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द हिंदू संपादकीय विश्लेषण: गंभीर समुद्र मत्स्यन
आज का द हिंदू संपादकीय विश्लेषण ईईजेड के भीतर गहरे समुद्र में मछली पकड़ने एवं संरक्षण पर आधारित है।
मामला क्या है?
गंभीर समुद्र में मत्स्यन पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला
- भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के क्षेत्रीय जल (12 समुद्री मील) से परे एवं तमिलनाडु के विशेष आर्थिक क्षेत्र (एक्सक्लूसिव इकोनामिक जोन/ईईजेड) (200 समुद्री मील) के भीतर मछली पकड़ने के लिए पर्स सीन मछली पकड़ने के गियर का उपयोग करने, किंतु कुछ प्रतिबंधों का पालन करते हुए अनुमति प्रदान की है।
- इससे पूर्व, फरवरी 2022 में तमिलनाडु सरकार द्वारा पर्स सीन मछली पकड़ने पर प्रतिबंध आरोपित करने के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय ने 24 जनवरी, 2023 को एक अंतरिम आदेश पारित किया था।
पृष्ठभूमि
- 25 मार्च, 2000 को, तमिलनाडु के मत्स्य विभाग ने, अन्य बातों के साथ, अपने क्षेत्रीय जल (12 समुद्री मील या तटरेखा से 22 किमी) के भीतर पर्स सीन मछली पकड़ने के जाल के उपयोग पर प्रतिबंध आरोपित कर दिया था।
- यद्यपि, केंद्र ने विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) के भीतर मछली पकड़ने के पर्स सीन तरीके पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है।
पर्स सीन फिशिंग क्या है?
पर्स सीन फिशिंग में एक ऐसी विधि सम्मिलित होती है जिसमें एक जहाज से जुड़ा एक ऊर्ध्वाधर जाल खुले समुद्र में मछली के घने समूहों पर आवरण के गठन में लक्षित होता है, जिसके तल को मछली को घेरने के लिए एक साथ खींचा जाता है।
राज्य सरकार द्वारा आपत्ति व्यक्त की गई?
तमिलनाडु सरकार ने न्यायालय के समक्ष आपत्तियां प्रस्तुत की:
- पारम्परिक मत्स्य गियर का उपयोग करने वाले पारंपरिक मछुआरों के विपरीत पर्स सीनर अत्यधिक मछली पकड़ने की प्रवृत्ति रखते हैं, इस प्रकार पारंपरिक मछुआरों की आजीविका को खतरे में डालते हैं।
- पीएसएफ मछली पकड़ने की एक गैर-चयनात्मक तकनीक है जो संरक्षित प्रजातियों सहित सभी प्रकार की मछलियों को पकड़ती है।
- इसके अतिरिक्त, यह एक ऐसी विधि है जिसका उपयोग समृद्ध एवं धनी मछुआरे या मछली पकड़ने वाली बड़ी कंपनियां करती हैं, क्योंकि यह तकनीक महंगी है एवं आम मछुआरों की पहुंच से बाहर है।
ईईजेड क्या है?
- एक विशेष आर्थिक क्षेत्र या एक्सक्लूसिव इकोनामिक जोन (ईईजेड) महासागर का एक क्षेत्र है, जो आमतौर पर किसी देश के प्रादेशिक समुद्र से परे 200 समुद्री मील (230 मील) तक फैला होता है, जिसके भीतर एक तटीय राष्ट्र का जीवित एवं निर्जीव दोनों संसाधनों पर अधिकार क्षेत्र होता है।
- एक विशेष आर्थिक क्षेत्र (एक्सक्लूसिव इकोनामिक जोन/ईईजेड) की अवधारणा को 1982 के समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय के माध्यम से अपनाया गया था।
- अंतरराष्ट्रीय विधि के तहत, परिभाषित ईईजेड के भीतर, एक तटीय राष्ट्र के पास:
- समुद्री तल (सीबेड), अवभूमि (सबसॉइल) एवं इसके ऊपर के समुद्रों के प्राकृतिक संसाधनों की खोज, दोहन, संरक्षण एवं प्रबंधन के उद्देश्य के लिए सार्वभौम अधिकार।
- कृत्रिम द्वीपों, प्रतिष्ठानों तथा संरचनाओं की स्थापना एवं उपयोग के संबंध में अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार अधिकार क्षेत्र; समुद्री वैज्ञानिक अनुसंधान; तथा समुद्री पर्यावरण की सुरक्षा एवं संरक्षण।
- अंतर्राष्ट्रीय विधि के तहत प्रदान किए गए अन्य अधिकार एवं कर्तव्य।
ईईजेड में गहरे समुद्र में मछली पकड़ने पर यूएनसीएलओएस क्या कहता है?
- यूएनसीएलओएस के अनुच्छेद 56.1 (ए) एवं 56.1 (बी) (iii) के तहत, तटीय राज्यों के पास यह सुनिश्चित करने हेतु संप्रभु अधिकार हैं कि ईईजेड के सजीव एवं निर्जीव संसाधनों का उपयोग, संरक्षण तथा प्रबंधन किया जाता है, एवं अतिदोहन के अधीन नहीं है।
- विदेशी बेड़े द्वारा क्षेत्र में प्रवेश भी पूर्ण रूप से तटीय राज्य के विवेक एवं उसके कानूनों तथा विनियमों के अधीन है।
- अतिदोहन को रोकने के लिए, तटीय राज्यों को उपलब्ध सर्वोत्तम वैज्ञानिक प्रमाणों के आलोक में ईईजेड (यूएनसीएलओएस के अनुच्छेद 61(1) एवं (2)) में कुल स्वीकार्य कैच (टोटल एलाउबल कैच/टीएसी) का निर्धारण करना चाहिए।
गहरे समुद्र में मछली पकड़ने की विधियों पर मौजूदा अंतरराष्ट्रीय नियम तथा मार्गदर्शन?
- अंतर्राष्ट्रीय कानूनी प्रयास शनै शनै बड़े पैमाने पर वेलापवर्ती जालों के उपयोग को छोड़ने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। चूंकि, पर्स सीन जाल का विशाल आकार (2,000 मीटर लंबाई एवं 200 मीटर गहराई) पर्स सीनर्स के लिए अधिकतम पकड़ की अनुमति प्रदान करता है, बदले में पारंपरिक मछुआरों के लिए अपर्याप्त मछलियों के फंसने को पीछे छोड़ देता है।
- ऐसे अनेक क्षेत्रीय संगठन हैं जो या तो बड़े ड्रिफ्ट नेट के उपयोग पर रोक लगाते हैं या कम से कम उनके निषेध की मांग करते हैं, जैसे कि 1989 दक्षिण प्रशांत फोरम की तरावा घोषणा।
- 1989 का कन्वेंशन फॉर द प्रोहिबिशन ऑफ फिशिंग विथ लॉन्ग ड्रिफ्ट नेट इन द साउथ पैसिफिक, जहां तक बहाव जाल मत्स्यन जहाजों के लिए बंदरगाह अभिगम (पोर्ट एक्सेस) को प्रतिबंधित करता है।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने संकल्प 44/225 (1989) एवं 46/215 (1991) को पारित किया तथा इस विकास का समर्थन किया एवं मजबूत किया, खुले समुद्र में बड़े पैमाने पर पेलाजिक ड्रिफ्ट नेट फिशिंग के सभी जहाजों पर रोक लगाने का आह्वान किया।
- हालांकि अभिसमय एवं संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव खुले समुद्र में पक्षकार राज्यों पर लागू होते हैं, ये सामान्य रूप से अति मत्स्यन (ओवरफिशिंग) को रोकने एवं ईईजेड में मत्स्य प्रबंधन के संरक्षण के संदर्भ में भी प्रासंगिक हैं।
निष्कर्ष
गैरेट हार्डिन का सिद्धांत, ‘द ट्रेजडी ऑफ द कॉमन्स‘, जो कहता है कि ‘सर्वसामान्य में एक स्वतंत्रता सभी को बर्बाद कर देती है‘ को सभी मछुआरों, विशेष रूप से तमिलनाडु एवं अन्य राज्यों के पर्स सेनर्स को भी विश्वास दिलाना चाहिए कि उन्हें संरक्षण के उपायों के अनुपालन में सहयोग करना चाहिए ।
पर्स सीन फिशिंग के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. पर्स सीन फिशिंग क्या है?
उत्तर. पर्स सीन फिशिंग में एक ऐसी विधि सम्मिलित होती होती है जहां एक जहाज से जुड़ा एक ऊर्ध्वाधर जाल खुले समुद्र में मछली के घने समूहों पर आवरण के गठन में लक्षित होता है, जिसके तल को मछली को घेरने के लिए एक साथ खींचा जाता है।
प्र. ईईजेड क्या है?
उत्तर. एक विशेष आर्थिक क्षेत्र या एक्सक्लूसिव इकोनामिक जोन (ईईजेड) महासागर का एक क्षेत्र है, जो आम तौर पर किसी देश के प्रादेशिक समुद्र से 200 समुद्री मील (230 मील) तक फैला होता है, जिसके भीतर एक तटीय राष्ट्र का जीवित एवं निर्जीव दोनों संसाधनों पर क्षेत्राधिकार होता है।