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विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग

प्रासंगिकता

  • जीएस 2: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र / सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।

 

प्रसंग

  • हाल ही में, द टाइम्स हायर एजुकेशन (द) ने वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2022 जारी की।

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रैंकिंग के बारे में

  • रैंकिंग में 99 देशों एवं प्रदेशों के 1,600 विश्वविद्यालय शामिल हैं।
  • यह 13 संकेतकों पर आधारित है जो चार व्यापक क्षेत्रों: शिक्षण, अनुसंधान, ज्ञान हस्तांतरण एवं अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण को मापते हैं।

 

मुख्य बिंदु

  • ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, यूनाइटेड किंगडम लगातार छठे वर्ष विश्व में शीर्ष क्रम का विश्वविद्यालय बना हुआ है।
  • शीर्ष 20 रैंकों में संयुक्त राज्य अमेरिका के विश्वविद्यालयों का प्रभुत्व (दबदबा) था।
  • शीर्ष 200 रैंकों में 4 देशों– संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया का दबदबा था।
  • चीनी विश्वविद्यालय का उदय: एक दशक पूर्व, रैंकिंग में चीन के 3 विश्वविद्यालय थे जबकि आज देश के शीर्ष 200 में 10 विश्वविद्यालय हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980

विश्व के शीर्ष 10 विश्वविद्यालय

 

रैंक  विश्वविद्यालय  देश
1 ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय  ब्रिटेन (यूके)
2 कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए)
3 हार्वर्ड यूनिवर्सिटी संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए)
4 स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए)
= 5 यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज (कैंब्रिज विश्वविद्यालय) ब्रिटेन (यूके)
6 मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए)
7 प्रिंसटन यूनिवर्सिटी संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए)
8 यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए)
9 येल यूनिवर्सिटी संयुक्त राज्य अमेरिका ( यूएसए)
10 शिकागो विश्वविद्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए)

 

 

विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग 2021 भारत

  • कोई भी भारतीय विश्वविद्यालय शीर्ष 200 में नहीं है, आईआईएससी बेंगलुरु शीर्ष 350 में सर्वोच्च रैंक वाला भारतीय संस्थान बना हुआ है।
  • इस वर्ष की रैंकिंग के लिए रिकॉर्ड 71 संस्थानों ने अर्हता प्राप्त की है।

भारतीय विश्वविद्यालयों द्वारा रैंकिंग का बहिष्कार

  • मुंबई, दिल्ली, कानपुर, गुवाहाटी, मद्रास, रुड़की एवं खड़गपुर के आईआईटी ने वैश्विक रैंकिंग में भाग नहीं लिया है।
  • संस्थानों ने पारदर्शिता पर चिंताओं का हवाला देते हुए अप्रैल 2020 में अपने बहिष्कार की घोषणा की, क्योंकि उनमें से किसी को भी विश्व के सर्वश्रेष्ठ 300 विश्वविद्यालयों में स्थान प्राप्त नहीं हुआ।

मंथन- 2021 हैकथॉन

बहिष्कार के कारण

  • आईआईटी ने भाग लेने वाले संस्थानों को अनुलेखन मीट्रिक पर अपना स्कोर बढ़ाने के लिए सहयोगी अनुसंधान परियोजनाओं का उपयोग करने की अनुमति देने पर आपत्ति व्यक्त की।
    • इस तरह के शोध पत्रों में इसके साथ संबंधित अनेक लेखकों के आधार पर उच्च अनुलेखन हैं।
    • इसलिए, एक संस्थान जो इस तरह की परियोजना का हिस्सा है, उसे एक पेपर के कारण अन्यों पर असंगत लाभ होता है, जिसे विश्व स्तर पर अनेक बार अनुलेखित किया जाता है।

 

 

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