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संपादकीय विश्लेषण- जन्म एवं अधिकार

सहाय प्रदत्त  प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक, 2020- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

सहाय प्रदत्त  प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक, 2020- संदर्भ

  • हाल ही में, सहाय प्रदत्त प्रजनन प्रौद्योगिकी (असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी) (विनियमन) विधेयक, 2020 लोकसभा में पारित किया गया था।

UPSC Current Affairs

 

सहाय प्रदत्त  प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक, 2020- प्रमुख प्रावधान

  • सहाय प्रदत्त प्रजनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) क्षेत्र का: सहाय प्रदत्त प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक, 2020 खंड में सभी क्लीनिकों एवं चिकित्सा पेशेवरों के लिए एक राष्ट्रीय पंजी कार्यालय एवं पंजीकरण प्राधिकरण स्थापित करने का प्रयास करता है।
  • सहाय प्रदत्त प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक में दाताओं, कमीशन करने वाले युगल एवं एआरटी से पैदा हुए बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने का प्रावधान है।
  • सहाय प्रदत्त प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) प्रदर्शन कारकों के आधार पर क्लीनिकों एवं बैंकों हेतु अनुज्ञप्ति प्रदान करने एवं वापस लेने का प्रयास करती है।
  • सहाय प्रदत्त प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक में मरीजों का शोषण करते हुए, व्यवस्था के भीतर कार्य करना एवं इससे लाभ प्राप्त करने को असंभव बनाने का प्रस्ताव है।
  • एआरटी विधेयक में भ्रूणों के अवैध दुर्व्यापार एवं निर्धनों के साथ उनकी परिस्थितियों द्वारा अंडे या शुक्राणु दान करने हेतु किए जाने वाले दुर्व्यवहार को समाप्त करने की भी योजना है।
  • सहाय प्रदत्त प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक में कमीशनिंग विपरीत लिंगी युगल (हेट्रोसेक्सुअल कपल) के अतिरिक्त एकल महिलाओं के लिए भी प्रावधान किया गया है।
  • सहाय प्रदत्त प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक, 2020 में दो श्रेणियां- एलजीबीटीक्यूआईए+ एवं एकल मुख्य सहाय प्रदत्त प्रजनन प्रौद्योगिकी का उपयोग सम्मिलित नहीं है।
    • नागरिकों के रूप में, इन समूहों को भी प्रजनन अधिकारों का प्रयोग करने का अधिकार है।

सहाय प्रदत्त  प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक- संसदीय स्थायी विशेषज्ञ समिति की सिफारिश

  • संसदीय स्थायी विशेषज्ञ समिति ने सहाय प्रदत्त प्रजनन प्रौद्योगिकी का उपयोग करने वाले दोनों श्रेणियों- एलजीबीटीक्यूआईए + एवं एकल पुरुषों को शामिल करने की सिफारिश की।
  • इसने यह भी सिफारिश की कि एआरटी के माध्यम से पैदा हुए बच्चे के सर्वोत्तम हित का हवाला देते हुए लिव-इन युगलों एवं समान लिंग वाले युगलों को एआरटी की सुविधा का लाभ प्राप्त करने की अनुमति प्रदान करना उचित नहीं होगा।
    • इसने अभिलिखित किया कि ‘भारतीय परिवार की संरचना एवं सामाजिक परिवेश तथा मानदंडों को देखते हुए, ऐसे बच्चे को स्वीकार करना बहुत सरल नहीं होगा जिसके माता-पिता एक साथ हैं किंतु कानूनी रूप से विवाहित नहीं हैं’।

सहाय प्रदत्त  प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक, 2020-  आगे की राह 

  • जहां कानून लोगों की भावनाओं से अवगत होने के लिए अच्छा करेगा, वहीं इसका उद्देश्य मतभेदों एवं वरीयताओं की व्यापक स्वीकृति की दिशा में प्रतिगामी सामाजिक मानदंडों को उनके फ्रेम रोधन (फ्रीज-फ्रेम) से बाहर निकालना भी है।
  • एआरटी विधेयक से आंतरिक रूप से संबंधित स्थानापन्न मातृत्व (सरोगेसी) विधेयक राज्यसभा में लंबित था एवं यह उचित होगा कि पारित किए जाने से पूर्व दोनों विधेयकों पर एक साथ विचार किया जाए।
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