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पाकिस्तान में बाढ़ – यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- अंतर्राष्ट्रीय संबंध: भारत एवं उसके पड़ोस- संबंध।
पाकिस्तान में बाढ़ चर्चा में क्यों है?
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश, हाल ही में एक ट्वीट में, पाकिस्तान में बाढ़ पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करना, एक स्वागत योग्य भाव है।
- पाकिस्तान हाल के दिनों में बाढ़ के रूप में सर्वाधिक भीषण प्राकृतिक आपदाओं में से एक का सामना कर रहा है।
पाकिस्तान में बाढ़- जीवन एवं संपत्ति की हानि
- 1,100 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई है एवं 33 मिलियन से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जैसा कि अधिकारियों का कहना है कि देश का एक तिहाई बाढ़ की चपेट में है तथा घरों, सड़कों एवं आधारिक संरचना को लगभग 10 बिलियन डॉलर के नुकसान का अनुमान है।
- बाढ़ ने खड़ी फसलों को भी प्रभावित किया है एवं जैसे-जैसे बाढ़ का पानी कम होता है, रोगों के साथ-साथ भोजन की कमी की आशंका बढ़ जाती है।
- इसके अतिरिक्त, यह चिंता कि जलवायु परिवर्तन के कारण विनाशकारी बाढ़ आई है, संपूर्ण दक्षिण एशिया के लिए चिंता का विषय है, जो विश्व के उन क्षेत्रों में से एक है जो वैश्विक तापन (ग्लोबल वार्मिंग) के प्रति सर्वाधिक संवेदनशील हैं।
पाकिस्तान में बाढ़- अन्य देशों से सहयोग
- संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पाकिस्तान को सहायता के लिए एक वैश्विक अपील प्रारंभ की, जिसमें उन्होंने कहा कि “मानसून ऑन स्टेरॉयड्स ” की चपेट में आ गया था, जो अप्राकृतिक जलवायु प्रतिरूप को प्रदर्शित करता है।
- ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, संयुक्त अरब अमीरात, कतर एवं तुर्की जैसे देशों ने पहले ही पाकिस्तान को सहायता भेज दी है तथा कई अन्य ने सहायता का वादा किया है।
- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (इंटरनेशनल मोनेटरी फंड/आईएमएफ) ने पहले से ही आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान के साथ जारी समझौतों के हिस्से के रूप में 1.1 अरब डॉलर के बेलआउट किश्त की घोषणा की।
पाकिस्तान में बाढ़- भारत द्वारा सहायता
- पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने कहा कि वह 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद भारत पर लगाए गए व्यापार प्रतिबंध को हटाने का प्रस्ताव कर सकते हैं, ताकि भारतीय सब्जियों एवं आवश्यक वस्तुओं का आयात किया जा सके।
- अब तक, इस्लामाबाद ने मात्र कोविड-19 महामारी के दौरान भारत से दवा आयात एवं अफगानिस्तान को भारत की मानवीय सहायता के लिए अपवाद निर्मित किया है।
पाकिस्तान में बाढ़- आगे की राह
- भारत-पाकिस्तान संबंधों की खराब स्थिति के बावजूद, नई दिल्ली एवं इस्लामाबाद दोनों को अपने घरेलू विचारों को अलग रखना चाहिए तथा बाढ़ में फंसे लोगों की यथासंभव सहायता करने हेतु इस क्षण का लाभ उठाना चाहिए।
- भारत के साथ व्यापार प्रतिबंधों जिसने केवल इस के हितों का नुकसान किया है, को हटाने के अवसर को अस्वीकार करना एवं ऐसी आपदा के समय सस्ती आपूर्ति के स्रोत को छोड़ना पाकिस्तान के लिए यह अशिष्ट एवं अदूरदर्शी होगा।
निष्कर्ष
- यह दुखद एवं हास्यास्पद दोनों होगा यदि दोनों देशों के मध्य शत्रुता उन्हें ऐसे समय में एक साथ काम करने की अनुमति नहीं देगी, भले ही उनकी सरकारें अपनी क्रिकेट टीमों को वित्तीय कारणों से एक-दूसरे से खेलने की अनुमति दें।
- आतंकवाद के मुद्दे पर लगभग एक दशक से दोनों देशों के मध्य एक अधिक स्थायी वार्ता को निलंबित कर दिया गया है, किंतु नेताओं को आपदा का शमन करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए समय निकालना चाहिए।