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संपादकीय विश्लेषण- तम्बाकू उद्योग के मुख्य वृत्तांत का शमन

तम्बाकू उद्योग के मुख्य वृत्तांत का शमन- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

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तम्बाकू उद्योग के मुख्य वृत्तांत का शमन- संदर्भ

  • इसमें कोई संदेह नहीं है कि तंबाकू का सेवन जन स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक है। हमें वर्तमान एवं आकांक्षी उपयोगकर्ताओं के मध्य तंबाकू की मांग को कम करने हेतु अर्थोपाय तलाशने होंगे।

 

तम्बाकू उद्योग के मुख्य वृत्तांत का शमन- संबद्ध डेटा 

  • मानव जीवन की क्षति: तंबाकू एक ऐसा उत्पाद है जो प्रत्येक वर्ष 13 लाख से अधिक भारतीयों की मृत्यु का कारण बनता है।
  • आर्थिक लागत: तंबाकू के उपयोग से वार्षिक आर्थिक बोझ 1,77,340 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद का 1% से अधिक है।
    • 2011 से 2017 की अवधि में भारत में तंबाकू के उपयोग से होने वाले आर्थिक बोझ में वास्तविक रूप से 22% की वृद्धि हुई है।
    • विगत दो वित्तीय वर्षों में तंबाकू उत्पादों से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व में 3% की वास्तविक गिरावट आई है।
  • भारत की मानव पूंजी पर बोझ: भारत में 15 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 27 करोड़ लोग एवं 13-15 वर्ष के आयु वर्ग के 5% विद्यालय जाने वाले बच्चे किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं।

 

तम्बाकू उद्योग के मुख्य वृत्तांत का शमन-संबंधित मुद्दे

  • तंबाकू उत्पादों के बढ़ते अवैध व्यापार का मुद्दा: तंबाकू उद्योग ने यह निश्चय पूर्वक कहा है कि अवैध सिगरेट व्यापार भारत में सिगरेट बाजार का 25% हिस्सा है।
    • यह कहा गया था कि भारत में अवैध सिगरेट की मात्रा में 2011 से 2019 तक 44% की वृद्धि हुई है।
  • बृहद तंबाकू उद्योग द्वारा कर वृद्धि का विरोध: यह कहकर कि उच्च एवं वृद्धिमान कर की दरें कर अपवंचन (चोरी) के लिए एक लाभदायक अवसर प्रदान करती हैं एवं अवैध व्यापार में वृद्धि को प्रोत्साहित करती हैं।
    • तंबाकू उद्योग, विश्व स्तर पर, सदैव ऐसी रणनीति एवं आख्यान तैयार कर रहा है जो तंबाकू उत्पादों पर किसी भी प्रकार की कर वृद्धि को रोक देगा।
  • डेटा की विश्वसनीयता की कमी: तंबाकू उद्योग के डेटा के अवलोकन से ज्ञात हुआ है कि न तो अनुमान एवं न ही उन्हें प्राप्त करने के लिए प्रयोग की जाने वाली विधियां किसी भी पारदर्शी अध्ययन द्वारा समर्थित हैं।
  • शासन के मुद्दे: अवैध बाजार के स्तर एवं सीमा को निर्धारित करने में अनेक कारक व्यापक भूमिका निभाते हैं जैसे-
    • कर प्रशासन की गुणवत्ता,
    • नियामक ढांचे की सुदृढ़ता,
    • अवैध व्यापार को नियंत्रित करने हेतु सरकार की प्रतिबद्धता,
    • शासन की क्षमता, सामाजिक स्वीकृति, एवं
    • अनौपचारिक वितरण नेटवर्क की उपस्थिति।

 

तम्बाकू उद्योग के मुख्य वृत्तांत का शमन- तंबाकू उद्योग के दावों को खारिज करना

  • निम्न अवैध सिगरेट व्यापार:
    • भारत के विभिन्न शहरों में खुदरा दुकानों से एकत्र किए गए खाली सिगरेट के पैकेटों के 2018 के सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया है कि अवैध सिगरेट, बाजार का 7%  हिस्सा गठित करते हैं।
    • 2020 का एक सर्वेक्षण जिसमें कर- अंतराल विश्लेषण का उपयोग करके अनुमान लगाया गया था कि 2009-10 में अवैध सिगरेट का प्रतिशत 1% एवं 2016-17 में 6.6% था।
  • इन दोनों अध्ययनों में पारदर्शी एवं अनुकरणीय विधियों का प्रयोग किया गया एवं अवैध बाजार का उनका अनुमान उस 25% के आंकड़े के आसपास कहीं नहीं था, जिसका प्रयोग भारत में तंबाकू उद्योग, तंबाकू कराधान पर सार्वजनिक चर्चा को प्रभावित करने के लिए कर रहा है।
  • अवैध व्यापार में वृद्धि, कर वृद्धि से असंबंधित है: इस बात के पर्याप्त प्रमाण हैं कि कर वृद्धि का,किसी भी तरह से, सिगरेट के अवैध व्यापार पर मात्र न्यूनतम प्रभाव पड़ता है।
    • ऐसे अनेक देश हैं जहां तंबाकू कर काफी अधिक हैं एवं फिर भी अवैध व्यापार का स्तर निम्न है।
    • अपेक्षाकृत कम कर दरों के बावजूद, अवैध व्यापार के उच्च स्तर वाले देश भी हैं।

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तम्बाकू उद्योग के मुख्य वृत्तांत का शमन- आगे की राह

  • लागत एवं आर्थिक उपाय: साहित्य का एक बड़ा निकाय तंबाकू उत्पादों की मांग को कम करने हेतु सर्वाधिक लागत प्रभावी उपायों में से एक के रूप में मूल्य एवं कर उपायों को प्रदर्शित करता है।
    • जब तंबाकू उत्पाद अधिक महंगे हो जाते हैं, तो लोग या तो उनका उपयोग करना छोड़ देते हैं अथवा उनका उपयोग कम कर देते हैं एवं यह अनेक व्यक्तियों को इस आदत/ लत को आरंभ न करने हेतु प्रोत्साहित करता है।
  • तंबाकू नियंत्रण पर डब्ल्यूएचओ के संरचना अभिसमय को लागू करना: भारत ने पूर्व में ही तंबाकू उत्पादों में अवैध व्यापार को  समाप्त करने हेतु डब्ल्यूएचओ के प्रोटोकॉल की अभिपुष्टि कर दी है।
    • तंबाकू उत्पादों में अवैध व्यापार को समाप्त करने हेतु डब्ल्यूएचओ के प्रोटोकॉल का उद्देश्य उपायों के एक पैकेज के माध्यम से तंबाकू उत्पादों के समस्त प्रकार के अवैध व्यापार को समाप्त करना है।
    • प्रोटोकॉल अवैध व्यापार को समाप्त करने अथवा कम करने के लिए आवश्यक उपकरण एवं उपाय प्रदान करता है जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं-
      • सुदृढ़ प्रशासन,
      • एक अंतरराष्ट्रीय पथानुसरण एवं अनुरेखण (ट्रैक एंड ट्रेस) प्रणाली की स्थापना, एवं
      • आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करना।
    • भारत को अब अवैध व्यापार के अपेक्षाकृत निम्न स्तरों को भी प्रभावी रूप से हल करने हेतु इन उपायों को लागू करने में अपना नेतृत्व प्रदर्शित करना चाहिए।
  • तंबाकू उत्पादों पर कर में वृद्धि करना: भारत में 2017 में वस्तु एवं सेवा  कर (जीएसटी) लागू होने के बाद से  विगत चार वर्षों में किसी भी तंबाकू उत्पाद पर कोई महत्वपूर्ण कर वृद्धि नहीं हुई है।
    • उपरोक्त के कारण, तंबाकू उत्पाद अधिक किफायती हो गए हैं जैसा कि हाल के अध्ययनों में दिखाया गया है।
    • वर्तमान स्थिति सरकार द्वारा तंबाकू उत्पादों पर करों में वृद्धि करने की मांग करती है। इससे भारतीय युवाओं में तंबाकू का सेवन कम हो सकता है।
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