे मार्ग पर वापस आना चाहिए

बिम्सटेक यूपीएससी: प्रासंगिकता

  • जीएस 2: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह  तथा भारत से जुड़े एवं/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।

BIMSTEC समिट 2022:  संदर्भ

  • बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग पहल (बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर  मल्टी  सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन/बिम्सटेक) श्रीलंका में आयोजित होने जा रही है, जो बिम्सटेक का वर्तमान अध्यक्ष है।

 

बिम्सटेक क्या है?

  • बिम्सटेक एक सात सदस्यीय संगठन है जिसमें भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार (थाईलैंड भी एक सदस्य है) तथा नेपाल  एवं भूटान के स्थल रुद्ध देश सम्मिलित हैं।
  • इसमें विशेष फोकस के लिए 14 स्तंभ हैं: व्यापार तथा निवेश, परिवहन एवं संचार, ऊर्जा, पर्यटन, प्रौद्योगिकी, मत्स्य पालन, कृषि, सार्वजनिक स्वास्थ्य, निर्धनता उन्मूलन, आतंकवाद एवं अंतरराष्ट्रीय अपराध का  प्रतिरोध, पर्यावरण एवं आपदा प्रबंधन,  व्यक्तियों का व्यक्तियों से संपर्क, सांस्कृतिक सहयोग  तथा जलवायु परिवर्तन।

 

बंगाल की खाड़ी सामुद्रिक संवाद

  • हाल ही में, सेंटर फॉर ह्यूमैनिटेरियन डायलॉग  तथा पाथफाइंडर फाउंडेशन द्वारा बंगाल की खाड़ी समुद्री संवाद (बे ऑफ बंगाल मैरीटाइम डायलॉग/बीओबीएमडी) का आयोजन किया गया था।
  • इसकी श्रीलंका, भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड एवं इंडोनेशिया से सदस्यता थी।
  • संवाद में पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में प्रयासों को गति प्रदान करने का आह्वान किया गया; वैज्ञानिक अनुसंधान; अवैध, गैर-सूचित, और अनियमित (आईयूयू) मत्स्यन पर अंकुश लगाने के साथ-साथ मानक संचालन प्रक्रियाओं का विकास जो एक देश के मत्स्यन के जहाजों के बीच दूसरे देश की समुद्री कानून प्रवर्तन एजेंसियों के  मध्य अंतः क्रिया को नियंत्रित कर सकता है।

 

बंगाल की खाड़ी के सामुद्रिक संसाधन

  • बीओबीएमडी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि बंगाल की खाड़ी मनमोहक किंतु नाजुक ज्वारनदमुखों, मैंग्रोव जंगलों, प्रवाल भित्तियों, समुद्री घास के मैदानों तथा व्यापक पैमाने पर समुद्री कछुओं के नीडन स्थलों के एक बड़े नेटवर्क का आवास है।
  • यद्यपि, यह चिंता का विषय है कि मैंग्रोव क्षेत्रों की वार्षिक हानि 0.4% से 1.7% तथा प्रवाल भित्तियों  की 0.7% अनुमानित है।
  • इसके अतिरिक्त, यह पूर्वानुमान भी लगाया गया है कि आगामी 50 वर्षों में समुद्र का स्तर 0.5 मीटर बढ़ जाएगा। जिसका प्रभाव इस बात से देखा जा सकता है कि पिछले पांच वर्ष में 13 चक्रवाती तूफान आए हैं।
  • लगभग 185 मिलियन लोगों की तटीय आबादी के लिए खाड़ी प्राकृतिक संसाधनों का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
  • संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन/FAO) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी एशिया-प्रशांत में IUU मछली पकड़ने के आकर्षण के केंद्रों में से एक है।

 

बंगाल की खाड़ी में मुद्दे

  • शून्य ऑक्सीजन के साथ एक मृत क्षेत्र का उद्भव जहां कोई मछली जीवित नहीं रहती है;
  • नदियों के साथ-साथ हिंद महासागर से प्लास्टिक का निक्षालन (लीचिंग);
  • मैंग्रोव जैसी बाढ़ से प्राकृतिक सुरक्षा का विनाश;
  • समुद्री अपरदन;
  • तटीय क्षेत्रों में जनसंख्या का बढ़ता दबाव  एवं औद्योगिक विकास तथा परिणामस्वरूप, विपुल मात्रा में अनुपचारित अपशिष्ट  का प्रवाह।
  • सामुद्रिक सीमाओं को पार करने वाले मछुआरों की गिरफ्तारी के कारण आतंकवाद, समुद्री दस्युता (डकैती) तथा देशों के मध्य तनाव जैसे सुरक्षा खतरे अतिरिक्त समस्याएं हैं।

 

बिम्सटेक शिखर सम्मेलन: किन बिंदुओं पर ध्यान देना है?

  • बिम्सटेक शिखर सम्मेलन को सीमा पारीय प्रकृति के सामुद्रिक मुद्दों पर समन्वित गतिविधियों के लिए एक नया क्षेत्रीय तंत्र निर्मित करना चाहिए।
  • इस तंत्र को मत्स्य पालन प्रबंधन को सुदृढ़ करने, मछली पकड़ने के सतत तरीकों को बढ़ावा देने, संरक्षित क्षेत्रों की स्थापना तथा प्रदूषण, विशेष रूप से औद्योगिक  एवं कृषि अपशिष्ट के साथ-साथ तेल रिसाव को रोकने  एवं प्रबंधित करने हेतु ढांचा विकसित करने के लिए तत्काल उपाय  प्रारंभ  करना चाहिए।
  • सामान्य रूप से जलवायु परिवर्तन के प्रभाव एवं विशेष रूप से मत्स्य पालन पर अधिक वैज्ञानिक अनुसंधान की भी आवश्यकता है। वर्तमान में समुद्री अनुसंधान में  इस क्षेत्र के देशों के मध्य सहयोग सीमित है।
  • आधुनिक तकनीक का उपयोग एवं मछली पकड़ने के बेहतर तरीके खाड़ी के स्वास्थ्य को पुनर्स्थापित करने में एक लंबा मार्ग तय कर सकते हैं।

 

बिम्सटेक शिखर सम्मेलन: प्राथमिकता वाले क्षेत्र

  • समुद्री पर्यावरण संरक्षण: इसे प्रवर्तन को सुदृढ़ करके एवं सर्वोत्तम पद्धतियों पर जानकारी साझा करके बंगाल की खाड़ी में सहयोग के लिए प्राथमिकता वाला क्षेत्र बनना चाहिए।
  • क्षेत्रीय नवाचार: प्रदूषण नियंत्रण पर दिशा निर्देश  एवं मानक स्थापित करने के साथ-साथ इन्हें विकसित करने की आवश्यकता है।
  • स्थानीय रूप से विकसित समाधान: स्थानीय संस्थानों की क्षमताओं के आधार पर घरेलू समाधानों की आवश्यकता है। साथ ही, डेटा संग्रह के लिए क्षेत्रीय रूपरेखा तैयार करने की आवश्यकता है।
  • निकट-वास्तविक समय के स्टॉक मूल्यांकन  तथा एक क्षेत्रीय मुक्त मात्स्यिकी डेटा गठबंधन के निर्माण के लिए सहभागी दृष्टिकोण विकसित किया जाना चाहिए।
  • BIMSTEC शिखर सम्मेलन को BOBP एवं BOBLME दोनों के लिए पूर्ण समर्थन व्यक्त करना चाहिए। बंगाल की खाड़ी कार्यक्रम (द बे ऑफ बंगाल प्रोग्राम/बीओबीपी), चेन्नई स्थित एक अंतर-सरकारी संगठन, धारणीय मत्स्यन को प्रोत्साहित करने हेतु अच्छा कार्य कर रहा है।
  • खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा ग्लोबल एनवायर्नमेंटल फैसिलिटी (जीईएफ) एवं अन्य से वित्त पोषण के साथ बंगाल की खाड़ी वृहद समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र (बे ऑफ बंगाल लार्ज  मरीन इकोसिस्टम/बीओबीएलएमई) परियोजना प्रारंभ की जा रही है।
  • अ-सतत मत्स्यन को कम करना: शिखर सम्मेलन को अ-सतत  एवं साथ ही आईयूयू मत्स्यन को कम करने के उपायों के साथ आना चाहिए। इसके चरणों में  सम्मिलित हो सकते हैं:
  • एक अंतरराष्ट्रीय पोत ट्रैकिंग प्रणाली स्थापित करना  एवं  जलयानों के लिए स्वचालित पहचान प्रणाली ( ऑटोमेटिक आईडेंटिफिकेशन सिस्टम/एआईएस) ट्रैकर्स से लैस होना अनिवार्य बनाना;
  • अवैध जहाजों की पहचान करने में  सहायता करने हेतु क्षेत्रीय मत्स्यन पोत रजिस्ट्री प्रणाली की स्थापना  तथा पोत लाइसेंस सूची प्रकाशित करना;
  • आईयूयू फिशिंग हॉटस्पॉट में अनुश्रवण, ​​नियंत्रण  तथा निगरानी में वृद्धि करना;
  • आईयूयू अभ्यासों को किस प्रकार रोका जाए एवं प्रतिबंधित किया जाए, इस पर क्षेत्रीय दिशा निर्देश स्थापित करना;
  • संयुक्त क्षेत्रीय गश्तीकथा क्षेत्रीय मत्स्य पालन स्थगन एवं मछुआरों पर लक्षित आउटरीच कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में सुधार।
  • तटवर्ती राज्यों में कानूनों एवं नीतियों में सामंजस्य होना चाहिए तथा सामुद्रिक विधि प्रवर्तन एजेंसियों के साथ किसी भी मुठभेड़ के दौरान मछुआरों के साथ मानवीय व्यवहार सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

बिम्सटेक शिखर सम्मेलन: आगे की राह

  • शिखर सम्मेलन को अवैध एवं अ-सतत मत्स्यन से निपटने के साथ-साथ बंगाल की खाड़ी के और पर्यावरणीय क्षरण को रोकने के लिए नियमित बैठकें आयोजित करनी चाहिए।

 

ग्रेट बैरियर रीफ में व्यापक पैमाने पर विरंजन तेजस स्किलिंग प्रोजेक्ट सूक्ष्म वित्त संस्थान (माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस/एमएफआई) ग्राम न्यायालय | ग्राम न्यायालय अधिनियम 2008
सागरमाला कार्यक्रम के सात वर्ष संपादकीय विश्लेषण: हर्टेनिंग माइलस्टोन नीति आयोग ने निर्यात तत्परता सूचकांक 2021 जारी किया भारत में राष्ट्रीय जलमार्गों की सूची
अंतर्राष्ट्रीय चुनाव आगंतुक कार्यक्रम 2022 भारत के राष्ट्रपति | राष्ट्रपति के प्रमुख कार्य एवं शक्तियां भारत के राष्ट्रपति (अनुच्छेद 52-62): भारत के राष्ट्रपति के संवैधानिक प्रावधान, योग्यता एवं निर्वाचन संपादकीय विश्लेषण- सील्ड जस्टिस
manish

Recent Posts

TSPSC Group 1 Results 2024 Soon Release at tspsc.gov.in

The Telangana State Public Service Commission (TSPSC) is set to announce the TSPSC Group 1…

16 hours ago

Census of India 2011, Importance, Data, and Get PDF Link

Census of India 2011— The 15th Indian Census, conducted in 2011, comprised two main phases: house…

17 hours ago

UPSC CMS Eligibility Criteria 2024, Qualification and Age Limit

Union Public Service Commission released the UPSC CMS Notification 2024 on 10th April 2024 on…

17 hours ago

UPSC Mains Exam Date 2024 Out, Check UPSC CSE Exam

The highly reputed exam of India "UPSC" is conducted  every year to recruit for the…

17 hours ago

UPSC Mains DAF 2024 Out, Check Mains DAF Online Form Link

UPSC Mains DAF 2024 Out: The Union Public Service Commission (UPSC) has issued the Detailed…

18 hours ago

UKPSC Syllabus 2024 and Exam Pattern PDF for Prelims and Mains

The Uttarakhand Public Service Commission (UKPSC) has released the latest UKPSC Syllabus for Preliminary and…

18 hours ago