Categories: हिंदी

संपादकीय विश्लेषण- वी नीड ए फॉरेस्ट लेड कॉप 27

हमें वन आधारित एक कॉप 27 की आवश्यकता है- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 3: पर्यावरण- संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण।

यूएनएफसीसीसी कॉप 27 चर्चा में क्यों है?

  • सितंबर में, साइंस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि पृथ्वी अब तक मानवता के कारण वैश्विक ताप के 1.1 डिग्री सेल्सियस के कारण पांच हानिकारक टिपिंग बिंदुओं से गुजर चुकी है।

 

जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने में प्रौद्योगिकी की भूमिका

  • प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण की मांग: जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई का समर्थन करने के लिए प्रौद्योगिकियों के विकास एवं हस्तांतरण की मांग संपूर्ण विश्व में तीव्र हो गई है।
  • प्रौद्योगिकी पर अत्यधिक निर्भरता: प्रौद्योगिकी हमारी प्रजातियों के लिए एक जीवित रहने की रणनीति बन गई है, किंतु जलवायु परिवर्तन को प्रतिलोमित करने की रणनीति में मौजूद तकनीकी-निश्चयवाद की मात्रा खतरनाक है।
    • अकेले प्रौद्योगिकी चुनौती से निपटने के लिए तैयार नहीं है, जिसके लिए सामाजिक सुधार एवं शून्य उत्सर्जन रणनीति की आवश्यकता है।
  • इतिहास तकनीकी नवाचार के पक्ष में है। उदाहरण के लिए, नॉर्मन बोरलॉग ने हरित क्रांति की शुरुआत की, जिसने अरबों लोगों को पोषित किया तथा पैदावार में वृद्धि की।
    • किंतु हमें अपनी ओर केंद्रीभूत समस्याओं से निपटने के लिए कुछ मिलियन जलवायु बोरलॉग की आवश्यकता हो सकती है।

 

यूएनएफसीसीसी सीओपी 26 में तकनीकी आशावाद

  • ग्लासगो में COP26 ने भी तकनीकी आशावाद को प्रेरित किया है। एक अवलोकन था कि COP26 में चर्चा  किए गए प्रत्येक तकनीकी समाधान मात्र तीन संसाधनों पर निर्भर करते हैं:
    • विद्युत (जलविद्युत, नवीकरणीय या परमाणु विखंडन द्वारा उत्पन्न गैर-उत्सर्जक विद्युत),
    • कार्बन प्रग्रहण एवं भंडारण (कार्बन कैप्चर एंड स्टोरेज/सीसीएस) अथवा
    • बायोमास
  • विद्युत: वर्तमान में हमारे पास प्रति व्यक्ति 4 किलो वाट घंटा/दिन विद्युत उपलब्ध है। किंतु COP26 योजनाओं के लिए 32 (परिसर 16-48) की आवश्यकता होती है।
  • कार्बन प्रग्रहण एवं भंडारण (कार्बन कैप्चर एंड स्टोरेज/सीसीएस): वर्तमान में हमारे पास प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 6 किलोग्राम कार्बन प्रग्रहण एवं भंडारण उपलब्ध है, किंतु COP26 योजनाओं के लिए 3,600 ( परिसर 1,400-5,700) की आवश्यकता है।
  • बायोमास: हम प्रतिवर्ष प्रति व्यक्ति 100 किलो पादप आधारित भोजन खाते हैं, किंतु वर्तमान स्तर पर  पहुंचने के लिए पर्याप्त जैव-केरोसिन का उत्पादन करने हेतु 200 किलो अतिरिक्त फसल की आवश्यकता है।

 

तकनीकी आशावाद के साथ संबद्ध सरोकार

  • प्रौद्योगिकी-केंद्रित शमन वार्तालाप वन आधारित अर्थव्यवस्थाओं एवं संरक्षण तथा वनों जैसे विषयों को छोड़ देते हैं, जो कि जलवायु वार्तालाप के वैचारिक उपांत पर कार्बन हटाने के सर्वोत्तम उपकरण हैं।
  • COP26 में चर्चा की गई योजनाओं के लिए आवश्यक उन संसाधनों की कुल मांग को 2050 तक पूरा नहीं किया जा सकता है।
    • इस बात की कोई संभावना नहीं है कि इनकी आपूर्ति सीओपी 26 में चर्चा की गई योजनाओं के लिए आवश्यक स्तरों के करीब होगी।

 

जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने में वनों की भूमिका

  • वन 80% स्थलीय वन्यजीवों का आवास हैं। वे जलवायु परिवर्तन संकट एवं जैव विविधता संकट के चौराहे पर हैं।
    • अतः, जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध हमारी लड़ाई का मुकाबला करने में सहायता करने हेतु वन सर्वाधिक उपयुक्त हैं।
  • वन एक वर्ष में 7.6 बिलियन मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड का शुद्ध अवशोषण करते हैं। एक नवीन अध्ययन में पाया गया है कि उनके जैव-भौतिक पहलुओं में पृथ्वी को अतिरिक्त 0.5% शीतल करने की प्रवृत्ति है।
  • वनों का संरक्षण, अन्य प्रकृति-आधारित समाधानों के साथ, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए आवश्यक उत्सर्जन में 37% तक की कटौती प्रदान कर सकता है।
  • दासगुप्ता रिव्यू-इंडिपेंडेंट रिव्यू ऑन द इकोनॉमिक्स ऑफ बायोडायवर्सिटी सूचित करती है कि हरित अवसंरचना या ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर (नमक के दलदल एवं मैंग्रोव) धूसर अवसंरचना अथवा ग्रे इंफ्रास्ट्रक्चर (ब्रेकवाटर) की तुलना में 2-5 गुना सस्ता है। .
  • एक अन्य अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि 2015  एवं 2017 के  मध्य उष्णकटिबंधीय  वनावरण  क्षति (ट्री कवर लॉस) से वार्षिक सकल कार्बन उत्सर्जन 4.8 बिलियन टन के समतुल्य था।
    • यह प्रत्येक वर्ष 85 मिलियन कारों द्वारा अपने जीवन काल में  किए गए उत्सर्जन की तुलना में अधिक उत्सर्जन करता है।
  • 2019 में, कुल शुद्ध मानव जनित हरित गृह गैस उत्सर्जन का लगभग 34% ऊर्जा आपूर्ति क्षेत्र से, 24% उद्योग से, 22% कृषि, वानिकी एवं अन्य भूमि उपयोग से, 15% परिवहन से तथा 6% भवनों से आया।

 

आगे की राह

  • आईपीसीसी भूमि रिपोर्ट का अनुमान है कि भूमि एक व्यापक कार्बन डाइऑक्साइड सिंक के रूप में कार्य करती है।
  • इस बात के प्रमाण बढ़ते जा रहे हैं कि प्राकृतिक सिंक के संरक्षण, जैव विविधता संरक्षण में सुधार  एवं पारिस्थितिक तंत्र को पुनर्स्थापित करके आवश्यक निष्कासन का एक बड़ा हिस्सा प्राप्त किया जा सकता है।
  • स्थानीय लोगों के नेतृत्व में स्थलीय पारिस्थितिक तंत्र एवं प्राकृतिक सिंक तथा रूपांतरणकारी कृषि पद्धतियों की रक्षा करके पृथ्वी की चक्रीय प्रक्रियाओं को संरक्षित करना।
    • स्थानीय समुदाय जलवायु संकट से निपटने के लिए  वर्तमान की तुलना में कहीं अधिक न्यायसंगत  एवं लागत प्रभावी तरीका हैं।

 

निष्कर्ष

  • हमें यह समझने की आवश्यकता है कि जलवायु संकट मात्र एक लक्षण है; हमारी वास्तविक समस्या यह है कि मानव उपभोग एवं क्रियाकलाप हमारे ग्रह की पुनर्योजी क्षमता से अधिक हो गए हैं।
  • प्रौद्योगिकी, सर्वोत्तम रूप से, एक स्थायी, पुनर्योजी एवं न्यायसंगत विश्व के मार्ग पर हमारी सहायता कर सकती है, न कि हमें आगे बढ़ा सकती है।

 

पीएम डिवाइन योजना मोढेरा सूर्य मंदिर मौसम परियोजना पर राष्ट्रीय सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र विश्व भू-स्थानिक सूचना कांग्रेस (यूएनडब्ल्यूजीआईसी 2022)
व्योमित्र ह्यूमनॉइड अमेरिकी विधान एनओपीईसी- उच्च ईंधन कीमतों से निपटने हेतु ओपेक प्लस बी 20 इंडोनेशिया वैश्विक संवाद
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर टेली-मानस पहल का शुभारंभ सतत पर्वतीय विकास सम्मेलन (सस्टेनेबल माउंटेन डेवलपमेंट समिट/एसएमडीएस) 2022 महत्वपूर्ण खनिज चंद्रयान -2 ने चंद्रमा की सतह पर सोडियम की मात्रा को मापा
manish

Recent Posts

Ganga River System Origin, Map and Tributaries

The Ganga is the longest river in India. The Ganga plays a very important role…

6 hours ago

MPSC Salary Structure and Job Profile 2024: Allowances, Perks, and Benefits

One of the main reasons why a large number of candidates participate in the PSC…

7 hours ago

MPSC Exam Date 2024 Out for 274 Posts, Check Prelims Exam Date

The Maharashtra Public Service Commission (MPSC) has already announced the MPSC Rajyaseva Exam Date for…

8 hours ago

UPSC Calendar 2025 Out, Check Exam Schedule for Prelims and Mains

UPSC Calendar 2025 Out: The UPSC Calendar 2025 has been released by the Union Public…

8 hours ago

UPPSC Previous Year Question Papers PDF Download With Solutions

Candidates preparing for the UPPSC Exam are advised to enhance their study strategy by utilizing…

9 hours ago

BPSC 70th Notification 2024, Exam Dates and Application Form

The Bihar Public Service Commission (BPSC) annually conducts the Service Examination to fill various Group…

9 hours ago