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बीजिंग ओलंपिक 2022- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- भारत के हितों पर विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव।
बीजिंग ओलंपिक 2022 का राजनयिक बहिष्कार – संदर्भ
- बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन की पूर्व संध्या पर, भारत ने बीजिंग ओलंपिक खेलों 2022 के राजनयिक बहिष्कार की घोषणा की।
- इससे पूर्व, रूस, भारत एवं चीन के विदेश मंत्रियों की एक बैठक के पश्चात, भारत खेलों के लिए समर्थन व्यक्त करने में रूस के साथ शामिल हुआ।
- अमेरिका एवं उसके सहयोगियों द्वारा शिनजियांग में अधिकारों के उल्लंघन के कारण राजनयिक बहिष्कार की घोषणा के मध्य भारत का समर्थन आया।
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बीजिंग ओलंपिक 2022- भारत का राजनयिक बहिष्कार
- बहिष्कार का कारण: पारंपरिक मशाल रिले के प्रतिभागियों में से एक के रूप में एक पीएलए कमांडर को चयनित करने के इस सप्ताह चीन के कदम के बाद भारत द्वारा राजनयिक बहिष्कार किया गया।
- पीएलए कमांडर 15 जून, 2020 को गलवन घाटी में हुए हिंसक संघर्ष में शामिल था। बाद में उसे बीजिंग द्वारा सैन्य सम्मान प्रदान किया गया था।
- प्रभाव:
- विदेश मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स/एमईए) ने कहा कि 4 से 20 फरवरी तक चलने वाले खेलों के उद्घाटन या समापन समारोह में कोई भी भारतीय अधिकारी उपस्थित नहीं होगा।
- भारत के राजनयिक बहिष्कार के बावजूद, एकमात्र भारतीय एथलीट जिसने क्वालीफाई किया, स्कीयर आरिफ खान, अभी भी सहयोगी स्टाफ के साथ खेलों एवं उद्घाटन समारोह दोनों में भाग लेंगे।
- चीनी भू-राजनीतिक तर्क: पीएलए कमांडर का चयन चीन द्वारा गलवन घाटी की झड़प को प्रचारित करने एवं पीएलए सैनिकों की “वीरता” को उजागर करने हेतु जारी एक अभियान है।
बीजिंग ओलंपिक 2022- अन्य देशों द्वारा राजनयिक बहिष्कार
- अमेरिका एवं उसके सहयोगियों जैसे कनाडा कथा ऑस्ट्रेलिया ने झिंजियांग में अधिकारों के उल्लंघन के कारण राजनयिक बहिष्कार की घोषणा की।
- शिनजियांग में, अल्पसंख्यक उइगरों को “पुनर्शिक्षा” शिविरों में भेजा गया है।
- चीनी प्रतिक्रिया: चीन ने लगभग एक दर्जन देशों द्वारा बीजिंग ओलंपिक खेलों का “राजनीतिकरण” करते हुए राजनयिक बहिष्कार किए जाने निंदा की।
- चीन ने पहले इन शिविरों के अस्तित्व से इनकार किया, किंतु बाद में कहा कि वे “व्यावसायिक प्रशिक्षण” के लिए थे।