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संपादकीय विश्लेषण- सपनों के लिए अंतरिक्ष/स्पेस फॉर ड्रीम्स

सपनों के लिए अंतरिक्ष (इसरो) – यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण एवं नवीन तकनीक विकसित करना।

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सपनों के लिए अंतरिक्ष (इसरो)- संदर्भ

  • हाल ही में, एस. सोमनाथ, जो तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के प्रमुख हैं, ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला है।
  • वह के. सिवन का स्थान लेंगे, जो वीएसएससी में प्रयासों का नेतृत्व करने के पश्चात इसरो के प्रमुख भी बने।

 

सपनों के लिए अंतरिक्ष (इसरो) – एस. सोमनाथ के बारे में मुख्य बिंदु

  • इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि: श्री सोमनाथ भारतीय विज्ञान संस्थान (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस) से इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त करने वाले इसरो के लगातार तीसरे अध्यक्ष हैं।
  • इंजीनियरिंग क्षेत्र में बढ़त: रॉकेट इंजन में अग्रणी नवाचारों में श्री सोमनाथ की विशिष्ट विशेषज्ञता, क्रायोजेनिक इंजन इसरो में भविष्य के विकास को आकार दे सकता है।

 

सपनों के लिए अंतरिक्ष (इसरो) – एस. सोमनाथ के नेतृत्व में प्रमुख परियोजनाएं

  • के. सिवन ने मार्स ऑर्बिटर मिशन (मॉम) का नेतृत्व किया, जिसने केवल 7 रुपये प्रति किलोमीटर की लागत से व्यय का रिकॉर्ड तोड़ा तथा चंद्रयान 2, जिसने इस प्रत्याशा को ऊंचा रखा।
  • दूसरी ओर, एस. सोमनाथ आने वाले वर्षों में इसरो की कुछ प्रमुख परियोजनाओं का नेतृत्व करेंगे। उनमें से कुछ नीचे सूचीबद्ध हैं-
  • गगनयान: वह इसरो के मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम गगनयान के अनावरण की देखरेख करेंगे।
  • आदित्य-एल1: यह विज्ञान, विशेष रूप से, सौर भौतिकी के लिए समर्पित अंतरिक्ष में भारत का सबसे बड़ा निवेश बन गया है।
    • आदित्य-एल1 का उद्देश्य सूर्य का अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष वेधशाला को लैग्रेंजियन बिंदु एक (एल-1) तक ले जाना है।

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सपनों के लिए अंतरिक्ष (इसरो) – अंतरिक्ष नवोन्मेष का निजीकरण

  • पृष्ठभूमि: कुछ वर्ष पूर्व तक, इसरो अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एवं अनुप्रयोगों से सामाजिक-आर्थिक लाभ प्राप्त करने में काफी हद तक ध्यानमग्न था।
    • इन उपक्रमों में एक सशक्त उद्योग भागीदारी थी,  किंतु निजीकरण सुधारों को हाल ही में, विशेष रूप से मार्च 2019 में एनएसआईएल की घोषणा के साथ, दृढ़ रूप से प्राप्त करने का प्रयत्न किया गया है।
    • श्री सोमनाथ निजीकरण की ओर इसरो के रुख में इस परिवर्तन का नेतृत्व करेंगे।
  • न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल): इसे मार्च में आरंभ किया गया था एवं इसरो की वाणिज्यिक शाखा अधिक दृढ़ता से स्थापित हुई थी। एनएसआईएल के प्रमुख कार्य होंगे-
    • उपग्रहों का निर्माण एवं प्रक्षेपण,
    • प्रक्षेपण सेवाएं प्रदान करना,
    • अनुकूलित प्रक्षेपण यान (कस्टमाइज्ड लॉन्च व्हीकल)  निर्मित करना,
    • उपग्रहों के माध्यम से पृथ्वी के अवलोकन एवं संचार की सेवाएं प्रदान करना तथा
    • भारतीय उद्योग को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण।
  • इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर: इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर नाम की एक अन्य संस्था निर्मित करने की घोषणा जून 2020 में की गई थी।
    • भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र ( इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर) एक चैनल के रूप में कार्य करेगा जिसके माध्यम से गैर-सरकारी निजी उद्यम अंतरिक्ष गतिविधियों को संपादित कर सकते हैं।

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सपनों के लिए अंतरिक्ष (इसरो) – आगे की राह

  • अन्य देशों के साथ प्रतिस्पर्धा: अन्य प्रतिस्पर्धी देशों के साथ गति प्राप्त करने की देश की कल्पना को नए नेतृत्व में परीक्षण हेतु रखा जाएगा।
  • प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण: इसरो एवं उसके सहयोगी संगठनों के पास अतिरिक्त उत्पाद (स्पिन-ऑफ) एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के रूप में देने के लिए बहुत कुछ है।

 

सपनों के लिए अंतरिक्ष (इसरो)-निष्कर्ष

  • अंतरिक्ष विज्ञान न केवल असीम शिक्षा एवं परिप्रेक्ष्य में योगदान देता है बल्कि ज्ञान इत्यादि की सीमा को भी प्रकट करता है, एकता की सार्वभौमिक भावनाओं का संवर्धन करता है।
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