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प्रासंगिकता
- जीएस 2: केंद्र एवं राज्यों द्वारा आबादी के अति संवेदनशील वर्गों हेतु कल्याणकारी योजनाएं एवं इन योजनाओं का निष्पादन।
प्रसंग
- हाल ही में, झारखंड विधानसभा ने एक विधेयक पारित किया है, जो निजी क्षेत्र में स्थानीय व्यक्तियों हेतु 75% आरक्षण का प्रावधान करता है।
मुख्य बिंदु
- यह लाभ उन लोगों को प्रदान किया जाएगा जो एक महीने में 40,000 रुपए तक वेतन अर्जित कर (कमाते) हैं।
- एक बार अधिसूचित होने के पश्चात, झारखंड आंध्र प्रदेश एवं हरियाणा के बाद ऐसा विधान पारित करने वाला देश का तीसरा राज्य बन जाएगा।
पर्यवेक्षण समिति
- विधेयक, रोजगार प्रक्रिया के अनुश्रवण हेतु एक नामित अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति के गठन का प्रावधान करता है एवं इस संबंध में जैसा वह उचित समझे, संबंधित नियोक्ता को निर्देश जारी करता है।
- समिति में उप विकास आयुक्त (डीडीसी), अंचल अधिकारी (सीओ) एवं स्थानीय विधायक शामिल होंगे।
संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021
यह एक अच्छा उपाय क्यों है?
- जब आर्थिक विकास असमान रूप से संवितरित होता है, तो स्थानीय व्यक्तियों को महसूस होता है कि बाहरी व्यक्ति इस तरह के विकास से लाभ का अधिक हिस्सा प्राप्त करते हैं।
- इसके अतिरिक्त, स्थानीय भाषाओं एवं संस्कृतियों को संरक्षित करने तथा सभी व्यक्तियों पर एकमात्र अथवा एक आम भाषा थोपने के प्रलोभन में नहीं पड़ने की आवश्यकता है।
- अनेक विशेषज्ञ प्रायः स्थानीय परिस्थितियों में आत्मसात करने की आवश्यकता पर बल देते हैं, जिसका अर्थ है कि बाहरी व्यक्तियों एवं प्रवासियों को स्थानीय भाषा सीखने तथा स्थानीय रीति-रिवाजों का पालन करने की आवश्यकता होती है।
- इसके अतिरिक्त, विनिर्माण कंपनियों के कार्यशाला (शॉप फ्लोर) में कम विपत्तियां एवं दुर्घटनाएं हो सकती हैं क्योंकि ऐसी घटनाओं के कारण संचार का अभाव (कम्युनिकेशन गैप) होने की संभावना कम होती है।
- स्थानीय व्यक्तियों को कार्य पर रखना जो क्षेत्र एवं भाषा से परिचित हैं, ग्राहकों का सामना करने की भूमिका में महत्वपूर्ण हैं।
इस प्रकार के उपाय की कमियां
- संभावना है कि ऐसे कुछ काम ऐसे व्यक्ति करेंगे जो सामान्य परिस्थितियों में रोजगार प्राप्त करने वाले व्यक्तियों की तुलना में कम योग्य होंगे।
- स्थानीय लोगों के लिए नौकरियों को आरक्षित करने से योग्य उम्मीदवारों की आपूर्ति कम हो जाती है जिसके परिणामस्वरूप खराब और घटिया काम हो सकता है।
- क्षेत्रीय संकीर्णता उद्योगों को प्रभावित करती है एवं औद्योगिक विकास में गिरावट की ओर अग्रसर कर दी है।
- ऐसी कई नौकरियां हैं जिनके लिए विशेष कौशल एवं नवीन क्षमताओं की आवश्यकता होती है जो प्रतिभा समूह को संकुचित करने पर बेकार हो सकती हैं।
- इस तरह के उपायों से कार्यस्थल की संस्कृति भी खराब हो सकती है क्योंकि कार्यबल का ध्रुवीकरण एवं विभिन्न समूहों में विभाजन हो जाएगा।
संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2021