The Hindu Editorial Analysis, India Needs Public Policy Education
द हिंदू संपादकीय विश्लेषण: यूपीएससी एवं अन्य राज्य पीएससी परीक्षाओं के लिए प्रासंगिक विभिन्न अवधारणाओं को सरल बनाने के उद्देश्य से द हिंदू समाचार पत्रों के संपादकीय लेखों का संपादकीय विश्लेषण। संपादकीय विश्लेषण ज्ञान के आधार का विस्तार करने के साथ-साथ मुख्य परीक्षा हेतु बेहतर गुणवत्ता वाले उत्तरों को तैयार करने में सहायता करता है। आज का हिंदू संपादकीय विश्लेषण बेहतर नीति निर्माण सुनिश्चित करने के लिए सरकार में एक प्रभावी लोक नीति शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता एवं इसलिए तैयार की गई नीतियों का प्रभावी कार्यान्वयन पर चर्चा करता है ।
इंडिया नीड्स पब्लिक पॉलिसी एजुकेशन लेख भारत में लोक नीति शिक्षा को प्रोत्साहित करने हेतु कुछ सिफारिशें प्रस्तुत करता है। लोक नीति एवं लोक प्रशासन दोनों को निरूपित करने के लिए “सार्वजनिक प्रबंधन” शब्द का परस्पर उपयोग किया जाता है।
भारत की नौकरशाही में अनेक प्रतिभाशाली व्यक्ति सम्मिलित हैं जो विभिन्न स्तरों पर कार्य कर रहे हैं।
दुर्भाग्य से, भारत में लोक नीति शिक्षा पर बल देने की कमी है एवं केवल कुछ सिविल सेवा अधिकारी, जो नीति निर्माता हैं, लोक नीति एवं प्रशासन में औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं।
विश्वविद्यालय मुख्य रूप से सार्वजनिक प्रबंधन कार्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला की पेशकश नहीं करते हैं क्योंकि ऐसे पाठ्यक्रमों को करने वाले व्यक्तियों के लिए नौकरी के सीमित अवसर हैं।
हालांकि भारत एवं विदेशों में सार्वजनिक प्रबंधन अध्ययन करने के लिए सिविल सेवा अधिकारियों के लिए सीमित संख्या में विकल्प हैं, फिर भी कुछ अवसर मौजूद हैं।
निम्नलिखित तीन कदम विशेष रूप से एवं भारत में सामान्य रूप से नौकरशाही में एक व्यापक लोक नीति शिक्षा संस्कृति को प्रोत्साहित करने में सहायता कर सकते हैं-
सरकार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में लोक नीति को एक अनिवार्य विषय के रूप में शामिल करना चाहिए। कोई यह प्रश्न कर सकता है कि क्या यूपीएससी के उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य विषय के रूप में लोक नीति का समावेश करना उचित है।
दूसरा सुझाव सरकार के मौजूदा प्रशिक्षण संस्थानों में उनके प्रारंभिक प्रशिक्षण के एक भाग के रूप में लोक नीति शिक्षा के एक बड़े घटक को शामिल करना है। इसके अतिरिक्त, इन संस्थानों को प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए केस स्टडी बैंक का निर्माण करना चाहिए।
तीसरा, सरकार लोक नीति विश्लेषकों के लिए विशिष्ट पदों का सृजन कर सकती है, जिन्हें बाजार से लोक नीति कार्यक्रमों के स्नातकों द्वारा भरा जा सकता है। इससे इन स्नातकों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
किसी देश का भविष्य सरकार की नीतियों से अत्यधिक प्रभावित होता है। प्रभावी लोक नीतियों से आर्थिक विकास हो सकता है, लोक कल्याण में सुधार हो सकता है तथा नागरिकों के लिए जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि हो सकती है।
प्र. लोक अथवा लोक नीति शिक्षा क्या है?
उत्तर. लोक नीति शिक्षा एक अंतःविषय क्षेत्र है जो व्यक्तियों को नीति विश्लेषण, कार्यक्रम मूल्यांकन एवं नीति कार्यान्वयन में प्रशिक्षित करता है। इसमें सामाजिक कल्याण को प्रोत्साहित करने वाली नीतियों को निर्मित करने तथा क्रियान्वित करने हेतु अनुसंधान, विश्लेषण एवं पक्ष पोषण में कौशल विकसित करना शामिल है।
प्र. भारत में पब्लिक पॉलिसी कोर्स करने के बाद करियर के क्या अवसर हैं?
उत्तर. भारत में पब्लिक पॉलिसी कोर्स करने के पश्चात वृत्ति विकास (करियर) के कुछ अवसरों में सरकारी अभिकरणों, गैर सरकारी संगठनों, अनुसंधान संगठनों, थिंक टैंक, परामर्श प्रदाता कंपनियों तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में कार्य करना शामिल है। कोई नीति विश्लेषण, कार्यक्रम मूल्यांकन, नीति समर्थन एवं सामाजिक उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में भी कार्य कर सकता है।
प्र. भारत में कुछ लोकप्रिय लोक नीति पाठ्यक्रम कौन से हैं?
उत्तर. भारत में कुछ लोकप्रिय लोक नीति पाठ्यक्रम लोक नीति में स्नातकोत्तर (मास्टर ऑफ पब्लिक पॉलिसी/एमपीपी), मास्टर ऑफ आर्ट्स (एमए) इन पब्लिक पॉलिसी, लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर (मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन/एमपीए), लोक नीति तथा प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन पब्लिक पॉलिसी एंड मैनेजमेंट/पीजीडीपीपीएम) एवं लोक नीति एवं सतत विकास में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन पब्लिक पॉलिसी एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट/PGDPPSD) हैं।
प्र. भारत के कुछ शीर्ष संस्थान कौन से हैं जो लोक नीति पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं?
उत्तर. भारत के कुछ शीर्ष संस्थान जो लोक नीति पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं, वे हैं भारतीय प्रबंधन संस्थान (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट/IIM) बैंगलोर, इंडियन स्कूल ऑफ़ पब्लिक पॉलिसी (ISPP) दिल्ली, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज (TISS) मुंबई, नेशनल लॉ स्कूल ऑफ़ इंडिया यूनिवर्सिटी (NLSIU) ) बैंगलोर, तथा लोक नीति केंद्र (CPP) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली।
सार्वजनिक नीति शिक्षा एक अंतःविषय क्षेत्र है जो व्यक्तियों को नीति विश्लेषण, कार्यक्रम मूल्यांकन एवं नीति कार्यान्वयन में प्रशिक्षित करता है। इसमें सामाजिक कल्याण को प्रोत्साहित करने वाली नीतियों को निर्मित करने तथा क्रियान्वित करने हेतु अनुसंधान, विश्लेषण एवं पक्ष पोषण में कौशल विकसित करना शामिल है।
भारत में पब्लिक पॉलिसी कोर्स करने के पश्चात वृत्ति विकास (करियर) के कुछ अवसरों में सरकारी अभिकरणों, गैर सरकारी संगठनों, अनुसंधान संगठनों, थिंक टैंक, परामर्श प्रदाता कंपनियों तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में कार्य करना शामिल है। कोई नीति विश्लेषण, कार्यक्रम मूल्यांकन, नीति समर्थन एवं सामाजिक उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में भी कार्य कर सकता है।
भारत में कुछ लोकप्रिय सार्वजनिक नीति पाठ्यक्रम लोक नीति में स्नातकोत्तर (मास्टर ऑफ पब्लिक पॉलिसी/एमपीपी), मास्टर ऑफ आर्ट्स (एमए) इन पब्लिक पॉलिसी, लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर (मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन/एमपीए), लोक नीति तथा प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन पब्लिक पॉलिसी एंड मैनेजमेंट/पीजीडीपीपीएम) एवं सार्वजनिक नीति एवं सतत विकास में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन पब्लिक पॉलिसी एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट/PGDPPSD) हैं।
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