Home   »   INSTC UPSC   »   International North South Transport Corridor (INSTC)
Top Performing

संपादकीय विश्लेषण- ब्रिन्गिंग यूरेशिया क्लोज़र

अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) – यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता 

  • जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।

Uncategorised

अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारा (INSTC) चर्चा में क्यों है?

  • हाल ही में, RailFreight.Com ने बताया कि लकड़ी की परत की चादरों के दो 40-फीट के कंटेनर ने रूस के अस्त्राखान बंदरगाह से कैस्पियन सागर को पार किया एवं अंततः  अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारा (इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर/INSTC)  के प्रारंभ को चिह्नित करते हुए मुंबई में न्हावा शेवा बंदरगाह तक पहुंचा।
  •  जलपोतों ने रूस के अस्त्राखान बंदरगाह से कैस्पियन सागर को पार किया, ईरान के अंजाली बंदरगाह में प्रवेश किया, अरब सागर की ओर अपनी दक्षिण की यात्रा जारी रखी, बंदर अब्बास में समुद्र में प्रवेश किया  एवं अंततः मुंबई में न्हावा शेवा बंदरगाह पहुंचा।

 

अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारा (INSTC)

  • पृष्ठभूमि: अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण गलियारा (INSTC) हेतु विधिक ढांचा 2000 में परिवहन पर यूरो-एशियाई सम्मेलन में भारत, ईरान एवं रूस द्वारा हस्ताक्षरित एक त्रिपक्षीय समझौते द्वारा प्रदान किया गया है।
  • अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे के बारे में: अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारा (INSTC) एक 7,200 किलोमीटर का बहु-विध (मल्टी-मोडल) परिवहन गलियारा है जो मध्य एशिया एवं ईरान के माध्यम से रूस तथा भारत को जोड़ने वाली सड़क, रेल तथा सामुद्रिक मार्गों को जोड़ता है।
    • आईएनएसटीसी से उदीयमान यूरेशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र को सुदृढ़ करने की संभावना है।
  • INSTC के सदस्य: भारत, ईरान एवं रूस अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) के संस्थापक सदस्य हैं।
    • बाद में, कजाकिस्तान, बेलारूस, ओमान, ताजिकिस्तान, अजरबैजान, आर्मेनिया एवं सीरिया ने आईएनएसटीसी के सदस्य बनने हेतु अंगीकरण पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।
  • INSTC का महत्व
    • एक बार पूर्ण रूप से क्रियाशील हो जाने पर, आईएनएसटीसी से स्वेज नहर के माध्यम से पारंपरिक गहरे समुद्र मार्ग की तुलना में माल ढुलाई लागत में 30% तथा यात्रा के समय में 40% की कमी आने की संभावना है।
    • वास्तव में, विगत वर्ष एक वैकल्पिक मार्ग की आवश्यकता को अत्यधिक अनुभव किया गया था, जब एवर गिवन कंटेनर जहाज स्वेज में फंस गया था, भूमध्य सागर एवं लाल सागर के मध्य समुद्री यातायात को  बाधित कर दिया था।
    • भारत क्वाड एवं आईएनएसटीसी दोनों का संस्थापक सदस्य होने के नाते, भारतीय विदेश नीति में गुटनिरपेक्षता से बहु-संरेखण में परिवर्तन को प्रदर्शित करता है।

 

भारत के लिए INSTC का महत्व 

  • अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) में भारत के निवेश ईरान के चाबहार बंदरगाह में इसकी भागीदारी एवं 500 किलोमीटर की चाबहार-जाहेदान रेलवे लाइन के निर्माण के द्वारा उदाहरण प्रस्तुत करता है।
    • एक बार पूर्ण हो जाने के पश्चात, यह आधारिक अवसंरचना भारत को अफगानिस्तान एवं मध्य एशिया तक पहुंचने की अनुमति प्रदान करेगा, इस परियोजना के लिए तालिबान सरकार के समर्थन से एक संभावना  सशक्त हुई है।
  • भारत अब अफगानिस्तान, मध्य एशिया एवं उससे आगे तक पहुंचने के लिए पाकिस्तान को बायपास कर सकता है।
  • आईएनएसटीसी एक उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे को आकार दे सकता है जो चीन के नेतृत्व वाले बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के पूर्व-पश्चिम अक्ष का पूरक हो सकता है।
  • आईएनएसटीसी भारत को रूस, ईरान एवं मध्य एशियाई गणराज्यों के साथ घनिष्ठ सहयोग करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

Uncategorised

निष्कर्ष

  • एक अंतरमहाद्वीपीय बहु-विध गलियारा (मल्टी-मोडल कॉरिडोर) के रूप में जिसका उद्देश्य यूरेशिया को एक साथ लाना है, INSTC स्वयं में एक प्रशंसनीय पहल है। यह भारत को अपनी बहु-संरेखण रणनीति को  सुदृढ़ करने में सहायता करता है जिससे समझौते में मधुरता आती है।

 

Sharing is caring!

संपादकीय विश्लेषण- ब्रिन्गिंग यूरेशिया क्लोज़र_3.1