Categories: UPSC Current Affairs

संपादकीय विश्लेषण- नरसंहार की रोकथाम

नरसंहार की रोकथाम- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं / या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।

नरसंहार की रोकथाम- संदर्भ

  • विगत कुछ सप्ताह में, एक धार्मिक सभा में यति नरसिंहानंद के भड़काऊ भाषणों ने अभद्र भाषा एवं कानून की सीमाओं के बारे में चर्चा को पुनः प्रारंभ कर दिया है।
    • दिए गए भाषणों में भारत में एक समुदाय विशेष के नरसंहार का आह्वान शामिल है।
  • भारत ने 1948 के नरसंहार के अपराध की रोकथाम एवं दंड से संबंधित अभिसमय पर हस्ताक्षर किए हैं एवं इसकी अभिपुष्टि की है, जिसमें भारत का नरसंहार के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनी दायित्व शामिल हैं।

 

1948 के नरसंहार के अपराध की रोकथाम एवं दंड पर अभिसमय

  • पृष्ठभूमि: राफेल लेमकिन को ‘नरसंहार’ (जेनोसाइड) शब्द के प्रयोग एवं इसे अंतरराष्ट्रीय संधि बनने के लिए अथक अभियान चलाने का श्रेय दिया जाता है।
    • 1946 में, क्यूबा, ​​भारत एवं पनामा सह-प्रायोजित महासभा प्रस्ताव 96(I), जिसने नरसंहार को ‘अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपराध’ के रूप में अभिपुष्टि की।
  • 1948 के नरसंहार के अपराध की रोकथाम एवं दंड पर अभिसमय के बारे में: नरसंहार के निषेध पर एकप्रारूप अभिसमय, 1948 में महासभा द्वारा पारित किया गया था एवं 1951 में प्रवर्तन में आया था।
  • सदस्य: वर्तमान में, 150 से अधिक राज्य 1948 के नरसंहार के अपराध की रोकथाम एवं दंड पर अभिसमय के पक्षकार हैं।
  • अधिदेश: 1948 के नरसंहार के अपराध की रोकथाम एवं दंड पर अभिसमय नरसंहार की रोकथाम के साथ-साथ अपराध के लिए दंड की दिशा में कार्य करता है।
  • पक्षकारों पर विधिक दायित्व: अभिसमय के पक्षकार राज्यों पर विधिक दायित्वों में दायित्व शामिल हैं-
    • नरसंहार कारित नहीं करना, नरसंहार को रोकना एवं नरसंहार को दंडित करना (अनुच्छेद I),
    • अभिसमय के प्रावधानों को प्रभावी बनाने हेतु विधान अधिनियमित करना (अनुच्छेद V);
    • आपराधिक आचरण के दोषी पाए जाने वालों के लिए प्रभावी दंड का प्रावधान करना (अनुच्छेद V); तथा
    • एक सक्षम न्यायाधिकरण में नरसंहार के आरोपी व्यक्तियों पर अभियोग चलाना (अनुच्छेद VI)

 

नरसंहार के अपराध की रोकथाम – भारतीय विधिक प्रणाली के समक्ष समस्याएं

  • समुचित कानून का अभाव: किसी भी सामूहिक अपराध, कम से कम सभी नरसंहार के अभियोजन के लिए कोई समतुल्य प्रावधान नहीं हैं।
  • दंगा, गैरकानूनी सभा एवं ‘विभिन्न समूहों के मध्य शत्रुता को बढ़ावा देने’ से संबंधित भारतीय दंड संहिता के प्रावधान नरसंहार के अपराध के मूल तत्वों को शामिल नहीं करते हैं।
    • नरसंहार का अपराध एक सामूहिकता या एक समूह के प्रति किया जाता है, जिसका विनाश करने के विशिष्ट अभिप्राय से कारित किया जाता है।
  • नरसंहार को रोकने वाले कानूनी प्रावधानों का अभाव एवं ऐसी स्थितियां उत्पन्न करना जिनमें अभद्र भाषा तथा अन्य संबद्ध कृत्यों को प्रभावशाली होने नहीं दिया जाता है।
    • ये घृणास्पद भाषण नरसंहार कारित किए जाने को सुविधाजनक बना सकते हैं।

 

नरसंहार की रोकथाम- हाल ही में अंतरराष्ट्रीय कानूनी विकास

  • म्यांमार नरसंहार: गाम्बिया ने नरसंहार से संबंधित अभिसमय के आधार पर म्यांमार के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के समक्ष कार्यवाही आरंभ की है।
  • प्रमुख अवलोकन: एक राज्य द्वारा नरसंहार अभिसमय को मूर्त रूप प्रदान किया जा सकता है जो विशेष रूप से प्रभावित नहीं हो सकता है (राज्यों के समुदाय का हिस्सा होने के आधार पर)।
    • अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस) म्यांमार के विरुद्ध गाम्बिया के वाद को स्वीकार करने के लिए बेल्जियम एवं सेनेगल के विगत वाद (मामले) पर निर्भर है।
  • बोस्निया एवं हर्जेगोविना बनाम सर्बिया तथा मोंटेनेग्रो का वाद 2007: आईसीजे ने नरसंहार के अपराध की रोकथाम एवं दंड पर अभिसमय को लागू किए जाने के संबंध में मामले में नरसंहार से संबंधित अभिसमय के उल्लंघन के प्रश्न का समाधान किया।
    • 2007 में अपने अंतिम निर्णय में आईसीजे ने सर्बिया को नरसंहार को रोकने में विफल पाया।
    • नरसंहार पर अभिसमय का उल्लंघन, नरसंहार को रोकने एवं सहयोग के अभाव के दायित्वों से संबंधित है,  नरसंहार के कारित किए जाने से संबंधित नहीं है।

नरसंहार को रोकना-निष्कर्ष

  • यह पहले से कहीं अधिक अत्यावश्यक है कि नरसंहार के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय विधिक सुरक्षा को भारत सहित इसके समस्त पक्षकारों के स्थानीय कानूनों में शामिल किया जाए।
आरबीआई ने कृषि को धारणीय बनाने हेतु हरित क्रांति 2.0 की वकालत की स्टार्टअप इंडिया इनोवेशन वीक |राष्ट्रीय स्टार्ट-अप दिवस जिसे प्रत्येक वर्ष मनाया जाना है इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) | आईपीपीबी के उद्देश्य, विशेषताएं एवं प्रदर्शन इनिक्वालिटी किल्स: ऑक्सफैम की एक रिपोर्ट
भारत में विभिन्न मुद्रास्फीति सूचकांक 6 जी हेतु प्रौद्योगिकी नवाचार समूह संपादकीय विश्लेषण: जस्ट व्हाट द  डॉक्टर ऑर्डर्ड फॉर द लाइवस्टोक फार्मर एफसीआई सुधार के लिए 5 सूत्रीय एजेंडा
राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन कथक नृत्य | भारतीय शास्त्रीय नृत्य दावोस शिखर सम्मेलन 2022 | विश्व आर्थिक मंच की दावोस कार्य सूची 2022 संरक्षित क्षेत्र: बायोस्फीयर रिजर्व व्याख्यायित
manish

Recent Posts

TSPSC Group 1 Results 2024 Soon Release at tspsc.gov.in

The Telangana State Public Service Commission (TSPSC) is set to announce the TSPSC Group 1…

9 hours ago

Census of India 2011, Importance, Data, and Get PDF Link

Census of India 2011— The 15th Indian Census, conducted in 2011, comprised two main phases: house…

10 hours ago

UPSC CMS Eligibility Criteria 2024, Qualification and Age Limit

Union Public Service Commission released the UPSC CMS Notification 2024 on 10th April 2024 on…

10 hours ago

UPSC Mains Exam Date 2024 Out, Check UPSC CSE Exam

The highly reputed exam of India "UPSC" is conducted  every year to recruit for the…

10 hours ago

UPSC Mains DAF 2024 Out, Check Mains DAF Online Form Link

UPSC Mains DAF 2024 Out: The Union Public Service Commission (UPSC) has issued the Detailed…

11 hours ago

UKPSC Syllabus 2024 and Exam Pattern PDF for Prelims and Mains

The Uttarakhand Public Service Commission (UKPSC) has released the latest UKPSC Syllabus for Preliminary and…

11 hours ago